Lockdown in Delhi ! कब लॉकडाउन लगेगा और कब क्या खुलेगा, अब नहीं रहेगी संशय की स्थिति
Lockdown in Delhi ! दिल्ली में भी संभावित तीसरी लहर को नियंत्रित करने के लिए आम आदमी पार्टी सरकार ने ग्रेडेड रिस्पांस सिस्टम तैयार किया है। यह ग्रेडेड रिस्पांस सिस्टम कोरोना की संक्रमण दर सक्रिय कोरोना मरीजों की संख्या और अस्पतालों में मरीजों की संख्या पर तय होगा।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। कोरोना वायरस संक्रमण के डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार तैयारी में जुट गई है। वैज्ञानिक भी आगाह कर चुके हैं कि संभावित तीसरी लहर अक्टूबर-नवंबर में पीक पर हो सकती है। वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को जानकारी दी कि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते राज्य में भविष्य में कब लॉकडाउन लगेगा और कब क्या खुलेगा? इसे लेकर अब संशय की स्थिति नहीं रहेगी। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को हुई अहम बैठक के दौरान दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (Delhi Disaster Management Authority) की ओर से 'Graded Response Action Plan' पास किया गया है।बैठक में कोरोना के Delta+ वेरिएंट को लेकर भी बात हुई। बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि इस वेरिएंट को हमें दिल्ली में फैलने से रोकना है, जिसके लिए सरकार हर ज़रूरी कदम उठा रही है। इसके तहत 'Graded Response Action Plan' के तहत यह भी तय किया गया है कि कोरोना संक्रमण की स्थिति में कब लॉकडाउन लगेगा और कब क्या खुलेगा? इसका एक खाका तैयार कर लिया गया है। इसमें तय किया गया है कि रोजाना या फिर सप्ताह में कितने मामले सामने आने और संक्रमण क्या रहने पर कौन सी चीजें दिल्ली में बंद की जाएंगी और किनको अनुमति मिलेगी।
गौरतलब है कि एलजी दिल्ली अनिल बैजल ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में COVID 19 महामारी की स्थिति और आगे के रास्ते पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को 22 वीं डीडीएमए बैठक की अध्यक्षता की। इसमें सीएम और राजस्व मंत्री, सीएस दिल्ली और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा डॉ वीके पॉल, नीति आयोग, डॉ बलराम भार्गव, आईसीएमआर, डॉ रणदीप गुलेरिया, डीआईआर एम्स, डॉ एसके सिंह, एनसीडीसी और डॉ कृष्णा वत्स, डीडीएमए अन्य मौजूद रहे।
इस दौरान डेल्टा प्लस और लैम्ब्डा जैसे नए रूपों से उत्पन्न होने वाली चिंताओं पर विस्तार से चर्चा की गई और टीकाकरण, जीनोम अनुक्रमण, परीक्षण, ट्रैकिंग और निगरानी जैसे उपायों को उनके प्रसार को कम करने के लिए सबसे प्रभावी कदम के रूप में सुझाया गया।
यहां पर बता दें कि दिल्ली में भी संभावित तीसरी लहर को नियंत्रित करने के लिए आम आदमी पार्टी सरकार ने ग्रेडेड रिस्पांस सिस्टम तैयार किया है। यह ग्रेडेड रिस्पांस सिस्टम कोरोना की संक्रमण दर, सक्रिय कोरोना मरीजों की संख्या और अस्पतालों में मरीजों की संख्या पर तय किया जाएगा। इसके तहत दिल्ली में संक्रमण फैलने वाली जगहों पर पाबंदियां लगने लगेगी।
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पीला (Yellow)
