Rahul Rajput Murder Case: 'गर्लफ्रेंड' क्या मुख्य गवाह बनकर खोलेगी राहुल की हत्या के राज
Rahul Rajput Murder Case हत्याकांड में एकमात्र चश्मदीद गवाह किशोरी के बयान पर अब पुलिस और पीड़ित परिवार की निगाह टिकी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जांच में किशोरी सहयोग कर रही है। किशोरी को पुलिस मुख्य गवाह बनाने पर भी विचार कर रही है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Rahul Rajput Murder Case: राहुल राजपूत की पिटाई के बाद हुई मौत के मामले में उनके स्वजनों ने रविवार को कहा कि पिटाई में पांच, नहीं बल्कि आठ लोग शामिल थे। वहीं पुलिस पांच आरोपितों के ही शामिल होने की बात कह रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में पांच आरोपित दिख रहे हैं। सभी को पकड़ लिया गया है। बहरहाल, पुलिस आसपास लगे अन्य कैमरों की फुटेज की जांच कर रही है। पीड़ित परिवार अब तक की जांच से संतुष्ट नजर नहीं आ रहा है। परिवार का कहना है कि मामले में शामिल तीन अन्य आरोपित पुलिस की पकड़ से अभी दूर हैं। उन्हें भी पकड़ा जाए। इसके साथ ही पिटाई में शामिल जो तीनों नाबालिग पकड़े गए हैं, उनकी मेडिकल जांच कराई जाए। ताकि उनकी उम्र के बारे में सही जानकारी मिल सके।
किशोरी के बयानों पर टिकी हैं उम्मीदें
इस हत्याकांड में एकमात्र चश्मदीद गवाह किशोरी के बयान पर अब पुलिस और पीड़ित परिवार की निगाह टिकी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जांच में किशोरी सहयोग कर रही है। किशोरी को पुलिस मुख्य गवाह बनाने पर भी विचार कर रही है। इसके अलावा एक फुटेज में दिख रहीं दो महिलाओं के बारे में भी पता लगा रही है, ताकि उनसे पूछताछ कर उन्हें भी गवाह बनाया जा सके। पीड़ित परिवार भी किशोरी से सही तथ्यों को उजागर करने की उम्मीद जता रहा है। राहुल के चाचा धर्मपाल ने बताया कि परिवार को किशोरी के बारे में कोई जानकारी नहीं है, और न ही राहुल के अलावा कोई उससे मिला है। किशोरी जांच में सहयोग कर रही है। ऐसे में उम्मीद है कि जल्द ही सही तथ्य सामने होंगे।
आर्थिक मदद नहीं भर सकता जख्मों को
मृतक राहुल के पिता संजय ने कहा कि आर्थिक मदद से हमारे जख्म नहीं भर सकते हैं। हत्या में शामिल सभी दोषियों को पकड़कर फांसी की सजा दी जाए।
नाबालिगों पर बालिग की तरह हो कार्रवाई
पीड़ित परिवार की मांग है कि नाबालिग आरोपितों के खिलाफ बालिग की तरह मुकदमा चलाया जाए। स्वजनों का कहना है कि सभी नाबालिग दो से तीन साल बाद छूट जाएंगे। ऐसे में वह फिर से इस तरह के अपराध को अंजाम देंगे। नाबालिगों ने जिस तरह से राहुल को चोट पहुंचाई थी, इस तरह की चोट कोई बालिग ही पहुंचा सकता है।
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