Delhi NCR में सतर्कता और सख्ती के जरिये ही कोरोना संक्रमण पर अंकुश लगने की उम्मीद
समय के साथ लोग बेपरवाह होने लगे। उन्हें लगा अब कोरोना ठीक होने के कगार पर है और प्रशासन भी सुस्त पड़ने लगा। लोगों की इसी सोच की वजह से कोरोना को और फैलने का मौका मिल गया।
नई दिल्ली, स्वदेश कुमार। लाकडाउन के समय धीरे-धीरे जब अनलाक की प्रक्रिया हो रही थी तो सब कुछ ठीक था। त्योहारों में हमने लापरवाही की और नतीजा आज सबके सामने है। आज राजधानी में कोरोना संक्रमण बेकाबू है। प्रतिदिन डराने वाले आंकड़े सामने आ रहे हैं। मौतों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। इस पर सतर्कता और सख्ती के जरिये ही अंकुश लगने की उम्मीद है। इसके लिए सरकार को कड़े कदम उठाने पड़ेंगे। बाजारों में समय निश्चित करने के साथ-साथ कुछ बंदिश भी लगानी होंगी। सभी तरह के समारोहों पर अंकुश लगाना पड़ेगा। सबसे ज्यादा कोरोना के मामले वहीं से सामने आ रहे हैं जहां शारीरिक दूरी के नियमों का उल्लंघन हो रहा है। लोग मास्क का उपयोग नहीं कर रहे हैं। कोरोना की रोकथाम के लिए शुरू से ही मास्क, शारीरिक दूरी और हाथों की नियमित सफाई जैसे नियम लागू किए गए थे।
खुद जोखिम में डाल रहे जान : त्योहार पर बाजार बढ़ा, व्यापार फला फूला तो व्यापारियों को ऊर्जा मिली। जो मारल डाउन हो चुका था उसे थोड़ा दम मिला। सब ठीक है जरूरी भी था लेकिन क्या नियमों को तोड़कर ही यह सब संभव था? हम कोरोना संक्रमण से बचाव करते हुए भी तो सब कुछ व्यवस्थित तरीके से कर सकते थे। कुछ प्रदूषण के बिगड़े हालात में कोरोना को बल मिला और बाकी रही सही कसर उत्साह में नियमों को तोड़ने वालों ने पूरी की। परिणाम सभी के सामने है आज दिल्ली-एनसीआर में पूरे देश में सर्वाधिक मामले हो गए हैं कोरोना संक्रमण के। कैसी रही पखवाड़े भर में स्थिति जानिये आंकड़ों की जुबानी :
इन नियमों को सख्ती से लागू करने की जरूरत
- जांच दोगुनी करनी चाहिए
- अस्पतालों में बेड बढ़ाने चाहिए
- कार्यालयों का समय घटाना चाहिए
- सप्ताह में पांच दिन ही कार्यालय खुलने चाहिए
- अधिक से अधिक कर्मचारी अब भी घर से ही कार्य करें
- जहां एंटीजन किट से जांच हो रही है, वहां एंबुलेंस की सुविधा होनी चाहिए
- माल, समुदाय भवन और जहां भी संभव हो वहां आइसोलेशन सेंटर तैयार रखने चाहिए
- रिपोर्ट आते ही संक्रमित व्यक्ति को आइसोलेशन सेंटर या होम क्वारंटाइन में भेजा जा सके
- किसी संदिग्ध की आरटी- पीसीआर जांच हुई तो उसे रिपोर्ट आने तक आइसोलेशन सेंटर में रखना चाहिए
- सरकार को डाक्टर, नर्स और पैरा मेडिकल स्टाफ को संविदा पर नियुक्ति करने की प्रक्रिया शुरू कर देनी चाहिए
समिति करे निगरानी : सरकार को ऐसे डाक्टरों की समिति बनानी चाहिए जो सीधे तौर पर कोरोना के इलाज से जुड़े हैं। यह समिति सभी अस्पतालों की निगरानी करे। मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं कैसे मिलें, इस पर अपने सुझाव पेश करें। अगर किसी अस्पताल में कोरोना का अच्छा इलाज हो रहा है तो दूसरे अस्पतालों को उस अस्पताल से मार्गदर्शन दिलाना चाहिए। कोरोना से मौतों को रोकने के लिए जरूरी है कि मरीज की जल्दी पहचान हो और उसे तुरंत इलाज मिलना शुरू हो जाए। अगर इस पर सही तरीके से काम हो जाता है तो मरीजों को वेंटिलेटर तक पहुंचने से भी रोका जा सकता है। देखा जा रहा है कि कुछ लोग आयुर्वेद के नाम पर कई तरह की दवाओं का प्रयोग कर रहे हैं, जो नुकसानदेह साबित होता है। लोगों को इससे बचना चाहिए। सरकार को भी इस तरह की दवाओं पर रोक लगानी होगी।
[डा. अजय लेखी पूर्व अध्यक्ष, दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन]
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