हमें सूक्ष्म-प्रशिक्षण पारिस्थिति की प्रणालियों का निर्माण करना चाहिए: विमला रामचंद्रन
शिक्षकों के प्रोफेशनल विकास पर चर्चा करते हुए शैक्षिक संसाधन इकाई की निदेशक विमला रामचंद्रन ने कहा कि भारत में शिक्षकों के पेशेवर विकास की आवश्यकता है। हम उनका समुचित विकास करते हुए सूक्ष्म-प्रशिक्षण पारिस्थितिकी प्रणालियों का निर्माण करके सही दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।
नई दिल्ली [रीतिका मिश्रा]। दिल्ली सरकार के अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन 2021 के तीसरे दिन भारत, नीदरलैंड और इंग्लैंड के नीति विशेषज्ञों ने शिक्षकों के साथ पैनल चर्चा की। इस पैनल चर्चा में चार प्रमुख विषयों में भारत बनाम अन्य जगहों पर शिक्षकों के कार्यभार, शिक्षकों की प्रेरणा या इसके अभाव को प्रभावित करने वाले कारक, शिक्षकों की स्वायत्तता और व्यावसायिक विकास के प्रभावी तरीके जैसे विषय शामिल थे।
शिक्षकों के प्रोफेशनल विकास पर चर्चा करते हुए शैक्षिक संसाधन इकाई की निदेशक विमला रामचंद्रन ने कहा कि भारत में शिक्षकों के पेशेवर विकास की आवश्यकता है। हम उनका समुचित विकास करते हुए सूक्ष्म-प्रशिक्षण पारिस्थितिकी प्रणालियों का निर्माण करके सही दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय के सीओओ सुब्रमण्यन गिरीधर ने स्वैच्छिक शिक्षक मंच के महत्व पर प्रकाश डाला जो जमीनी स्तर पर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा मंच है जहां 20-25 शिक्षकों का समूह किसी एक विषय को लेकर कहता है कि क्या हमलोग इसे कल बेहतर तरीके से पढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के लिए प्रशासनिक सहायता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।
नीदरलैंड के विशेषज्ञ एवर्स ने समग्र व्यवस्थित मुद्दों को स्वीकार करने का महत्व बताते हुए कहा कि अब सिर्फ एक अच्छा शिक्षक होना काफी नहीं है। यदि आप शिक्षा में प्रणालीगत मुद्दों के बारे में नहीं जानते हैं, तो नई प्रथाओं का उपयोग करना मुश्किल होगा। लेखिका लूसी क्रहान ने अन्य देशों के तुलनात्मक मॉडल पेश किए। उन्होंने कहा कि जापान, चीन, सिंगापुर में लेसन (पाठ) स्टडी का अभ्यास किया जाता है। शिक्षक एक साथ आकर किसी विषय को पढ़ाने की योजना बनाते हैं। इंग्लैंड में कार्यरत इतिहास के शिक्षक फ्लेचर ने कहा कि शिक्षकों को अपने विचार बनाने तथा लागू करने का अवसर देना काफी उपयोगी है।
हमें शिक्षकों को कक्षाओं के बाहर अपने विचारों पर काम करने और अपनी शिक्षण योजनाओं को बेहतर बनाने का अवसर दें। इससे उन्हें उन आदतों की पहचान में मदद मिलेगी, जिन्हें बदलने की आवश्यकता है। शिक्षकों और विशेषज्ञों की इस पैनल चर्चा के बाद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने विशेषज्ञों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि शिक्षक प्रशिक्षण की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने, अच्छे बुनियादी ढांचे को विकसित करने और शिक्षकों के लिए अनुकूल कार्य वातावरण का निर्माण करना दिल्ली सरकार के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। एक साथ काम करके इन सभी विचारों को लागू किया जा सकता हैं।
नीदरलैंड के लर्निंग एक्सपर्ट और इनोवेटर जेलेमर एवर्स ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की बात पर सहमति जताते हुए कहा कि व्यवस्था को दोष देने के बजाय शिक्षा सुधार के लिए शिक्षकों को अवसर प्रदान करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को स्वायत्तता प्रदान करना और संगठन के भीतर उन्हें शिक्षक एजेंसी के बतौर अवसर प्रदान करना काफी महत्वपूर्ण है।
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