दिल्ली जल बोर्ड की HC से अपील- हरियाणा से मिलने वाले पानी की निगरानी करे केंद्र
राजधानी में पानी की समस्या को लेकर दिल्ली जल बोर्ड ने हाई कोर्ट में शपथ पत्र दाखिल कर गंभीर चिंता जाहिर की है। डीजीबी ने शपथ पत्र में कहा कि हरियाणा से होने वाली जल आपूर्ति में
नई दिल्ली, जेएनएन। देश की राजधानी दिल्ली में पानी की समस्या को लेकर दिल्ली जल बोर्ड ने दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में शपथ पत्र दाखिल कर गंभीर चिंता जताई है। जल बोर्ड ने कहा कि हरियाणा से होने वाली जल आपूर्ति में कोई कटौती न हो, इसके लिए केंद्र सरकार को इसकी निगरानी करने के लिए कहा जाए। आने वाला समय महत्वपूर्ण है और हरियाणा को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का सख्ती से पालन करते हुए वजीराबाद जलाशय में पर्याप्त पानी रखना चाहिए।
मुख्य न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन व न्यायमूर्ति एजे भंभानी की पीठ के समक्ष दाखिल शपथ पत्र में जल बोर्ड ने कहा कि वजीराबाद जलाशय को भरने के लिए जरूरी कम से कम 120 क्यूसेक पानी देने में हरियाणा अनिच्छा जता रहा है, जबकि यह न्यायालय के आदेश का उल्लंघन है।
अनुरोध है कि कम से कम 100 दिन तक केंद्र सरकार हरियाणा से होने वाली जलापूर्ति की निगरानी करे। हरियाणा के पास सभी स्त्रोतों से करीब 22 हजार क्यूसेक पानी रहता है, लेकिन मार्च के मध्य से जून के अंत तक वजीराबाद जलाशय को पूरा भरने के लिए जरूरी 120 क्यूसेक पानी भी वह नहीं देना चाह रहा है।
इससे पहले जल बोर्ड अपने शपथ पत्र में कह चुका है कि आगामी कुछ हफ्तों में नई दिल्ली क्षेत्र में पानी की बड़ी समस्या हरियाणा की वजह से होगी।
इसका असर लुटियन दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री आवास, न्यायमूर्ति समेत अन्य सरकारी आवासों की जलापूर्ति पर पड़ सकता है। जल बोर्ड ने अधिवक्ता एसबी त्रिपाठी की जनहित याचिका पर शपथ पत्र दिया है, जिसमें उन्होंने राजधानी में पर्याप्त जलापूर्ति की मांग की है। इस याचिका पर हाई कोर्ट ने पूर्व में हरियाणा को राष्ट्रीय राजधानी को पर्याप्त जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के आदेश दिए थे।