Unnao Case: उन्नाव दुष्कर्म मामले में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए सीबीआइ को मिला मौका
Unnao custodial death सीबीआइ ने सोमवार को अदालत में कहा कि मामले की जांच कर रहे जांच अधिकारी ही उत्तर प्रदेश के हाथरस दुष्कर्म व हत्या मामले की जांच कर रहे हैं जिसके कारण जवाब नहीं दाखिल कर सके।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए और समय देने की केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआइ) की मांग स्वीकार कर ली है। न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा ने दो सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करने का जांच एजेंसी को निर्देश देते हुए सुनवाई 12 जनवरी के लिए स्थगित कर दी।
मामला अदालत में लंबित होने तक सजा को निलंबित करने के मांग वाले सेंगर के आवेदन पर भी हाई कोर्ट ने छह नवंबर को सीबीआइ से जवाब मांगा था। सीबीआइ ने सोमवार को अदालत में कहा कि मामले की जांच कर रहे जांच अधिकारी ही उत्तर प्रदेश के हाथरस दुष्कर्म व हत्या मामले की जांच कर रहे हैं, जिसके कारण जवाब नहीं दाखिल कर सके।
सेंगर के वकील ने कोर्ट में पेश की ये दलील
वहीं, सेंगर की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता कन्हैया सिंघल ने कहा कि सजा निलंबित करने के मामले में उनका पक्ष मजबूत है और सीबीआइ को जवाब दाखिल करने दिया जाए। सेंगर ने याचिका दायर कर निचली अदालत के फैसले को रद करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि ट्रायल न सिर्फ पूरी तरह से निष्पक्ष होना चाहिए, बल्कि एकपक्षीय नहीं होना चाहिए।
पुलिस हिरासत में हुई थी पीड़िता के पिता की मौत
सेंगर ने दावा किया कि उनके राजनीतिक विरोधी हैं। 13 मार्च को तीस हजारी अदालत ने उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में कुलदीप सेंगर, अतुल और पांच अन्य लोगों को 10 साल के कारावास की सजा सुनाई थी। पीड़िता के पिता को सेंगर के दबाव में आम्स एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था और हिरासत में की गई बर्बरता के कारण पुलिस हिरासत में नौ अप्रैल 2018 को उनकी मौत हो गई थी।
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