वाहन से उचित दूरी न रखने पर हुए हादसे में मौत के लिए मृतक खुद जिम्मेदार, मुआवजा देने से ट्रिब्यूनल का इनकार
मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल का मानना है कि आगे चल रहे वाहन से उचित दूरी बनाकर नहीं चलने पर हुए हादसे के लिए व्यक्ति खुद जिम्मेदार है। इस आधार पर ट्रिब्यूनल ने मुआवजा राशि का निर्धारण करने से इनकार कर दिया।
नई दिल्ली [आशीष गुप्ता]। मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल का मानना है कि आगे चल रहे वाहन से उचित दूरी बनाकर नहीं चलने पर हुए हादसे के लिए व्यक्ति खुद जिम्मेदार है। इस आधार पर ट्रिब्यूनल ने दुर्घटना में मारे गए कार चालक की मां की अर्जी खारिज कर मुआवजा राशि का निर्धारण करने से इनकार कर दिया। पीडि़त पक्ष का कहना है कि वह फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट जाएगा।
दिल्ली के गाजीपुर में रहने वाले अमित कुमार नोएडा की एक कंपनी में नौकरी करते थे। 18 अगस्त, 2016 को वह अपनी रिश्तेदार दीपशिखा के साथ कार से जालौन जिला स्थित पैतृक गांव सिरसा जा रहे थे। इटावा के बकेवर में हाईवे पर उनकी कार आगे चल रहे ट्रक में घुस गई थी।
ट्रिब्यूनल में मुआवजे का ठोका दावा
इस दुर्घटना में अमित के साथ दीपशिखा की भी मौत हो गई थी। अमित कुमार की मां शांति देवी ने ट्रक चालक कानपुर देहात डेरापुर निवासी शैलेंद्र कुमार, उसके सहयोगी गुरुग्राम निवासी नीरज कुमार ठाकुर और ट्रक का बीमा करने वाली कंपनी को प्रतिवादी बनाते हुए एक करोड़ रुपये मुआवजा राशि का दावा मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल में ठोका था।
आरोप लगाया था कि ट्रक चालक की लापरवाही के चलते उनके बेटे की जान गई। ट्रक चालक और उसके साथी का कहना था कि गलती कार चला रहे अमित की थी। वह रफ्तार में थे और कार पर नियंत्रण खो चुके थे।
ट्रक से नहीं थी उचित दूरी
प्राथमिकी कराने वाले चश्मदीद मुकेश सिंह राठौर बयान दिया कि आगे चल रहा ट्रक धीमा हुआ तो अमित की कार उससे टकरा गई। उस वक्त ट्रक से कार की दूरी 10 से 12 फीट रही होगी। अमित की कार की रफ्तार करीब 50 किलो मीटर प्रति घंटा थी। ट्रिब्यूनल ने माना कि कार चलाते वक्त अमित ने ट्रक से उचित दूरी नहीं बना रखी थी, जिसके चलते दुर्घटना हुई।
कड़कड़डूमा कोर्ट परिसर स्थित ट्रिब्यूनल के पीठासीन अधिकारी समर विशाल ने आदेश में कहा कि सड़क विनियमन 1989 के नियम 23 के तहत पीछे वाले वाहन के चालक की जिम्मेदारी होती है कि वह आगे चल रहे वाहन से उचित दूरी बनाकर रखे, ताकि टक्कर से बचा जा सके। ट्रक बड़ा होता है, अगर उसके पीछे कोई वाहन कम दूरी पर चले तो चालक को दिखाई नहीं देता। ऐसे में उसकी गलती नहीं मानी जा सकती।
40 की रफ्तार में 75 फीट की होनी चाहिए दूरी
ट्रैक्स सड़क सुरक्षा संस्था की महासचिव रजनी गांधी के मुताबिक, टू सेकंड रूल के तहत 40 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार पर दो वाहनों के बीच 75 फीट (23 मीटर) की दूरी होनी चाहिए। 80 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार पर यह दूरी 147 फीट (45 मीटर) होनी चाहिए।