1984 सिख दंगा मामला : प्रदर्शन कर रहीं केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर पुलिस हिरासत में
1984 में हुए सिख दंगे को लेकर शिरोमणी अकाली दल दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने न्याय की मांग करते हुए सड़क पर मार्च निकाला।
नई दिल्ली,जेएनएन। 1984 में हुए सिख दंगे को लेकर शिरोमणि अकाली दल (SAD) के नेता-कार्यकर्ता दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने न्याय की मांग करते हुए सड़क पर मार्च निकाला। प्रदर्शनकारियों की एक ही मांग है कि इस दंगे में जो मारे गए हैं उस परिवार को न्याय मिलना चाहिए। इस बीच शामिल केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
प्रदर्शन शामिल केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने कहा कि हम 34 वर्षों से न्याय की मांग कर रहे हैं। इस दंगे में हजारों सिखों की हत्या कर दी गई थी। औरतों और लड़कियों के साथ ज्यादती हुई थी। कई लोग इस दौरान बेघर हो गए थे।
इस तरह के अत्याचार भारत के इतिहास में एक धब्बा है। किसी को अब तक न्याय नहीं मिला है। कोर्ट इस संबंध में संज्ञान क्यों नहीं ले रहा है? प्रदर्शन कर रहे लोगों जल्द-से-जल्द न्याय की मांग कर रहे हैं। शिरामणि अकाली दल के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए पुतला भी फूंका।
मालूम हो कि सरकारी आंकड़ों में 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों में 2800 सिखों के मारे जाने का जिक्र है। इसमें सबसे ज्यादा 2100 सिख दिल्ली में मारे गए थे। सिख विरोधी दंगे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख सुरक्षाकर्मी द्वारा हत्या के विरोध में हुए थे। इसका आसर पूरे देश पर पड़ा था। दिल्ली में हुए सिख विरोधी दंगों में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के भी शामिल होने का आरोप है।
बता दें कि कांग्रेस पर जगदीश टाइटलर और सज्जन कुमार को बचाने का आरोप है। इन दोनों नेताओं पर दंगे में अहम भूमिका निभाने का आरोप है। सज्जन कुमार पर आरोप है कि उन्होंने इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दंगाइयों का नेतृत्व किया और भड़काया। ऐसे ही संगीन आरोप जगदीश टाइटलर पर भी है। उल्लेखनीय है कि 2009 आमचुनाव से पहले सीबीआइ ने इन्हें क्लीन चिट दी थी जिसे लेकर बवाल मचा था। 1984 के ऑपरेशन ब्लू स्टार पर ब्रिटेन के दस्तावेजों से हाल के वर्षो में यह खुलासा हुआ था कि तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री मार्गेट थैचर ने स्वर्ण मंदिर को खालिस्तानी आतंकियों से मुक्त कराने की सैन्य कार्रवाई में भारत की मदद की।