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Ram Mandir, Ayodhya: राम मंदिर निर्माण के लिए आया विश्व हिंदू परिषद का बुलावा, बनिए स्वयंसेवक

Ram Mandir Ayodhya रामलला के बहुप्रतीक्षित मंदिर के शिलापूजन के लिए देश भर के पौने तीन लाख गांवों से शिलाएं पहुंची थीं। ऐसे में संतों के आदेश पर विहिप ने धनसंग्रह के लिए चार लाख गांवों तक पहुंचने का लक्ष्य तय किया है।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 14 Dec 2020 11:49 AM (IST)Updated: Mon, 14 Dec 2020 12:02 PM (IST)
Ram Mandir, Ayodhya: राम मंदिर निर्माण के लिए आया विश्व हिंदू परिषद का बुलावा, बनिए स्वयंसेवक
राम मंदिर निर्माण को राष्ट्र निर्माण के संकल्प तक जाना है।

नई दिल्ली [नेमिष हेमंत] Ram Mandir, Ayodhya :  लंका विजय के लिए कभी भगवान श्रीराम की प्रेरणा से छोटे-छोटे प्रयासों की संपूर्णता ने रामसेतु रच डाला था, अब रामलला के भव्य राम मंदिर निर्माण के धनसंग्रह के लिए विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की परिकल्पना भी कुछ वैसी ही है। गुल्लक की रेचकारी से बड़े दानदाताओं तक धनसंग्रह के लिए देशभर में संग्रहकर्ता स्वयंसेवकों का सेतु तैयार किया जाएगा, इसके जरिए मकर संक्रांति से शुरू होने वाले 44 दिनों के इस धनसंग्रह अभियान में 55 करोड़ लोगों तक पहुंचने की योेजना बनाई गई है। रामकाज के इस महाभियान को पूरा करने के लिए विहिप को बड़े स्तर पर स्वयंसेवकों की जरूरत है। इसके लिए स्वैच्छिक सेवायोजना की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। इसके तहत कोई भी चाहे वह किसी भी धर्म-संप्रदाय, जाति-वर्ग का हो, अपनी सुविधा और प्रतिबद्धता के आधार पर भागीदारी कर सकता है। विहिप ने इसके लिए देशभर के ऐसे सभी नागरिकों का आह्वान किया है जो इस कार्य के लिए कुछ समय निकाल सकें।

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दरअसल, धनसंग्रह से लेकर मंदिर निर्माण तक, विहिप समेत इससे जुड़े अन्य संगठनों की कोशिश यही है कि मर्यादापुरुषोत्तम के लिए जो भी कार्य हों, वो पूरी तरह मयार्दित हों और उसमें रामराज्य की अवधारणा के अनुरूप जन-जन की भागीदारी हो। बिना किसी भेदभाव के, हर जाति-वर्ग के लोग, इसमें भागीदार बनें और महाभियान को उसकी संपूर्णता के साथ आगे बढ़ाया जाए। इस महाभियान की कमान संभालने वालों में एक हैं विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल। उनके मुताबिक यह महज धनसंग्रह या मंदिर निर्माण का विषय नहीं है। यह श्रीराम के जीवन मूल्यों, संस्कारों, उनकी शिक्षा और मर्यादाओं को जन-जन तक पहुंचाने का अभियान भी है। यह सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक समरसता के साथ आर्थिक समरसता का भी अभियान है। लिहाजा, इस महाभियान में उद्योगपति, राजनेता, समाजसेवी, सांस्कतिक, धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधि समेत सबको जोड़ने का प्रयास है। किसान, मजदूर, वंचित, गिरीवासी और वनवासी समाज के सम्मुख भी झोली फैलाएंगे। समाज के हर वर्ग, संप्रदाय को साथ लेकर मंदिर निर्माण को राष्ट्र निर्माण के संकल्प तक जाना है।

उन्होंने बताया कि धनसंग्रह के लिए देश भर में बड़ी तादाद में स्वयंसेवकों की जरूरत होगी और यह संकल्प रामभक्तों की बदौलत ही पूर्ण होना है। इसलिए विहिप ने सभी का आह्वान किया है कि वो राम काज के लिए आगे आएं। राष्ट्र मंदिर के निर्माण में समूचे देश की भागीदारी हो और हर किसी को यह अहसास हो कि सदियों के इस सपने के साकार होने में उसका भी कुछ अंश है। बताया कि इस मुहिम में विस्तारक के तौर पर युवाओं, विद्यार्थियों, व्यवसायियों, समाजसेवियों, किसानों-मजदूरों, राजनीतिक-सांस्कृतिक-धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों और नौकरीपेशा लोगों में जो भी चाहे शामिल हो सकता है, जो इस कार्य के लिए कुछ समय निकाल सके।

4 लाख गांवों तक पहुंचने का लक्ष्य

रामलला के बहुप्रतीक्षित मंदिर के शिलापूजन के लिए देश भर के पौने तीन लाख गांवों से शिलाएं पहुंची थीं।

ऐसे में संतों के आदेश पर विहिप ने धनसंग्रह के लिए चार लाख गांवों तक पहुंचने का लक्ष्य तय किया है। यहां यह बताते चले कि विहिप के नेतृत्व में मंदिर के लिए धन संग्रह अभियान चलेगा। इसमें सभी रामभक्त और साधु- संतों का सहयोग रहेगा।

स्मरण के लिए दिए जाएंगे प्रस्तावित राममंदिर का चित्र और रसीद

राममंदिर आंदोलन में सहयोग राशि सवा रुपये थी। वहीं, मंदिर निर्माण में न्यूनतम आर्थिक सहयोेग की राशि 10 रुपये रखी गई है। सहयोग का स्मरण हमेशा के लिए साथ रहे इसके लिए सहयोगकर्ताओं को रसीद और कूपन दिया जाएगा। इसके लिए 10 रुपये, सौ रुपये और एक हजार रुपये के कूपन छपवाए गए हैं। इसी तरह दो हजार रुपये से अधिक रकम देने वालों को रसीद दी जाएगी। इसी तरह सहयोगकर्ताओं को प्रस्तावित भव्य श्रीराम मंदिर और प्रभु राम के चित्र भी दिए जाएंगे।

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