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Delhi Chalo March: हरियाणा बॉर्डर पर फंसे हजारों ट्रक, दिल्ली-एनसीआर में बढ़ सकते हैं सब्जियों के दाम

किसान आंदोलन से दिल्ली के सभी बॉर्डर सील होने से आजादपुर मंडी में शुक्रवार के साथ शनिवार को भी कारोबार प्रभावित रहा। सामान्य दिनों में जहां मंडी में चार से पांच हजार ट्रक फल-सब्जियां लेकर आते थे। वहीं शुक्रवार को मात्र 660 ट्रक ही मंडी पहुंच सके।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 03:52 PM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 03:52 PM (IST)
Delhi Chalo March: हरियाणा बॉर्डर पर फंसे हजारों ट्रक, दिल्ली-एनसीआर में बढ़ सकते हैं सब्जियों के दाम
मंडी में करीब 80 फीसद आपूर्ति बाधित हो गई है।

नई दिल्ली [धनंजय मिश्रा]। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के किसानों के आंदोलन के चलते टीकरी बॉर्डर के साथ ही सोनीपत के सिंघु बॉर्डर पर सब्जियों और फलों से लदे हजारों ट्रक फंसे हुए हैं। ऐसे में आवक घटने से दिल्ली-एनसीआर में सब्जियों और फलों के दामों में इजाफा हो सकता है। बता दें कि किसान आंदोलन के कारण राजधानी दिल्ली के सभी बॉर्डर सील होने से आजादपुर मंडी में शुक्रवार के साथ शनिवार को भी कारोबार प्रभावित रहा। सामान्य दिनों में जहां मंडी में चार से पांच हजार ट्रक फल-सब्जियां लेकर आते थे। वहीं, शुक्रवार को मात्र 660 ट्रक ही मंडी पहुंच सके। इससे मंडी में करीब 80 फीसद आपूर्ति बाधित हो गई है। शुक्रवार को मंडी में सब्जियों की आवक तीन हजार 260 टन व फलों की आवक दो हजार 160 टन रही। वहीं, सामान्य दिनों में सब्जियों की आवक छह से सात हजार टन प्रतिदिन व फलों की आवक पांच से छह हजार टन प्रतिदिन होती है।

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आजादपुर मंडी के अध्यक्ष आदिल अहमद खान का कहना है कि अन्य मंडियों में फल सब्जियों को नहीं भेज पाने के कारण वहां पर कीमतों में बढ़ोतरी होनी शुरू हो जाएगी। वहीं, राजधानी में मांग के अनुरूप फल सब्जियों का स्टॉक दो तीन दिन के लिए ही है। ऐसे में यदि सीमाओं को जल्द नहीं खोला गया तो राजधानी में भी फल सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी होगी।

नहीं हो सकी एनसीआर में सब्जियों की आपूर्ति

राजधानी के सभी बॉर्डर सील होने कारण आजादपुर मंडी से एनसीआर की अन्य मंडियों में फल सब्जियों की आपूर्ति नहीं हो सकी है। शुक्रवार को मंडी से गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, रोहतक, सोनीपत समेत कई क्षेत्रों में फल-सब्जियों की आपूर्ति नहीं हो सकी है। यहां पर फल सब्जियों की आपूर्ति बाधित होने के कारण कीमतों में बढ़ोतरी होने आसार हैं।

24 घंटे से अधिक समय से बॉर्डर पर रुके हैं ट्रक

सिंघु बॉर्डर को बृहस्पतिवार दोपहर सील किया गया था। तभी से ट्रक वहीं पर रुके हुए हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग एक पर सिंघु बॉर्डर से होकर हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, जम्मू कश्मीर से फल सब्जियों की आवक होती है। इनमें सेब, संतरा, आलू, प्याज, टमाटर जैसे फल व सब्जियां शामिल हैं।इनसेट स्टोरीआलू की आवक सबसे ज्यादा प्रभावितहरियाणा और पंजाब की तरफ किसान आंदोलन तीव्र होने की वजह से गाजीपुर फल व सब्जी मंडी में आलू की आवक सबसे ज्यादा प्रभावित हुई। शुक्रवार को महज 23 फीसद आलू आया। इसके अलाव प्याज, मटर, गाजर, टमाटर की आवक पर असर पड़ा। गाजीपुर फल व सब्जी मंडी विपणन समिति के अनुसार सामान्य दिनों में सब्जी के 400 से 500 ट्रक आते हैं। यहां आलू की औसत आवक 2500 टन प्रतिदिन रहती है। जबकि, प्याज 1800 से 2000 टन प्रतिदिन आता है। इन दिनों सबसे ज्यादा आलू पंजाब से आ रहा है।

वहीं, गुरुवार को किसान आंदोलन के चलते 293 ट्रक ही सब्जियां लेकर मंडी पहुंचे जिनमें 1387 टन आलू आया। शुकव्रार को सब्जियों की आवक और घट गई। दोपहर तक महज 210 ट्रकों ने मंडी में प्रवेश किया जिनमें आलू की आवक 586 टन रही और 1227 टन प्याज आया। आढ़तियों ने बताया कि आवक कम जरूर रही, लेकिन थोक भाव पर कोई असर नहीं पड़ा। आलू का थोक भाव 34 से 38 रुपये किलो रहा। प्याज थोक में 25 से 40 रुपये किलो बिका।

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