Yamuna Pollution: केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने लिखा सीएम केजरीवाल को पत्र, याद दिलाया AAP का चुनावी वादा
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावात ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा है। उन्होंने मुख्यमंत्री को यमुना को साफ करने को लेकर उनका चुनावी वादा भी याद कराया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हर मुमकिन सहायता उपलब्ध कराने को तैयार है।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। केंद्र सरकार से करोड़ों रुपये की सहायता मिलने के बावजूद यमुना की स्थिति नहीं सुधरी है। केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार पर यमुना की सफाई से संबंधित परियोजनाओं पर गंभीरता से काम नहीं करने का आरोप लगाया है। इसे लेकर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावात ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा है। उन्होंने मुख्यमंत्री को यमुना को साफ करने को लेकर उनका चुनावी वादा भी याद कराया है। उन्होंने कहा कि इस पवित्र नदी की सफाई के लिए केंद्र सरकार हर मुमकिन सहायता उपलब्ध कराने को तैयार है। दिल्ली सरकार को भी इसे लेकर गंभीरता दिखानी चाहिए और उम्मीद है कि वह इस काम को प्राथमिकता देगी।
उनका कहना है कि यमुना नदी का सिर्फ दो फीसद दायरा ही दिल्ली में आता है, लेकिन यह इसके 80 फीसद प्रदूषण के लिए जिम्मेदार है। यमुना की गिनती देश की पवित्रतम नदियों में होती है। केंद्र सरकार ने नामामि गंगे परियोजना के तहत इसकी सफाई व गंदा पानी नदी में जाने से रोकने से संबंधित 13 परियोजनाओं के लिए दिल्ली सरकार को 2419 करोड़ रुपये की सहायता उपलब्ध कराई है।
इससे रोजाना 1385 मीलियन लीटर सीवर के पानी को साफ कर यमुना में बहाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन यह दुर्भाग्य है कि दिल्लीसरकार ने इस पर गंभीरता से काम नहीं किया। सभी परियाजनाओं से संबंधित निविदा को अंतिम रूप देने में बहुत विलंब किया गया। बाद में निर्माण कार्य में 15 से 27 महीने की देरी हो रही है। इससे लगता है कि दिल्ली सरकार की प्राथमिकता में यमुना की सफाई नहीं है।
इस नदी में प्रदूषण का जहर लगातार घुल रहा है। दिल्ली में यमुना सिर्फ 22 किलोमीटर है लेकिन, यहीं सबसे ज्यादा प्रदूषित हो रही है। दिल्ली के 18 नालों से प्रतिदिन 3500 मीलियन लीटर गंदा पानी बगैर शोधित किए यमुना में बहाया जाता है। इस लापरवाही से दिल्ली में आकर यह पवित्र नदी किसी गंदे नाले में तब्दील हो जाती है।
शेखावत ने केजरीवाल को उनका वह चुनावी वादा भी याद दिलाया है जिसमें उन्होंने कहा था कि यमुना इतनी साफ हो जाएगी कि लोग इसमें डुबकी भी लगा सकेंगे। यह वादा पूरा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि यमुना की सफाई के लिए निर्धारित की गई सीवर ट्रीटमेंट परियोजनाओं पर काम बहुत धीमी गति से हो रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में केंद्र सरकार ने प्रतिदिन 70 मीलियन लीटर क्षमता वाले कोरोनेशन पिलर सीवर ट्रीटमेंट प्लांट को वित्तीय मदद दे रही है।
केंद्र सरकार ने अपने विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए इस परियोजना पर खर्च होने वाली कुल राशि का 50 फीसद बोझ अपने उपर पर ले लिया ताकि इसको समय रहते पूरा किया जा सके। इसके बावजूद दिल्ली जल बोर्ड इस परियोजना को समय पर पूरा करने को लेकर गंभीर नहीं है। इसी तरह से नजफगढ़ नाले की सफाई से संबंधित परियोजनाओं को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने सिर्फ दो वर्ष का समय निर्धरित किया था। लेकिन, चार के बाद भी इन परियोजनाओं का काम पूरा नहीं हुआ है।