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Weather Update: आज से बदलेगा मौसम का मिजाज, जानिए- मार्च में क्यों तंग कर रहा कोहरा

बताया जा रहा है कि मौसम के उतार चढ़ाव के बीच इस बार मार्च महीने में ठंड और बारिश के साथ कोहरा भी देखने को मिल रहा है। हालांकि सर्दियों में इस बार कोहरा ज्यादा नहीं रहा।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 05 Mar 2019 08:05 AM (IST)Updated: Tue, 05 Mar 2019 08:43 AM (IST)
Weather Update: आज से बदलेगा मौसम का मिजाज, जानिए- मार्च में क्यों तंग कर रहा कोहरा
Weather Update: आज से बदलेगा मौसम का मिजाज, जानिए- मार्च में क्यों तंग कर रहा कोहरा

नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली-एनसीआर में मंगलवार की सुबह हल्की सर्दी लेकर आई, इससे लोग फुल बाजू के स्वैटर या फिर जैकेट में नजर आए। मंगलवार सुबह दिल्ली के साथ-साथ एनसीआर के कई इलाकों में कोहरा छाया रहा। दिल्ली एयरपोर्ट के आसपास कोहरे के चलते 5 उड़ानें डायवर्ट की गई हैं।

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इससे पहले सोमवार को कोहरा तो था, लेकिन सर्दी नहीं के बराबर थी।बताया जा रहा है कि मौसम के उतार चढ़ाव के बीच इस बार मार्च महीने में ठंड और बारिश के साथ कोहरा भी देखने को मिल रहा है। हालांकि, सर्दियों में इस बार कोहरा ज्यादा नहीं रहा।

मौसम विभाग के अनुसार अगले दो दिनों तक सुबह के समय मध्यम कोहरा देखने को मिल सकता है। कोहरे की वजह बारिश को बताया जा रहा है। सोमवार को दिल्ली के साथ ही नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद और गाजियाबाद में भी घना कोहरा देखने को मिला। कोहरे की वजह से पालम में दृश्यता का स्तर महज एक सौ मीटर दर्ज किया गया। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार बारिश से बढ़ी नमी और हल्की हवा के प्रभाव से दिल्ली और इसके पड़ोसी क्षेत्रों में कोहरा आया है।

सोमवार को दिन भर तेज धूप खिली रही। अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री कम 23.9 डिग्री सेल्सियस, जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री कम 11.2 डिग्री सेल्सियस रहा। हवा में नमी का स्तर 54 से 97 फीसद तक रहा। मंगलवार को अधिकतम तापमान 23 और न्यूनतम 11 डिग्री रहने की संभावना है। अब तापमान में धीरे-धीरे इजाफा होगा और इस हफ्ते के अंत तक यह 25 डिग्री के आसपास पहुंच सकता है। बारिश की संभावना 10 मार्च तक नहीं है।

कोहरे से 11 उड़ानें प्रभावित

राजधानी में बारिश के बीच सोमवार की सुबह इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (आइजीआइ एयरपोर्ट) पर कोहरे ने दस्तक दी। इससे दृष्यता कम होने की वजह से सौ उड़ानों के संचालन में देरी हुई, जबकि 11 को डायवर्ट कर दूसरे एयरपोर्ट पर उतारा गया। सुबह करीब दस बजे मौसम ठीक होने पर ही एयरपोर्ट पर उड़ानों का संचालन सामान्य हो सका।

एयरपोर्ट के मौसम विभाग के मुताबिक सोमवार सुबह आइजीआइ एयरपोर्ट पर कोहरा गहराने लगा। सुबह 5.30 बजे एयरपोर्ट की सामान्य दृश्यता जहां 400 मीटर थी। वहीं, 7.30 बजे इसका स्तर गिरकर 100 मीटर पर पहुंच गया। यही नहीं 8.30 बजे दृश्यता 50 मीटर ही पाई गई। दृश्यता कम होने की वजह से करीब 100 उड़ानों के संचालन में देरी हुई। वहीं 11 उड़ानों को डायवर्ट कर दिल्ली के आसपास के एयरपोर्ट पर उतारा गया। डायवर्ट की गई उड़ानों में 10 घरेलू, जबकि एक अंतरराष्ट्रीय थी। दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) के मुताबिक उड़ानों को डायवर्ट किए जाने का कारण तकनीकी था। वहीं, कोहरे का असर विमान संचालन पर पड़ने से कई उड़ानें 15 मिनट से दो घंटे की देरी से उड़ और उतर सकीं। सबसे ज्यादा प्रभाव चंडीगढ़, लेह, अहमदाबाद, लखनऊ, हैदराबाद, श्रीनगर, देहरादून और अमृतसर से आने-जाने वाली उड़ानों पर पड़ा। इसके अलावा कुछ अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी प्रभावित हुईं।

दिल्ली के प्रदूषण की जड़ यहां की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था का अत्यंत कमजोर होना है। आलम यह है कि दिल्ली के प्रदूषण में 61 फीसद हिस्सा तो वाहनों और औद्योगिक इकाइयों के धुएं का ही है। पीएम 2.5 और पीएम 10 भी यहां तय सीमा से औसतन 76 फीसद ज्यादा है। हैरानी की बात यह कि सरकारी स्तर पर भी प्रदूषण से निपटने के लिए योजनाएं तो तमाम बन रही हैं, लेकिन उनके क्रियान्वयन को लेकर गंभीरता कहीं नजर नहीं आती।

कहने को दिल्ली में सर्वाधिक 48 मॉनिटरिंग स्टेशन हैं। इनमें 38 रियल टाइम हैं जबकि 10 मैन्यूल। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर अब समूचे दिल्ली-एनसीआर में एयर मॉनिटरिंग स्टेशनों का दायरा बढ़ाया जा रहा है। फिलहाल दिल्ली-एनसीआर में कुल 110 मॉनिटरिंग स्टेशन लगे हैं। मार्च 2019 तक इनकी संख्या 141 हो जाने की संभावना है। इतनी सघन निगरानी के बावजूद प्रदूषण थम नहीं रहा है। दूसरी तरफ कोलकाता और मुंबई जैसे महानगरों में महज तीन-तीन रियल टाइम मॉनिटरिंग स्टेशनों के सहारे ही वायु प्रदूषण की निगरानी हो रही है।

विशेषज्ञों के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का मिक्स ट्रेंड रहा है और इसमें साल दर साल इजाफा हो रहा है। यह सही है कि कई साल बाद सर्दियों के इस सीजन में खतरनाक श्रेणी के प्रदूषित दिनों की संख्या कुछ कम हुई है, लेकिन इससे प्रदूषण घटने का अनुमान नहीं लगाया जा सकता। सरकारी स्तर पर योजनाएं बनाकर उस पर गंभीरता से अमल करने की जरूरत है। 


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