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टाइट कपड़े में 8 घंटे चलाई कार तो पहुंचा अस्पताल, 24 घंटे में स्थिर हुआ ब्लड सर्कुलेशन

अस्पताल के नेफ्रोलॉजी विभाग के विशेषज्ञ डॉ. योगेश कुमार छाबड़ा ने कहा कि जब युवक को यहां लाया गया था उस समय उनका बीपी रिकॉर्ड नहीं हो रहा था। सांस बहुत कम चल रही थी।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 22 Nov 2019 08:39 AM (IST)Updated: Fri, 22 Nov 2019 10:59 AM (IST)
टाइट कपड़े में 8 घंटे चलाई कार तो पहुंचा अस्पताल, 24 घंटे में स्थिर हुआ ब्लड सर्कुलेशन
टाइट कपड़े में 8 घंटे चलाई कार तो पहुंचा अस्पताल, 24 घंटे में स्थिर हुआ ब्लड सर्कुलेशन

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। टाइट जींस में लगातार घंटों कार चलकर लंबी दूरी तय करना महंगा पड़ सकता है। दिल्ली के रहने वाले 30 वर्षीय युवक सौरभ शर्मा ने टाइट जींस पहनकर आठ घंटे तक कार चलाई जिसकी वजह से रक्तसंचार प्रभावित हुआ और ब्लड क्लॉट (थक्का) बन गया। इसके बाद बाएं पैर में दर्द होने के बावजूद उन्होंने उसे नजरअंदाज किया।

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इस बीच उन्होंने एल्कोहल का इस्तेमाल भी किया था। दो दिन बाद सीढ़ी चढ़कर ऑफिस पहुंचते ही वह बेहोश होकर गिर गए। इस वजह से उन्हें शालीमार बाग स्थिति मैक्स अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती होना पड़ा। ब्लड क्लॉट दूर करने की दवा देने व 45 मिनट तक सीपीआर (कार्डियक पल्मोनरी रिससिटेशन) करने के बाद धड़कन व सांस की गति स्थिर हुई।

अस्पताल के डॉक्टर इसका कारण लंबे समय तक टाइट जींस पहनकर कार चलाना बता रहे हैं। अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. नवीन भामरी ने कहा कि सौरभ पल्मोनरी एम्बोलिज्म के शिकार हुए। इलाज के बाद पता चला कि इसका कारण आठ घंटे तक कार चलाना था। उन्होंने कहा कि पल्मोनरी एम्बोलिज्म एक जानलेवा बीमारी है। इसके 50 फीसद मामलों में हार्ट अटैक होता है।

अस्पताल के नेफ्रोलॉजी विभाग के विशेषज्ञ डॉ. योगेश कुमार छाबड़ा ने कहा कि जब उन्हें यहां लाया गया था, उस समय उनका बीपी रिकॉर्ड नहीं हो रहा था। सांस बहुत कम चल रही थी। शरीर में ऑक्सीजन की कमी से शरीर नीला पड़ गया था। सीपीआर देकर उनकी जान बचाई गई। 24 घंटे में उनका ब्लड प्रेशर स्थिर हुआ। फिर भी किडनी ठीक से काम नहीं कर रही थी। इस वजह से 24 घंटे तक डायलिसिस पर रखा गया।

अस्पताल के डॉ. देवेंद्र अग्रवाल ने कहा कि बैठने पर पैर हिलाते रहना चाहिए। इससे रक्तसंचार बना रहता है। पैर में रक्त थक्का होने पर इसका असर दिल तक पड़ता है, इसलिए पैर के दर्द को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठने से परहेज करना चाहिए।

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