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UP: गढ़मुक्तेश्वर में चल रहे कार्तिक गंगा मेले में आ रहे हैं योगी, हाई अलर्ट जारी

मुख्यमंत्री के आने से सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अधिकारियों ने पुलिस को हाई अलर्ट कर दिया है। इसमें बताया गया है कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद हमला कर सकता है।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 22 Nov 2018 12:39 PM (IST)Updated: Thu, 22 Nov 2018 02:08 PM (IST)
UP: गढ़मुक्तेश्वर में चल रहे कार्तिक गंगा मेले में आ रहे हैं योगी, हाई अलर्ट जारी
UP: गढ़मुक्तेश्वर में चल रहे कार्तिक गंगा मेले में आ रहे हैं योगी, हाई अलर्ट जारी

हापुड़, जेएनएन। सूब के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बृहस्पतिवार को गढ़मुक्तेश्वर में चल रहे कार्तिक गंगा मेले में आ रहे हैं। उनकी सुरक्षा में तैनात अधिकारियों ने हापुड़ पुलिस को हाई अलर्ट जारी किया है। खुफिया सूत्रों के मुताबिक, सूबे के मुख्यमंत्री आंतकी संगठन के निशाने पर हैं  इसलिए पुलिस व प्रशासन ने सुरक्षा का कड़ा पहरा तैनात किया है।

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बता दें कि पतित पावनी गंगा के तट पर प्रसिद्ध मेले का आयोजन किया जाता है। वर्ष 2017 में गंगा मेले को राजकीय मेले का दर्जा प्राप्त हुआ था। मुख्यमंत्री के आने से सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अधिकारियों ने पुलिस को हाई अलर्ट कर दिया है। इसमें बताया गया है कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद हमला कर सकता है। ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों को खास रणनीति तैयार कर चुकी हैं।

वहीं, बुधवार को कार्तिक गंगा मेले में 18 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। बृहस्पतिवार शाम को दीपदान किया जाएगा। शनिवार सुबह को ब्रह्म मुहूर्त में पूर्णिमा पर मुख्य स्नान किया जाएगा। गंगा किनारे आयोजित इस मेले में गत एक सप्ताह से धार्मिक अनुष्ठान किए जा रहे हैं। बुधवार को मेला स्थल पर उपस्थित 18 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पतित पावनी गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य कमाया।

महिलाओं ने गंगा किनारे पुरोहितों द्वारा किए गए मंत्रोच्चारण के बीच पूजा-अर्चना कर गरीब लोगों को वस्त्रों का वितरण किया। बृहस्पतिवार शाम मेले में सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान दीपदान का आयोजन किया जाएगा। श्रद्धालु अपने मृतक पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए यहीं पर गंगा में दीपदान करेंगे। पंडित परमानंद शर्मा ने बताया कि की शाम 6:18 बजे से दीपदान शुरू होगा जो देर रात तक जारी रहेगा। उसके उपरांत ब्रह्म वेला में कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान प्रारंभ हो जाएगा।

कैसे होता है दीपदान
घास या पटेर से निर्मित आसनों पर मिट्टी से बने 5, 7, 9, 11 अथवा 21 दीपक रखकर उनमें घी अथवा तेल भर दिया जाता है। इसके उपरांत दीपकों में जोत जलाकार अपने दिवंगतों की आत्मशांति की कामना करते हुए गंगा में खड़े होकर उन्हें जलधारा में प्रवाहित कर दिया जाता है। इसके बाद गंगा का मनोहारी दृश्य देखते ही बनता है। गंगा में दूर-दूर तक तैरते दीप देखकर लगता है कि सितारों से भरा आसमान जमीन पर उतर आया है।

स्नान का शुभ मुहूर्त पूर्णिमा को प्रात: काल
कार्तिक पूर्णिमा के मुख्य पर्व पर गंगा स्नान करने के लिए मेले में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा। मुख्य स्नान का शुभ मुहूर्त शुक्रवार प्रात:काल 4.15 बजे से रात्रि 8.40 बजे तक रहेगा।
 


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