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सेहत पर भारी पड़ सकता है जलभराव, एनसीआर में रहने वालों के लिए खतरे की घंटी

बारिश से सड़क व गड्ढों में पानी जमा रहने से ज्यादा मच्छर फैलते हैं। एनसीआर में डेंगू से पार पाने के लिए जमीनी स्तर पर काम करने की बनी योजना।

By Amit SinghEdited By: Published: Wed, 18 Jul 2018 11:43 AM (IST)Updated: Wed, 18 Jul 2018 12:10 PM (IST)
सेहत पर भारी पड़ सकता है जलभराव, एनसीआर में रहने वालों के लिए खतरे की घंटी
सेहत पर भारी पड़ सकता है जलभराव, एनसीआर में रहने वालों के लिए खतरे की घंटी

नई दिल्ली (जेएनएन)। बरसात के पानी की निकासी का पुख्ता इंतजाम नहीं होने का दुष्प्रभाव दिल्ली के लोग पिछले दिनों झेल चुके हैं। यदि जलभराव की यही स्थिति रही तो यह लोगों की सहत पर भी भारी पड़ेगा। ऐसे में जगह-जगह जल भराव से भारी मात्रा में डेंगू व चिकनगुनिया के मच्छरों के पैदा होने की आशंका है। इस कारण डेंगू, चिकनगुनिया व मलेरिया की बीमारी ज्यादा बढ़ेगी।

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जुलाई से नवंबर तक रहता है डेंगू का प्रकोप

निगम के आंकड़े भी बताते हैं कि जुलाई से डेंगू व चिकनगुनिया के मामले बढ़ने शुरू होते हैं। इसके बाद अगस्त, सितंबर व अक्टूबर में इसके मामले अधिक देखे जाते हैं। नवंबर तक इन बीमारियों का प्रकोप बरकरार रहता है। यदि कहीं पानी जमा हो तो तीन से चार दिन में लार्वा बन जाता है और करीब 10 दिनों में डेंगू के मच्छर तैयार हो जाते हैं।

दिल्ली में अब तक डेंगू के 62 मामले आ चुके हैं सामने

दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अजय लेखी ने कहा कि दिक्कत यह है कि गड्ढों में भरा पानी यदि तीन से चार दिन में नहीं निकाला जाए उनमें मच्छरों को पनपने का पूरा अवसर मिल जाता है। इसलिए जरूरी है कि सड़क पर या पार्को में भी कहीं पानी जमा होने न दिया जाए। दिल्ली में डेंगू के अभी तक करीब 62 मामले सामने आ चुके हैं। चिकनगुनिया के 25 व मलेरिया के 122 मामले सामने आ चुके हैं।

एनसीआर के स्वास्थ्य अधिकारियों की हुई बैठक

डेंगू-मलेरिया को लेकर एनसीआर के शहरों में चिंता बढ़ गई है। इसी को लेकर मंगलवार को एनसीआर के स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक दिल्ली में हुई। बैठक में केंद्र व दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के उच्च अधिकारियों के साथ गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, नोएडा, गाजियाबाद व अन्य शहरों के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे।


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