Delhi Air Pollution: प्रदूषण के खतरे को बढ़ा रहे वाहन चालक, जांच कराने वालों की संख्या घटी
पिछले साल सितंबर में जहां 14 लाख से अधिक वाहनों की प्रदूषण जांच हुई थी। वहीं इस साल यह संख्या घटकर सात लाख पर पहुंच गई है। परिवहन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक इस वर्ष सितंबर में कुल 781656 वाहनों के प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र बनाए गए हैं।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। Delhi Air Pollution: राजधानी के लोगों को प्रदूषण के बढ़ते खतरे से बचाने के लिए एक तरफ जहां राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सख्ती बरत रहा है। वहीं, दूसरी तरफ दिल्लीवासी इस खतरे को खुद ही दावत देते दिखाई दे रहे हैं। आलम यह है कि सितंबर 2019 की तुलना में सितंबर 2020 में प्रदूषण की जांच कराने वाले वाहनों की संख्या में 50 फीसद की कमी दर्ज की गई है। पिछले साल जहां 14 लाख से अधिक वाहनों की प्रदूषण जांच हुई थी। वहीं इस साल यह संख्या घटकर सात लाख पर पहुंच गई है।
परिवहन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक इस वर्ष सितंबर में कुल 7,81,656 वाहनों के प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र बनाए गए हैं। इन वाहनों में डीजल, पेट्रोल और सीएनजी चालित सभी वाहन शामिल हैं।
प्रदूषण जांच कराने वालों की संख्या घटी
इसमें प्रदूषण जांच केंद्र पर पहुंचने वाले पेट्रोल वाहनों की संख्या 6,13,329, डीजल वाहनों की संख्या 58,858 और सीएनजी वाहनों की संख्या 1,09,469 रही है। अब अगर पिछले वर्ष के आंकड़ों पर गौर करें तो तस्वीर सर्वथा विपरीत है। 2019 में इसी महीने में 14,29,961 वाहनों की प्रदूषण जांच कराई गई थी। यानी इस साल इस संख्या में छह लाख 48 हजार की गिरावट देखने को मिली है। पिछले साल सितंबर में पेट्रोल वाले 12,01,997, डीजल वाले 83,721 और सीएनजी वाले 1,44,243 वाहनों का प्रदूषण प्रमाण पत्र जारी किया गया था।
वाहनों की प्रदूषण जांच सख्ती के साथ होनी चाहिए
पर्यावरणविदों के मुताबिक वाहनों की प्रदूषण जांच सख्ती के साथ होनी चाहिए। यह जांच नहीं कराने वाले वाहन चालकों का चालान भी काटा जाना चाहिए। मालूम हो कि पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) की ओर से वाहनों के बीमा नवीनीकरण में प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र की अनिवार्यता का सुझाव भी दिया जा चुका है। बता दें कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ने शुरू हो गया है।
Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो