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6 दिसबंर की जगह अब गीता जयंती पर 'शौर्य दिवस' मनाएगी विहिप

अयोध्या में विवादस्पद ढांचे के गिरने वाले दिन छह दिसंबर की जगह अब विश्व हिंदू परिषद (विहिप) शौर्य दिवस प्रत्येक वर्ष गीता जयंती के दिन ही मनाया करेगी। यह निर्णय हाल ही में फरीदाबाद में हुए केंद्रीय प्रबंध समिति व प्रन्यासी मंडल की बैठक में लिया गया है।

By Jp YadavEdited By: Published: Thu, 05 Aug 2021 01:03 PM (IST)Updated: Thu, 05 Aug 2021 01:03 PM (IST)
6 दिसबंर की जगह अब गीता जयंती पर 'शौर्य दिवस' मनाएगी विहिप
6 दिसबंर की जगह अब गीता जयंती पर 'शौर्य दिवस' मनाएगी विहिप

नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। अयोध्या में विवादस्पद ढांचे के गिरने वाले दिन छह दिसंबर की जगह अब विश्व हिंदू परिषद (विहिप) शौर्य दिवस प्रत्येक वर्ष गीता जयंती के दिन ही मनाया करेगी। यह निर्णय हाल ही में फरीदाबाद में हुए केंद्रीय प्रबंध समिति व प्रन्यासी मंडल की बैठक में लिया गया है। इसके साथ ही विहिप ने मतांतरण के खिलाफ आंदोलन चलाते हुए बलिदान होने वाले स्वामी श्रद्धानंद के बलिदान दिवस (23 दिसंबर) को भी प्रतिवर्ष वृहद स्तर पर मनाने का निर्णय लिया है।

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बैठक में संगठन के उत्सवाें को लेकर विस्तार से चर्चा की गईं। इसके सांस्कृतिक, धार्मिक व राष्ट्रीय आयामों पर विस्तार से विमर्श हुआ, जिसके बाद तय हुआ कि

संगठन द्वारा प्रति वर्ष मनाए जाने वाले सात प्रमुख उत्सवों में कुछ की तिथियों में बदलाव करते हुए सभी को अब से व्यापक स्तर पर मनाया जाएगा और इसमें पूरा विहिप परिवार शामिल होगा, जिसमें बजरंग दल, मातृ शक्ति, दुर्गा वाहिनी, सेवा विभाग व समरसता विभाग प्रमुख हैं।

इस संबंध में विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने बताया कि तय हुआ कि विहिप के सात उत्सवों में छह उत्सव हिंदू कैलेंडर तथा एक अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार मनाए जाएंगे। संयोग से मकर संक्रांति हिंदू व अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 14 जनवरी को ही पड़ता है। जबकि शौर्य दिवस को अब हिंदू कैलेंडर के अनुसार गीता जयंती के दिन मनाने का निर्णय हुआ है, क्योंकि गीता जयंती को ही ध्यान में रखकर रामजन्म भूमि मुक्ति के लिए अयोध्या में कारसेवा प्रारंभ हुई थी। वर्ष 1992 में यह छह दिसंबर को पड़ा था। इसके बाद इस दिन को अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से छह दिसंबर को ही मनाने का प्रचलन हो गया, लेकिन बैठक में तय हुआ कि प्रत्येक वर्ष शौर्य दिवस को गीता जयंती के दिन ही मनाया जाएगा। इस वर्ष गीता जयंती 14 दिसंबर को है।

इसी तरह धार्मिक, सामाजिक, आध्यात्मिक, राष्ट्रीय व धर्मांतरण विरोधी आंदोलन में अतुलनीय योगदान देने वाले स्वामी श्रद्धानंद के बलिदान दिवस को भी प्रतिवर्ष व्यापक स्तर पर मनाने का निर्णय किया गया है। बंसल ने बताया कि भारत हिंदू शुद्धि सभा के माध्यम से उन्होंने लाखों मेव मुस्लिमों तथा धर्मांतरण किए ईसाईयों की घर वापसी कराई थी। इसके कारण एक मुस्लिम द्वारा चांदनी चौक में उनकी 23 दिसंबर 1926 को धोखे से हत्या कर दी गईं। बता दें कि मतातंरण को विहिप ने अपने प्रमुख एजेंडे में शामिल किया है और इसके खिलाफ राष्ट्रीय कानून बनाने की मांग जोर-शोर से उठा रही है।

विहिप के प्रमुख उत्सव- तिथि

-रामोत्सव-वर्ष प्रतिपदा से राम नवमी तक

-दुर्गा अष्टमी-शारदीय नवरात्रि

-गोपाष्टमी-कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि

-शौर्य दिवस-गीता जयंती

-श्रद्धानंद बलिदान दिवस-23 दिसंबर

व मकर संक्राति-14 जनवरी

-स्थापना दिवस- जन्माष्टमी


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