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VIDEO: देखिए किसानों के आंदोलन की वजह से पुलिस को किस तरह से अस्पताल पहुंचाने पड़ रहे ऑक्सीजन के टैंकर

VIDEOदिल्ली की सीमा पर बैठे किसान अब तक आम लोगों के लिए मुसीबत तो थे ही अब वो अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए भी मुसीबत बन रहे हैं। किसानों के आंदोलन के चलते इन रास्तों पर बीते चार माह से आम जनजीवन अस्त व्यस्त है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Wed, 21 Apr 2021 04:58 PM (IST)Updated: Wed, 21 Apr 2021 04:58 PM (IST)
VIDEO: देखिए किसानों के आंदोलन की वजह से पुलिस को किस तरह से अस्पताल पहुंचाने पड़ रहे ऑक्सीजन के टैंकर
किसानों के आंदोलन की वजह से ऑक्सीजन लेकर आने वाले सिलेंडर इन सीमाओं पर फंस जा रहे हैं।

नई दिल्ली, एएनआइ। दिल्ली की सीमा पर बैठे किसान अब तक आम लोगों के लिए मुसीबत तो थे ही अब वो अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए भी मुसीबत बन रहे हैं। किसानों के आंदोलन के चलते इन रास्तों पर बीते चार माह से आम जनजीवन अस्त व्यस्त है। अब शहर में कोरोना से संक्रमित होकर अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की लाइन लगी हुई है। गंभीर मरीजों को जीवन बचाने के लिए ऑक्सीजन की जरुरत पड़ रही है मगर इन किसानों के आंदोलन की वजह से ऑक्सीजन लेकर आने वाले सिलेंडर इन सीमाओं पर फंस जा रहे हैं।

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आंदोलन की वजह से इन सिलेंडरों को लेकर चलने वाले ड्राइवर समय पर अस्पताल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। मंगलवार को ऐसा ही एक मामला सामने आया। रोहिणी स्थित जयपुर गोल्डन अस्पताल को ऑक्सीजन की जरुरत थी। अस्पताल की ओर से ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी को फोन किया गया। कंपनी की ओर से एक कैप्सुल सिलेंडर ऑक्सीजन भेजा गया, सिलेंडर जब कुंडली बॉर्डर पहुंचा तो वहां किसानों के आंदोलन की वजह से फंस गया। उसको निकलने का रास्ता नहीं मिल रहा था। फिर जब अस्पताल से टैंकर चलने वाले को फोन किया गया तो उसने बताया कि वो कुंडली बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन की वजह से फंसा हुआ है। ऐसी जानकारी मिलने पर अलीपुर पुलिस स्टेशन की ओर से एक टीम को रवाना किया गया।

टीम मौके पर पहुंची फिर सिलेंडर को स्काट करते हुए अस्पताल तक पहुंचाया गया। पुलिस की निगरानी में ये ऑक्सीजन अस्पताल तक पहुंच पाया। टैंकर जब रोहिणी के जयपुर गोल्डन अस्पताल पहुंचा तब अस्पताल प्रशासन ने राहत की सांस ली।इसी तरह से यूपी गेट पर भी किसानों का आंदोलन चल रहा है, ये किसान भी यहां के लोगों के लिए मुसीबत बने हुए हैं।

उधर सेंट स्टीफंस अस्पताल ने बुधवार को एक बयान जारी कर बताया कि वहां पर ऑक्सीजन की भारी किल्लत हो गई है। अस्पताल में महज दो घंटे का ऑक्सीजन बचा है। यहां कोरोना के 300 मरीज भर्ती है। अस्पताल के पीआरओ का कहना है कि फरीदाबाद स्थित कंपनी लिंडे उनके यहां ऑक्सीजन की आपूर्ति करती है। कंपनी ने ऑक्सीजन देने से मना कर दिया है। सेंट स्टीफंस अस्पताल ने मरीजों की जिंदगी बचाने के लिए ऑक्सीजन सप्लाई की तुंरत मांग की है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि जितना जल्दी हो सके समय रहते ऑक्सीजन की सप्लाई की व्यवस्था कराई जाए वरना मरीजों की परेशानी बढ़ जाएगी।


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