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Clean Ganga: गंगा व सहायक नदियों की सफाई के लिए 30 हजार करोड़ रुपये स्वीकृत : शेखावत

गजेंद्र सिंह शेखावत की अध्यक्षता में मंगलवार को सोनिया विहार में यमुना नदी के तट पर आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में शेखावत ने सीमित जल संसाधनों के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि आर्थिक विकास जल संसाधन और ऊर्जा पर निर्भर है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Tue, 16 Aug 2022 09:29 PM (IST)Updated: Tue, 16 Aug 2022 09:29 PM (IST)
Clean Ganga: गंगा व सहायक नदियों की सफाई के लिए 30 हजार करोड़ रुपये स्वीकृत : शेखावत
सोनिया विहार में यमुना तट पर आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम में पहुंचे केंद्रीय जल शक्ति मंत्री।

नई दिल्ली [स्वदेश कुमार]। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा है कि दिसंबर, 2022 तक यमुना की स्थिति में बदलाव नजर आने लगेगा। उन्होंने कहा कि गंगा और उसकी सहायक नदियों की सफाई के लिए केंद्र सरकार ने 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं को स्वीकृति दी है। उन्होंने विभिन्न संगठनों से मिले सहयोग से नमामि गंगे को जन आंदोलन में बदलने पर संतोष व्यक्त किया। कहा कि 100 से अधिक जिलों में जहां से गंगा गुजरती है वहां सफाई के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं। गजेंद्र सिंह शेखावत की अध्यक्षता में मंगलवार को सोनिया विहार में यमुना नदी के तट पर आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

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कार्यक्रम में शेखावत ने सीमित जल संसाधनों के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि आर्थिक विकास जल संसाधन और ऊर्जा पर निर्भर है। हमारे प्राकृतिक संसाधनों और आर्थिक विकास की आवश्यकता का ग्राफ समान है। भारत की जनसांख्यिकीय, भौगोलिक विशालता, सीमित जल संसाधन और पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना करने की इच्छा को देखते हुए यह जरूरी है कि हम पानी और अन्य प्राकृतिक संसाधनों का सतत उपयोग सुनिश्चित करें।

उन्होंने नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत किए जा रहे कार्यों पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि हरिद्वार और प्रयागराज कुंभ मेलों के दौरान पानी की अच्छी गुणवत्ता के साफ अंतर देखा जा सकता है। इसी तर्ज पर दिल्ली में 22 किलोमीटर के दायरे में बहने वाली यमुना में भी अंतर दिखाई देगा। इसके लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। हमारा देश नदियों को आराध्य मानकर उनकी पूजा करने वालों का देश है। लेकिन, ताजे पानी के स्त्रोत सबसे ज्यादा भारत में ही दूषित हैं। इसलिए जरूरी है कि हमारे जल निकायों और नदियों को अविरल और निर्मल बनाए रखने के लिए हम सभी को एक साथ आना चाहिए। हमें खुशी है कि नमामि गंगे ने इसे जन आंदोलन में बदला है।

कार्यक्रम में उन्होंने नदियों के किनारे 26 स्थानों पर शुरू किए व्यावसायिक केंद्रों का आनलाइन उद्घाटन किया। इन्हें जलज पहल का नाम दिया गया है। उन्होंने आजीविका के अवसरों को बढ़ाने के लिए एक पर्यटन संबंधी पोर्टल आइएमअवतार डाट काम (imavatar.com) का भी शुभारंभ किया।

इस पोर्टल के माध्यम से नदियों के किनारे धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के स्थानों के बारे में लोगों को जानकारी मिल सकेगी। संबोधन से पूर्व शेखावत ने यहां ध्वजारोहण किया। इसके बाद बीएसएफ के बैंड द्वारा राष्ट्रगान पेश किया गया। शेखावत ने एनडीआरएफ के जवानों के साथ यमुना नदी पर नौका विहार किया।

कार्यक्रम स्थल पर प्रदर्शित स्थानीय कृषि उत्पादों का भी जायजा लिया। गंगा को लेकर आनलाइन प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित किया। इस अवसर पर तिरंगे रंग के गुब्बारे भी छोड़े गए। कार्यक्रम में जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग के सचिव पंकज कुमार, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक जी. अशोक कुमार और पर्यटन मंत्रालय के पर्यटन महानिदेशक जी. केवी राव उपस्थित रहे।


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