Covid-19: स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा- हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर करेंगे याचिका
सत्येंद्र जैन ने बताया कि हाई कोर्ट के ऑर्डर के खिलाफ वह पुन याचिका दायर करेंगे। मंगलवार को ही कोर्ट ने सरकार के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें प्राइवेट अस्पतालों के आइसीयू के 80 फीसद बेड को कोविड-19 के मरीजों के लिए सुरक्षित रखने को कहा था।
नई दिल्ली, एएनआइ। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि दिल्ली हाई कोर्ट के ऑर्डर के खिलाफ वह पुन: याचिका दायर करेंगे। मंगलवार को ही दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकार के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें प्राइवेट अस्पतालों के आइसीयू के 80 फीसद बेड को कोविड-19 के मरीजों के लिए सुरक्षित रखने को कहा गया था।
अस्पतालों में करीब 30 फीसद बाहर के मरीज
बता दें कि इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री जैन बताया था कि पिछले आठ से 10 दिनों में अस्पतालों में कोरोना के इलाज के लिए डेढ़ हजार बेड व 500 आइसीयू बेड भी बढ़ाए गए हैं। मौजूदा समय में वेंटिलेटर व ऑक्सीजन बेड की कमी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि एक हजार वेंटिलेटर व ऑक्सीजन बेड खाली पड़े हैं। उन्होंने फिर कहा कि अस्पतालों में भर्ती करीब 30 फीसद मरीज बाहर के रहने वाले हैं। ज्यादातर मरीज गंभीर हालत में पहुंचे हैं। इस वजह से मौजूदा समय में आइसीयू में भर्ती करीब 1500 मरीज बाहर के हैं। इस कारण कुछ बड़े निजी अस्पतालों में वेंटिलेटर व ऑक्सीजन बेड की कमी है। सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली में कोरोना से मृत्यु दर घटकर 2.01 फीसद पर आ गई है।
दिल्ली सरकार की होम आइसोलेशन पद्धति कारगर
जब दिल्ली में कोरोना का पहला मामला सामने आया, तभी से हमने इसके बारे में जानकारी जुटानी शुरू की। आज दिल्ली सरकार की होम आइसोलेशन पद्धति की पूरे दुनिया में चर्चा हो रही है। कोरोना को लेकर जो सुविधाएं दिल्ली सरकार ने मरीजों को दी हैं, वह दुनिया के अन्य देशों में नहीं है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में 80 प्रतिशत मरीज होम आइसोलेशन में ही ठीक हुए हैं। पिछले एक सप्ताह में होम आइसोलेटेड किसी भी कोरोना संक्रमित मरीज की मौत नहीं हुई है।
दस मिनट में भर्ती
स्वास्थ्य कर्मचारी उन्हें नियमित घर जाकर देखरेख कर रहे हैं। मरीजों को पल्स ऑक्सीमीटर भी मुहैया करा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राजधानी के अस्पतालों में संक्रमित मरीजों को भर्ती करने में कोई दिक्कत नहीं है। आज दिल्ली के अस्पतालों में मरीज को अधिकतम 10 मिनट के भीतर भर्ती कर लिया जाता है। इसी का परिणाम है कि अन्य राज्यों के मरीज दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले छह माह में पता चला है कि कोरोना की रोकथाम में मास्क सबसे महत्वपूर्ण है। इसलिए मास्क जरूर लगाएं। 90 प्रतिशत लोगों को कोरोना हो गया और उन्हें पता ही नहीं चला कि वे ठीक भी हो चुके हैं, लेकिन जो बुजुर्ग और बच्चे उनके संर्पक में आए उनके लिए कोरोना अधिक खतरा बना।
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