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दिल्‍ली की सड़कें रात के अंधेरे में डराती हैं, पढ़िए उषा मेहरा आयोग के सुझाव जिनपर नहीं हुआ काम

उषा मेहरा ने अपनी रिपोर्ट में शराब के ठेके को राजस्व का जरिया मानने की सरकार की नीति पर चोट करते हुए सुझाव दिया था कि यह सार्वजनिक स्थानों स्कूल पार्क और कॉलोनियों में न हो।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 08 Jan 2020 09:56 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jan 2020 09:56 PM (IST)
दिल्‍ली की सड़कें रात के अंधेरे में डराती हैं, पढ़िए उषा मेहरा आयोग के सुझाव जिनपर नहीं हुआ काम
दिल्‍ली की सड़कें रात के अंधेरे में डराती हैं, पढ़िए उषा मेहरा आयोग के सुझाव जिनपर नहीं हुआ काम

नई दिल्ली (जागरण संवाददाता)। वसंत विहार सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद राष्ट्रीय राजधानी को आधी आबादी के लिए महफूज बनाने के लिए जस्टिस उषा मेहरा आयोग ने केंद्र सरकार को 160 पेज की अपनी रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें शिक्षा, समाज, चिकित्सा, परिवहन, सड़क से लेकर सुरक्षा इंतजामों को नए सिरे से परिभाषित करने को कहा था। आक्रोशित जनभावनाओं के दबाव में जब यह आयोग गठित हुआ और उन्होंने अपने सुझाव सौंपे, तब उसे लागू करने को लेकर केंद्र से लेकर राज्य सरकार, दिल्ली पुलिस, परिवहन विभाग, पीडब्ल्यूडी विभाग, नगर निगम समेत अन्य जिम्मेदार सिविक एजेंसियों ने बड़े-बड़े वादे किए थे। लेकिन, घटना के सात वर्ष गुजर जाने के बाद भी इस पर अपेक्षा के अनुरूप सुधार नहीं हुआ, जिससे आज भी आधी आबादी के साथ भेदभाव, अत्याचार हो रहा है।

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धार्मिक आधार पर महिलाओं से भेदभाव को खत्‍म करने पर जोर

हालांकि, केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार आने के बाद कई सकारात्मक प्रयास हुए, जिससे समाज की सोच में थोड़ा बदलाव आया। दिल्ली पुलिस की कार्यप्रणाली में कुछ बदलाव आया। जस्टिस मेहरा ने अपनी रिपोर्ट में समाज में धार्मिक आधार पर महिलाओं से भेदभाव को खत्म करने पर जोर दिया था। इसके साथ ही ऐसे प्रयास करने को कहा था जिससे कि समाज में महिलाओं को लेकर सम्मान बढ़े। ऐसे में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान ने समाज की सोच में बदलाव लाने का काम किया है।

तीन तलाक : धार्मिक आधार पर उत्‍पीड़न से मिली आजादी

इसी तरह सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक को महिलाओं के लिए अन्याय बताने के केंद्र सरकार के निर्णय से मुस्लिम महिलाओं को धार्मिक आधार परउत्पीड़न से आजादी मिली है। मेहरा आयोग ने स्कूलों के पाठ्यक्रम में योग शिक्षा को अनिवार्य करने का सुझाव दिया था, ताकि उससे छात्रों को शरीर को दुरुस्त रखने के साथ मन और भावनाओं पर काबू पाने में मदद मिलेगी। इसमें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में सराहनीय प्रयास हो रहा है।

दिल्‍ली पुलिस छात्रों से बढ़ाए संवाद

इसी तरह दिल्ली पुलिस के लिए सुझाव दिया था कि वह छात्रों से संवाद बढ़ाए और उन्हें कानून की जानकारी देते हुए सजग नागरिक बनाए। इस दिशा में कुछ प्रयास हुए हैं। कम्युनिटी पुर्लिंसिंग पर भी कुछ काम आगे बढ़ा है। लेकिन, पीसीआर वैन में सीसीटीवी कैमरा लगाने, पुलिस में महिलाओं की संख्या बढ़ाने और पुलिस थानों की संख्या बढ़ाने का अभियान अभी भी आधा अधूरा है। समाज में आधी आबादी के प्रति आदर बढ़ाने के लिए जागरुकता अभियान चलाने का सुझाव था। इसके लिए फिल्म अभिनेता, क्रिकेटर व नेताओं को आगे आने का सुझाव दिया गया था।

दिल्‍ली की सड़कें रात के अंधेरे में डराती हैं

सरकार की उपलब्धियों के विज्ञापनों की तर्ज पर महिलाओं के सम्मान को लेकर प्रचार अभियान चलाने का भी जिक्र आयोग ने अपने सुझावों में किया था, लेकिन उसपर कोई काम नहीं हुआ है। सबसे चिंताजनक स्थिति यह कि अब भी दिल्ली की कई सड़कें अंधेरे में है। रात होते ही डीटीसी की बसें सड़कों से गायब हो जाती हैं। जबकि रात्रि सेवा के लिए विशेष बसें चलाने का सुझाव था।

यातायात पुलिस और परिवहन विभाग में तालमेल का अभाव

सभी बसों में जीपीएस और सीसीटीवी कैमरे लगाने का सुझाव था, जो आज भी लागू नहीं हुआ है। यातायात पुलिस और परिवहन विभाग के बीच तालमेल बढ़ाने का सुझाव था। जिस चलती बस में युवती से सामूहिक दुष्कर्म हुआ था, उसके मालिक ने गलत पते की जानकारी दी थी। साथ ही उसका छह बार पहले भी चालान हो चुका था। उसके पास परमिट भी नहीं था, लेकिन वह चला रहा था। ऐसे हालात आज भी है। सभी सार्वजनिक स्थलों, पुलिस स्टेशन, मॉल, बाजारों में सीसीटीवी कैमरा लगाया जाना था।

हर जिले में शराब की दुकान की संख्‍या हों निर्धारित

उषा मेहरा ने अपनी रिपोर्ट में शराब के ठेके को राजस्व का जरिया मानने की सरकार की नीति पर चोट करते हुए सुझाव दिया था कि यह सार्वजनिक स्थानों, स्कूल, पार्क और कॉलोनियों में न हो। इसके साथ ही हर जिला में शराब की दुकानों की संख्या निर्धारित की जाए। सार्वजनिक स्थानों पर महिला शौचालयों की अनिवार्यता पर जोर दिया गया था, लेकिन इस सुझाव पर धीमी गति से कार्य हो रहा है। चांदनी चौक में मुश्किल से आधा दर्जन ही महिला शौचालय हैं।

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