राजधानी दिल्ली में संक्रमण दर लगातार दो दिनों के दौरान 0.5 फीसद से अधिक बनी रहती है या एक सप्ताह तक 1,500 कोरोना के नए मामले आते हैं अथवा अस्पतालों में 500 आक्सीजन बेड औसतन एक सप्ताह तक के लिए भरे रहते हैं तो यह अलर्ट प्रभावी रहेगा। वहीं, कम मामलों के आने की स्थिति में बाजारों और माल में गैर-जरूरी सामान और सेवाओं वाली दुकानों को सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक ऑड-इवेन फार्मूले के अनुसार खोलने की अनुमति मिलेगी। इसके अलावा, दिल्ली के तीनों नगर निगम क्षेत्र में विक्रेताओं की आधी क्षमता पर एक साप्ताहिक बाजार लगाने की अनुमति दी जाएगी। निर्माण गतिविधियों और औद्योगिक इकाइयों को संचालित करने की भी इजाजत होगी।
अंबर (पीला-नारंगी मिश्रित)
अगर संक्रमण दर लगातार दो दिनों तक एक फीसद से अधिक रहता है या फिर एक सप्ताह में 3,500 नए मामले आते हैं या फिर एक सप्ताह के दौरान औसत 700 से अधिक आक्सीजन बेड भरे रहते हैं तो यह अलर्ट लागू होगा। ऐसे में निर्माण गतिविधियों की अनुमति होगी। बाजारों और माल में दुकानों को ऑड-इवेन के आधार पर सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक खोला जा सकेगा।
नारंगी
अगर लगातार दो दिनों के दौरान कोरोना संक्रमण की दर 2 फीसद से अधिक रहती है या एक सप्ताह के दौरान 9,000 नए मामले दर्ज होते हैं या फिर अस्पताल में औसतन 1000 आक्सीजन बेड लगातार सात दिनों तक भरे रहते हैं तो यह अलर्ट लागू होगा। ऐसी स्थिति में किराना, दूध व केमिस्ट जैसे आवश्यक सामानों की दुकानों को छोड़कर सभी माल और बाजार बंद रहेंगे। मेट्रो सेवाएं बंद रहेंगी, बसों को केवल आवश्यक गतिविधियों में लगे यात्रियों के साथ 50 फीसद बैठने की क्षमता के साथ संचालित करने की अनुमति होगी। ऑटो, कैब, ई-रिक्शा में अधिकतम दो यात्रियों को ले जाने की अनुमति होगी।
लाल
यदि कोरोना की संक्रमण दर लगातार दो दिनों तक 5 फीसद से अधिक हो रहती है या एक सप्ताह में 16,000 नए मामले दर्ज होते हैं या फिर अस्पतालों में औसतन 3000 ऑक्सीजन बेड एक सप्ताह या उससे अधिक समय तक भरे रहते है तो यह संकेत प्रभावी होगा। ऐसे में निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध रहेगा। यदि श्रमिक साइट पर रह सकते है तो कारखानों में केवल आवश्यक वस्तुओं का उत्पादन करने की अनुमति दी जाएगी।
अलर्ट 1
0.5 फीसदी संक्रमण लगतारा दो दिन रहने,
7 दिनों में 1500 सक्रिय केस।
500 मरीज सात दिनों में ऑक्सीजन बेड पर भर्ती
अलर्ट 2
1 फीसदी संक्रमण लगातार दो दिन।
3500 केस सात दिनों में आएं।
700 ऑक्सीजन बेड सात दिन में भर जाएं।
अलर्ट 3
2 फीसदी संक्रमण दर लगातार दो दिन।
900 केस सात दिनों के अंदर आ जाएं।
1000 ऑक्सीजन बेड सात दिन में भर जाएं।
अलर्ट 4
5 फीसदी संक्रमण दर लगातार दो दिन
16000 मरीज सात दिन के अंदर आ जाएं
3000 ऑक्सीजन बेड सात दिन में भर जाएं
गौरतलब है कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर के दौरान ग्रेडेड रिस्पांस सिस्टम के लिए सरकार ने कोरोना की संक्रमण दर, सात दिनों में सक्रिय मरीजों की संख्या और अस्पतालों में भर्ती होने वाली की संख्या को मानक बनाया गया है। उसके आधार पर ही स्थिति आकलन करके पाबंदियां लगाई गई है।