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Indian Railway: क्या है लोको पायलट के आराम करने का नियम? जिस पर सख्ती बरतने जा रहा है रेलवे

Indian Railway विश्राम के लिए तय समय में रेलवे के चालक ( loco pilots) का कोई और काम करना यात्रियों के जीवन पर भारी पड़ रहा है। यह जानकारी रेलवे की आंतरिक समीक्षा में भी सामने आई है।

By Santosh Kumar SinghEdited By: JP YadavPublished: Fri, 07 Oct 2022 09:05 AM (IST)Updated: Fri, 07 Oct 2022 09:05 AM (IST)
Indian Railway: क्या है लोको पायलट के आराम करने का नियम? जिस पर सख्ती बरतने जा रहा है रेलवे
विश्राम के समय काम करने वालों पर लोको पायलट पर होगी कार्रवाई। फाइल फोटो।

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। भारतीय रेलवे अपने करोड़ों ट्रेन यात्रियों की सुरक्षा को लेकर हमेशा सजग रहता है। उसकी यह कोशिश रहती है कि वह अपने यात्रियों के लिए सुरक्षित सफर का हर इंतजाम करे। इसी कड़ी में  ट्रेन  चालकों के आराम करने का भी नियम है, जिससे वे ठीक तरीके से ट्रेनों का परिचालन कर सकें।

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लोको पायलट के आराम करने लिए नियम

रेलवे का नियम है कि लोको पायलट मुख्यालय पर (जहां वह रहता है) 16 घंटे एवं बाहरी स्टेशनों पर (रनिंग रूम) में आठ घंटे का विश्राम पूर्ण होने के बाद ही उसे फिर से ट्रेन या मालगाड़ी चलाने की अनुमति होती है। 

लोको पायलट नहीं कर रहे आराम, रेलवे चिंतित

दरअसल, निरंतर हो रही दुर्घटनाओं से रेलवे प्रशासन की चिंता बढ़ी है। हाल के महीनों में ट्रेन या मालगाड़ी का पटरी से उतरने व आपस में टक्कर होने की कई घटनाएं हुई हैं। अधिकांश दुर्घटनाएं मानवीय चूक के कारण होती हैं। अपर्याप्त आराम अथवा नींद पूरी न होने पर चालक (लोको पायलट) अवसाद में आ जाते हैं, जिससे मानवीय चूक की आशंका बढ़ जाती है। रेलवे की आंतरिक समीक्षा में भी यह बात सामने आई है। 

विश्राम के समय काम करने वालों पर होगी कार्रवाई 

इस वर्ष की पहली तिमाही में एसपीडी (चालक द्वारा खतरे की स्थिति में सिग्नल को पार कर जाना) के 13 मामले दर्ज हुए हैं। इनमें से अधिकांश मामलों में चालक पर्याप्त विश्राम नहीं करने के बावजूद काम पर आ गया था। तकनीकी कारण से सिर्फ चार मामले हुए हैं। ट्रेन चलाने से पहले चालक और सह-चालक का आराम करना जरूरी है, ताकि दुर्घटना रहित ट्रेन का परिचालन हो सके।

आराम करने का नियम सख्ती से होगा लागू

रेलवे बोर्ड ने इसे गंभीरता से लेते हुए सभी क्षेत्रीय रेलवे को चालक दल के अनिवार्य विश्राम के लिए तय शर्तों का ईमानदारी से पालन कराने और इसका उल्लंघन करने वालों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। इसके लिए बिना लिखित अनुमति के लोको पायलट के बाहर जाने पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा लोको पायलट के स्वजन से मिलकर वरिष्ठ कर्मचारी उन्हें पर्याप्त विश्राम के बिना ट्रेन चलाने से होने वाले हादसों के बारे में जागरूक कर रहे हैं।


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