फुर्सत का ज्ञान : महिलाओं से संबंधित हर सवाल का यहां मिलेगा जवाब
महिलाओं से जुड़े किसी भी विषय पर शोध के लिए इससे उपयुक्त पुस्तकालय दिल्ली में कोई और नहीं मिलेगा। यह पुस्तकालय सभी के लिए निशुल्क है।
नई दिल्ली, रितु राणा। महिला स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार या फिर महिला आंदोलन से जुड़ी किताबें व लेख पढ़ने हैं तो वीना मजूमदार मोमोरियल पुस्तकालय जाएं। यहां आपको आजादी से पूर्व अब तक के महिला आंदोलन से जुड़े सभी पोस्टर, पैंपलेट्स, लेख, किताबें आदि दस्तावेज मिल जाएंगे। अशोक रोड स्थित सेंटर फॉर वुमन्स डेवल्पमेंट स्टडीज (सीडब्ल्यूडीएस) द्वारा संचालित वीना मजूमदार मेमोरियल पुस्तकालय दिल्ली में वुमन स्टडी का एक बहुत बड़ा केंद्र हैं।
महिलाओं से जुड़े किसी भी विषय पर शोध के लिए इससे उपयुक्त पुस्तकालय दिल्ली में कोई और नहीं मिलेगा। यह पुस्तकालय सभी के लिए नि:शुल्क है। यहां आकर आप आराम से पढ़ सकते हैं। विद्यार्थी, शोधार्थी, शिक्षक या कोई भी व्यक्ति जो महिला से संबंधित विषयों को पढ़ना चाहते हैं या शोध करना चाहते हैं उनका यह पुस्तकालय स्वागत करता है।
ऐसे हुई पुस्तकालय की शुरुआत
सीडब्ल्यूडीएस की चेयरपर्सन डॉ. कुमुद शर्मा ने बताया कि वीना मजूमदार एक भारतीय शिक्षाविद्, सामाजिक कार्यकर्ता और नारीवादी थीं। वीना मजूमदार महिलाओं के अध्ययन में विद्वतापूर्ण अनुसंधान के साथ सक्रियता को संयोजित करने वाली पहली महिला शिक्षाविदों में से थीं। वह भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएसएसाआर) के तहत 1980 में स्थापित एक स्वायत्त संगठन सेंटर फॉर वुमेन डेवलपमेंट स्टडीज (सीडब्ल्युडीएस) की संस्थापक निदेशक थीं।
इससे पहले वह आइसीएसएसाआर के वुमन स्टडी प्रोग्राम की हेड भी रह चुकी थीं। 1981 में सीडब्ल्युडीएस के पुस्तकालय की स्थापना की गई। 2013 में वीना मजूमदार की मृत्यु के बाद उनके योगदान को देखते हुए उनकी स्मृति में इस पुस्तकालय का नाम उनके नाम पर वीना मजूमदार मेमोरियल पुस्तकालय रखा गया। लाइब्रेरी इंचार्ज डॉ. संघमित्रा जाना चटर्जी ने बताया कि वीना मजूमदार ने 80 के दशक में महिलाओं से जुड़े आंदोलनों में बढ़-चढ़कर भाग लिया था। उन्होंने सीडब्ल्यूडीएस की स्थापना में बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी। उनके प्रयास से दिल्ली के पंचशील क्षेत्र में सीडब्ल्यूडीएस पुस्तकालय स्थापित किया गया। उसके बाद इस सीडब्ल्यूडीएस केंद्र को अशोका रोड भाई वीर सिंह मार्ग पर स्थानांतरित किया गया। संघमित्रा ने बताया कि भाई वीर सिंह मार्ग पर कम जगह होने के कारण पुस्तकालय को यंग वुमन्स क्रिशन एसोसिएशन (वाइडब्ल्यूसीए) के परिसर में स्थापित किया गया।
महिलाओं पर अध्ययन व शोध के लिए यहां पहुंचे
