ITO पर बने स्काईवॉक का उद्घाटन, रोजाना हजारों लोगों को मिलेगी राहत; जानें- इसकी खूबियां
केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी एवं उपराज्यपाल अनिल बैजल ने आइटीओ के पास बनाए गए दिल्ली के पहले स्काईवॉक का उद्घाटन किया।
नई दिल्ली, जेएनएन। इनकम टैक्स ऑफिस (आइटीओ) पर निर्मित स्काइ वॉक परियोजना सोमवार को जनता को समर्पित कर दी गई। इसके साथ ही फुट ओवरब्रिज की भी शुरुआत हो गई। इस परियोजना के शुरू होने से आइटीओ और उसके आस-पास के 25 से अधिक कार्यालयों व विभिन्न कार्यों से यहां आने-जाने वाले हजारों लोगों को राहत मिलेगी।
सोमवार को केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी एवं उपराज्यपाल अनिल बैजल ने आइटीओ के पास बनाए गए दिल्ली के पहले स्काईवॉक का उद्घाटन किया। वहीं, उद्घाटन समारोह में नहीं बुलाए जाने से दिल्ली सरकार खासी नाराज है।
राहत मिली राहगीरों को
आइटीओ चौक व डब्ल्यू प्वाइंट लालबत्ती पर जाम की स्थिति बनी रहती है। इन दोनों प्वाइंट से व्यस्त समय में प्रति घंटा हजारों वाहन गुजरते हैं। स्काईवॉक शुरू हो जाने से राहगीरों को सड़क पर नहीं आना होगा। इससे उनके साथ ही वाहन चालकों को भी बड़ी राहत मिलेगी।
खास है स्काईवॉक
यहां वाईफाई की सुविधा होगी। सोलर पैनल लगेंगे, एलईडी लाइटें लगेंगी। सीसीटीवी कैमरे होंगे। स्काईवॉक पर एक प्लाजा बनेगा। जहां फूड एंड शॉपिंग के स्टॉल भी होंगे।
प्रगति मैदान मेट्रो स्टेशन से लोग स्काईवॉक से सीधे सिकंदरा रोड, तिलक मार्ग, बहादुर शाह जफर मार्ग, इंद्रप्रस्थ मार्ग और दीन दयाल मार्ग की ओर आ-जा सकेंगे।
चौड़ाई पांच मीटर है
फुट ओवरब्रिज की चौड़ाई ढाई से तीन मीटर होती है। आइटीओ क्षेत्र में पैदल चलने वालों का भारी दबाव देखते हुए इसकी चौड़ाई 5 मीटर रखी गई है। स्काईवॉक के तीन प्रमुख हिस्से हैं। मुख्य हिस्सा तिलक मार्ग से डब्ल्यू प्वाइंट के आसपास है। जिसकी लंबाई 453 मीटर व अन्य हिस्सों की लंबाई 70 मीटर होगी। इसके अलावा हंस भवन के सामने इसकी लंबाई 58 मीटर है।
क्या होता है स्काई-वॉक
स्काई-वॉक फुटओवर ब्रिज का बड़ा रूप है, जो एलीवेटेड रोड की तरह बड़े चौराहों या फिर एक साथ मिल रही कई सड़ स्काई-वॉक फुटओवर ब्रिज का बड़ा रूप है, जो एलीवेटेड रोड की तरह बड़े चौराहों या फिर एक साथ मिल रही कई सड़कों पर पैदल यात्रियों की सुविधा के लिए बनाया जाता है। स्काई-वॉक पैदल लोगों के चलने के लिए होता है। इसमें कई जगह उतरने और चढ़ने की व्यवस्था होती है। जिससे लोग खरीदारी करने या घूमने आदि के उद्देश्य से जहां जाना चाहते हैं, वहां आसानी से पहुंच सकें और उन्हें वाहनों के बीच से न गुजरना पड़े।