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काले घन को सफेद करने के बहाने व्यापारियों से इस तरह से करते थे ठगी, तीन गिरफ्तार

व्यापारियों को प्रापर्टी में निवेश व आरटीजीएस के जरिए काले घन को सफेद करने के बहाने ठगी करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह के तीन शातिर ठग को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। पंजाब भागने के दौरान इन्हें सोमवार रात करनाल हाईवे से दबोचा गया।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Tue, 03 Aug 2021 05:19 PM (IST)Updated: Tue, 03 Aug 2021 05:19 PM (IST)
काले घन को सफेद करने के बहाने व्यापारियों से इस तरह से करते थे ठगी, तीन गिरफ्तार
प्रापर्टी में निवेश व आरटीजीएस के जरिए काले धन को सफेद करने के बहाने व्यापारियों को लेते थे झांसे।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। व्यापारियों को प्रापर्टी में निवेश व आरटीजीएस के जरिए काले घन को सफेद करने के बहाने ठगी करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह के तीन शातिर ठग को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है।पंजाब भागने के दौरान इन्हें सोमवार रात करनाल हाईवे से दबोचा गया। तीनों की गिरफ्तारी से पुलिस ने दिल्ली व भिवाड़ी में व्यापारियों से 3 करोड़ रुपये की ठगी के दो मामले सुलझाने का दावा किया है।

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संयुक्त आयुक्त क्राइम ब्रांच आलोक कुमार के मुताबिक गिरफ्तार किए गए आरोपितों के नाम रविंदर शाह, नबील अहमद व जोबनजीत सिंह है। रविंदर शाह, करावल नगर का रहने वाला है। इसने पहले हुडडा जीमखाना क्लब में चार साल वेटर की नौकरी की। उसके बाद अलग-अलग रेस्तरां में कैशियर की नौकरी की। 2019 में कोरोना महामारी के दौरान रेस्तरां बंद हो जाने पर उसकी नौकरी छूट जाने पर उसने चांदनी चौक स्थित श्रीराम लाजिस्टिक में नौकरी शुरू की। उक्त फर्म का मालिक आरटीजीएस बैंक इंट्रीज उपलब्ध कराने के बहाने बड़ी संख्या में लोगों को ठग चुका है।

2020 में गुरुग्राम पुलिस द्वारा राधे श्याम सिंघल को गिरफ्तार करने पर रविंदर की नौकरी छूट गई। उसके बाद उसकी मुलाकात नबील अहमद के जरिए ठगी करने वाले गिरोह के सरगना से हुई। नबील ने रविंदर को चांदनी चौक में किराए पर आफिस दिलवाया। वहां रहकर आरोपितों ने डेढ़ साल में देशभर में रहने वाले 25 व्यापारियों को ठगी का शिकार बनाया। वर्तमान में उसने खुद को हवाला आपरेटर और अपना नाम उमेश कांति लाल पटेल निवासी गाजियाबाद बताया। जबकि उसके पास से उमाकांत पटेल की फर्जी आईडी बरामद हुई। नबील अहमद, तिलक

बाजार का रहने वाला है और इस गिरोह में फील्ड आपरेटर, रियल एस्टेट एजेंट के तौर पर काम करता था। वह कार्यालय के लिए किराए पर जगह दिलाने का काम करता था। कूंचा घासीराम में उसकी ड्राइ क्लीन की दुकान है। वह गलत लोगों को फर्जी आइडी पर किराए पर घर, आफिस स्पेस दिलाने का काम करता था। राधे श्याम से मुलाकात होने पर दोनों ने ठगी का धंधा शुरू कर दिया था। राधे श्याम के पकड़े जाने के बाद नबील ने रविंदर गिरोह ज्वाइन कर लिया था। जोबनजीत सिंह, अमृतसर, पंजाब का रहने वाला है। यह गिरोह का मुख्य सदस्य है। इसके पास से 45 लाख नगद व होंडा सिटी कार के अलावा दिल्ली व नोएडा के पते की दीपक व दीपक गोविल नाम से दो फर्जी पहचान पत्र बरामद किए गए, राधे श्याम के पकड़े जाने पर यह भी रविंदर गिरोह ज्वाइन कर लिया था।इस गिरोह के खिलाफ जयपुर, अहमदाबाद, मुंबई व चेन्नई में भी कई मामले दर्ज हैं।

तीन अगस्त को क्राइम ब्रांच को सूचना मिली कि ठगी के कई मामले में वांछित रविंदर शाह अपने दो साथियों के साथ होडा सिटी कार से जीटी करनाल रोड होते हुए पंजाब की तरफ जाने वाला है। एसीपी रिक्षपाल सिंह, गिरीश कौशिक व की टीम ने तीनों को दबोच लिया। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि वे गैर सरकारी संस्थाओं के जरिए महंगी प्रापर्टी की खरीद में आरटीजीएस के जरिए पैसों का भुगतान कराने के बहाने काले धन को सफेद करने का झांसा देकर व्यापारियों को शिकार बनाता था।


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