21 मार्च से फिर बदलेगा मौसम का मिजाज
Delhi Weather Update दिल्ली-एनसीआर में शनिवार को जमकर बारिश हुई और जमकर ओले गिरे। एक बार फिर 21 मार्च से मौसम बदल सकता है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Weather Update: दिल्ली-एनसीआर में शनिवार को झमाझम बारिश के साथ जमकर ओलावृष्टि हुई। सुबह 8.30 बजे से लेकर शाम 5.30 बजे तक 37 मिलीमीटर (मिमी.) बारिश दर्ज की गई। इस बारिश के साथ ही मार्च माह में पिछले पांच साल में हुई बारिश की रिकॉर्ड भी टूट गया। एक से 14 मार्च तक कुल 101.9 मिमी. बारिश हो चुकी है, जोकि पिछले पांच साल में सबसे ज्यादा है। इससे पहले 2015 में मार्च में 97.2 मिमी. बारिश हुई थी।
तापमान सामान्य से पांच डिग्री ज्यादा
शनिवार सुबह 8.30 बजे से लेकर शाम 5.30 बजे तक पालम में 0.4 मिमी., लोदी रोड में 47.6 मिमी., दिल्ली रिज में 19.4 मिमी. और आयानगर में 3.2 मिमी. बारिश दर्ज हुई। वहीं बारिश के कारण अधिकतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस तक गिरकर 24.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। न्यूनतम तापमान 16.4 डिग्री दर्ज हुआ। यह सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस ज्यादा था। हवा में नमी का अधिकतम स्तर 98 फीसद और न्यूनतम स्तर 67 फीसद दर्ज हुआ।
सात किलोमीटर तक बिछी थी ओले की चादर
नई दिल्ली के प्रादेशिक मौसम पूर्वानुमान के प्रमुख डॉ. कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि शनिवार को दिल्ली में बारिश के अलावा एक से दो सेंटीमीटर तक ओलावृष्टि भी हुई। इससे पहले इतनी ज्यादा ओलावृष्टि 2019 में 7 फरवरी को हुई थी। तब दिल्ली से नोएडा जाने वाले डीएनडी फ्लाईओवर समेत यमुना एक्सप्रेसवे पर 7 किलोमीटर तक ओलों की चादर बन गई थी। उन्होंने बताया कि 10 मार्च को उत्तर भारत में नए पश्चिमी विक्षोभ ने दस्तक दी थी। इस कारण 10 से लेकर 14 मार्च तक बारिश और ओलावृष्टि हुई।
आगे कैसा रहेगा मौसम
डॉ. कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि रविवार को बादल छाए रह सकते हैं। अधिकतम तापमान 27 डिग्री और न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। हालांकि अगले पांच दिनों तक दिल्ली में बारिश होने की स्थिति नहीं बनेगी। 21 मार्च से फिर से उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ दस्तक देगा, लेकिन इसका असर दिल्ली समेत आसपास के मैदानी इलाकों में नहीं होगा।
जानिए क्यों होती है ओलावृष्टि
डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि आमतौर पर फरवरी एवं मार्च में पश्चिमी विक्षोभ के कारण ओलावृष्टि होने की स्थिति बनती है। उन्होंने बताया कि पृथ्वी की सतह से 4 से 5 किलोमीटर की ऊंचाई पर शून्य डिग्री सेल्सियस की एक परत मौजूद होती है। यह बर्फ की जमी हुई परत होती है। मौसम विज्ञान की भाषा में इसे फ्रीङ्क्षजग लेवल कहा जाता है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण जब यह परत 2.5 किलोमीटर से 3 किलोमीटर तक नीचे आ जाती है और पश्चिमी विक्षोभ से बेहद ज्यादा मात्रा में नमी इसके साथ मिलती है तब ओलावृष्टि होती है।
कब कितनी बारिश हुई
वर्ष मार्च में कितनी मिमी. बारिश
2015- 97.2
2016- 34.8
2017- 11.1
2018- बूंदाबांदी
2019- 12.2
2020- 101.9 (14 मार्च शाम 5.30 बजे तक)