अपना घर खरीदना चाहते हैं तो जरूर पढ़ें ये खबर, बिल्डर नहीं दे सकेगा कोई धोखा
बिल्डरों के दावों की सत्यतता की जांच करने का कोई आसान और सटीक तरीका अब तक नहीं है। जल्द उनकी ये समस्या दूर होने वाली है। लोगों को अब एक क्लिक से पूरी हर जानकारी मिलेगी।
नोएडा, जेएनएन। रियल एस्टेस मार्केट में पिछले कई सालों से आई गिरावट के बाद अपना घर खरीदने का मन बना रहे लोग डरे हुए हैं। खरीदारों के पास पैसा न होना एक इस सेक्टर में मंदी की एक बड़ी वजह है, लेकिन इससे भी प्रमुख वजह है कि बायर्स को अब बिल्डरों के वादों पर भरोसा नहीं रहा। बिल्डर पहले ही झूठे वादे कर खरीदारों को बहुत गुमराह कर चुके हैं। ऐसे में अपना घर खरीदरने का मन बना रहे लोगों के पास बिल्डरों के दावों की सत्यतता की जांच करने का कोई आसान और सटीक तरीका अब तक नहीं है। हालांकि जल्द उनकी ये समस्या दूर होने वाली है।
बिल्डर-बायर्स की समस्याओं को कम करने और भविष्य में खरीदारों को बिल्डरों के धोखे से बचाने के लिए UP रेरा जल्द एक मोबाइल एप जारी करेगा। इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इसके बाद लोगों के न केवल शिकायत दर्ज कराना आसान होगा, बल्कि वह आसानी से रेरा में अपनी शिकायतें भी दर्ज करा सकेंगे।
यूपी रेरा के सदस्य व पूर्व आइएस अधिकारी बलविंदर कुमार ने बताया कि खरीदारों की सहूलियत के लिए 28 अक्टूबर को मोबाइल एप लॉच किया जाएगा। इस मोबाइल एप के जरिए खरीदार घर बैठे अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे। कोई बिल्डर प्रोजेक्ट पंजीकृत है या नहीं, इसकी जानकारी भी लोगों को एक क्लिक के साथ मोबाइल एप के जरिए मिलेगी। इस मोबाइल एप पर अपनी शिकायत के साथ प्रोजेक्ट की या संबंधित फोटो भी अपलोड करने की सुविधा होगी।
मालूम हो कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा में लाखों की संख्या में खरीदार बिल्डरों के झांसे में फंसे हुए हैं। इसके अलावा यहां शाहबेरी गांव जैसे कई ऐसे इलाके हैं, जहां छोटे-छोटे कॉलोनाइजर बहुमंजिला बिल्डिंग बनाकर बेच रहे हैं। ये कॉलोनाइजर भी अपने प्रोजेक्ट को वैध और हर जगह से मंजूरी प्राप्त बताते हैं। ऐसे में लोगों के पास बिल्डर के दावों की सत्यतता की जांच करने की कोई सुविधा नहीं है।
प्राधिकरण व अन्य संबंधित सरकारी विभागों से किसी बिल्डर प्रोजेक्ट की जानकारी प्राप्त करना खरीदारों के लिए अब भी बहुत मुश्किल है। यही वजह है कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा समेत आसपास के इलाकों में लाखों की संख्या में लोग बिल्डरों के जाल में फंसे हुए हैं। ऐसे में यूपी रेरा द्वारा जारी किया जा रहा मोबाइल एप, घर खरीदने की इच्छा रखने वालों को बड़ी सहूलियत प्रदान करेगा।
यूपी रेरा में लंबित हैं 5400 मामले
सेक्टर गामा दो स्थित उत्तर प्रदेश भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) कार्यालय में चार सितंबर से अब तक 42 दिन में 1085 मामलों की सुनवाई हो चुकी है। इसमें पीठ-एक ने 775 और पीठ-दो ने 610 मामलों की सुनवाई की है। अभी पूरे राज्य से 5400 मामले लंबित हैं। यह जानकारी (रेरा) पीठ-2 के सदस्य बलविंदर कुमार ने एक प्रेसवार्ता के दौरान दी। वह पिछले 40 दिन के कामकाज का ब्योरा दे रहे थे। बलविंदर सिंह ने बताया कि आगामी दो-तीन माह के अंदर सभी मामलों की सुनवाई पूरी कर ली जाएगी। बलविंदर कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि नोएडा के सेक्टर-137 में शुभकामना बिल्डर का टेकहोम के नाम से प्रोजेक्ट है। यहां 734 खरीदार फंसे हुए हैं।
बना है बायर्स एसोसिएशन
शुभकामना बिल्डर के टेकहोम प्रोजेक्ट का एक बायर्स एसोसिएशन बनाया गया है। एसोसिएशन ने अधूरे प्रोजेक्ट को स्वयं पूरा कराने का दावा किया है और इसकी अनुमति मांगी है। एसोसिएशन से दस दिन के अंदर प्रस्ताव देने को कहा गया है। प्रस्ताव के साथ प्रोजेक्ट के 60 प्रतिशत खरीदारों की लिखित में सहमति देनी होगी। सहमति व प्रस्ताव आने के बाद प्रस्ताव व प्रोजेक्ट का ऑडिट कराया जाएगा। देखा जाएगा कि प्रोजेक्ट को पूरा करना संभव है या नहीं। बिल्डर पर प्राधिकरण का 80 करोड़ रुपये भी बकाया है। इन सभी चीजों को ध्यान में रखकर एसोसिएशन को अनुमति देने पर विचार किया जाएगा।
गायत्री ओरा में भी खरीदार खुद पूरा करना चाहते हैं प्रोजेक्ट
गायत्री ओरा प्रोजेक्ट की बायर्स एसोसिएशन भी स्वयं प्रोजेक्ट को पूरा करना चाहती है। खरीदारों ने बताया कि वर्ष 2011 में बुकिंग कराई थी। अब तक कब्जा नहीं मिला है। यहां भी 700 से अधिक खरीदार फंसे हैं।
अब ग्रेनो में ही होगी बैठक
रेरा के अधिकारी हर सप्ताह नोएडा, ग्रेनो और यमुना प्राधिकरण के अफसरों के साथ बैठक करते हैं। अब तक यह बैठक लखनऊ में होती थी। अगले सप्ताह से यह बैठक ग्रेनो में ही होगी। रेरा के सदस्य बलविंदर कुमार ने बताया कि हर बुधवार को सुनवाई के बाद यह बैठक होगी।