उपभोक्ताओं और प्राधिकरण से फर्जीवाड़ा करने वाले बिल्डर पर लगा 60 लाख का जुर्माना
रेरा ने बिल्डर को 45 दिन में जुर्माने की राशि जमा कराने का आदेश दिया है। सोसायटी के लोगों ने रेरा से की थी शिकायत। बिल्डर नहीं सुन रहा था शिकायत।
नोएडा (जेएनएन)। यूपी रेरा ने ग्रेटर नोएडा के प्रोव्यू बिल्डर पर 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। बिल्डर ने प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत नक्शे का उल्लंघन करते हुए पहले तो 72 अधिक फ्लैट बना दिए। इसके बाद प्राधिकरण से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कंपलीशन भी प्राप्त कर लिया। मामले में प्राधिकरण की भी बड़ी लापरवाही सामने आयी है। प्राधिकरण ने बिना स्थल निरीक्षण किए ही बिल्डर को कंपलीशन प्रमाण पत्र जारी कर दिया।
बिल्डर ने केवल अतिरिक्त फ्लैट ही नहीं बनाए, बल्कि उसने बिना लिफ्ट व आग्निरोधक यंत्र लगाए ही प्राधिकरण से कंप्लीशन ले लिया। फ्लैट खरीदारों को जब इसका पता चला तो उन्होंने मामले में यूपी रेरा से बिल्डर की मनमानी की शिकायत की। रेरा ने मामले में सुनवाई करने के बाद बिल्डर पर 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इससे पहले रेरा ग्रेटर नोएडा में एक अन्य बिल्डर पर भी जुर्माना लग चुका है।
मैसर्स प्रोव्यू कंस्ट्रक्शन प्रा.लि. को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने चाई-फाई सेक्टर में दो एकड़ जमीन आवंटित की थी। बिल्डर ने भूखंड पर मैंसर्स टेक्नोसिटी अपार्टमेंट के नाम से सोसायटी बनाकर 360 फ्लैट बनाए। प्राधिकरण ने इतने ही फ्लैटों का नक्शा स्वीकृत किया था। कुछ समय बाद बिल्डर ने 72 फ्लैट अधिक बनाकर फ्लैटों की कुल संख्या 432 कर दी।
बिल्डर ने अधिक बनाए गए इन फ्लैटों का प्राधिकरण से नक्शा पास नहीं कराया। न ही बिल्डर ने प्रोजेक्ट में लिफ्ट चालू की। यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि पूरी सोयायटी के किसी भी टावर में आग से बचाव के उपकरण नहीं लगाए गए। सीढ़ियां तक अधूरी हैं। जनरेटर से निकलने वाले धुएं के लिए चिमनी नहीं लगाई गई। पार्क, स्वीमिंग पूल विकसित नहीं किए गए। खरीदारों ने व्यवस्था में सुधार के लिए कई बार बिल्डर से कहा।
बिल्डर के सुनवाई न करने पर खरीदारों ने मैसर्स टेक्नोसिटी अपार्टमेंट सोसायटी एसोसिएशन बनाकर मामले की शिकायत रेरा से की। एसोसिएशन के अध्यक्ष आजाद सिंह भड़ाना ने कहा कि बिल्डर ने खरीदारों के साथ धोखा किया है। रेरा ने सुनवाई के बाद बिल्डर पर 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। रेरा ने बिल्डर को 45 दिन में जुर्माने की राशि जमा कराने का आदेश दिया है।