पुस्तकालय में महिलाओं की स्थिति, महिलाओं के इतिहास, महिला अध्ययन, स्त्रीवाद, महिला आंदोलन, महिला रोजगार व विकास, सामाजिक समस्या, शोषण, महिला आंदोलन आदि से संबंधित 15 हजार पुस्कतों का भंडार है। महिला से जुड़े किसी भी विषय पर शोध की दृष्टि से यह पुस्तकालय उपयुक्त है। यहां पर 1984 से अब तक की महिला मुद्दों पर अखबारों में छपी 27 हजार 700 खबरों का कलेक्शन भी है।
यहां महिलाओं की स्थिति पर लिखे गए दुर्लभ लेखों का खजाना
पुस्तकालय में महिलाओं पर लिखी करीब 15 हजार पुस्तकों का भंडार है। इसके अलावा 1980 के महिलाओं से संबंधित खबरों पर पुराने अखबारों की कटिंग, कॉन्फ्रेंस के लेख, पोस्टर आदि का संग्रह है। इस पुस्तकालय में महिलाओं की स्थिति पर लिखा पहला लेख टूवर्ड्स इक्वेलिटी (1974) भी संरक्षित करके रखा गया है, जिसकी वीना मजूमदार सदस्य सचिव रही थी। वो रिपोर्ट उस समय का एक अग्रणी लेख था। यहां महिलाओं पर लिखी दुर्लभ पुस्तकों व लेखों खजाना है।
यहां इंडिया, वुमन एम्लॉयमेंट, वुमन डेवेलपमेंट, बच्चों, महिलाओं की स्थिति, शिक्षा, वुमन्स स्टडी, महिला स्वास्थ्य आदि पर लिखी किताबें व लेखों को संरक्षित किया गया है। जिनमें वीना मजूमदार की करीब 300 पुस्तकें व लेख हैं। इसके अलावा यहां दुर्लभ लेख कॉन्फ्रेंस ऑन वुमन एंड डेवेलपमेंट (1976), द हिस्ट्री अॉफ डूइंग एन इलस्ट्रेशन ऑफ मूवमेंट्स फॉर वूमन्स राइट्स एंड फेमिनिज्म इन इंडिया(1800-1990), वुमन्स लाइफ साइकिल एंड आइडेन्टिटी (सितंबर 25 से 1 अक्टूबर 1981-भदकाल लेक हरियाणा), वूमन इन एशिया वर्कशॉप (1981, सिडनी पेपर्स), टूवार्ड्स इक्वेलिटी रिपोर्ट ऑफ द कमेटी ऑन द स्टेटस ऑफ वूमन इन इंडिया-1974 आदि को संरक्षित करके रखा गया है।
2002 से हुआ पुस्तकालय का डिजिटाइजेशन
लाइब्रेरी के पदाधिकारियों ने बताया कि 2002 से इस पुस्तकालय के डिजिटाइजेशन का काम तेजी से शुरु हुआ। यहां मौजूद हर पुस्तक, लेख, अखबारों की कटिंग, पोस्टर आदि को स्कैन करके उसका डिजिटाइजेशन कर उसे पाठकों के लिए अॉनलाइन उपलब्ध कराया गया। आज कोई भी पाठक सीडब्ल्यूडीएस की वेबसाइट पर जाकर इस लाइब्रेरी से जुड़ी कोई भी जानकारी ऑनलाइन प्रापित कर करता है। इतना ही नहीं लाइब्रेरी में मौजूद सभी किताबों व दस्तावेजों को निशुल्क पढ़ भी सकते हैं। पुस्तकालय ने कोहा नाम से ओपन सॉर्स लाइब्रेरी सॉफ्टवेयर पर अपने डेटाबेस बनाया है। जिसमें किताबों, रिपोर्ट, कॉन्फेंस डाक्यूमेंट्स, जर्नल (पत्रिका) व अखबारों के लेख आदि का एक लाख 29 हजार डाटा उपलब्ध है।
पुस्तकालय खुलने का समय-सुबह 10 बजे से लेकर शाम पांच बजे तक। शनिवार व रविवार पुस्तकालय बंद रहता है।
ऐसे पहुंचे-नजदीकी मेट्रो स्टेशन पटेल चौक, वहां से पैदल चलकर मात्र 10 मिनट में लाइब्रेरी तक पहुंचा जा सकता है।