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Union Budget 2021: बजट में दिखा लैंडफिल साइटों को खत्म करने का नजरिया

शहरों की यह सबसे बड़ी समस्या है। क्योंकि सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट(सीएसई) की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में एक फीसद विध्वंस मलबे का निस्तारण होता है। राजधानी में ही करीब सात हजार टन प्रतिदिन मलबा निकलता है। जबकि इसका 40 फीसद ही मलबे का निस्तारण हो पाता है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Mon, 01 Feb 2021 06:26 PM (IST)Updated: Mon, 01 Feb 2021 06:26 PM (IST)
Union Budget 2021: बजट में दिखा लैंडफिल साइटों को खत्म करने का नजरिया
शहरों की स्वच्छता को सुधारने के लिए 2026 तक चलेगा अभियान।

निहाल सिंह, नई दिल्ली। देशभर में घर-घर शौचालय देने के बाद अब केंद्र सरकार का ज्यादा जोर शहरों की स्वच्छता को और सुधारना है। इसके लिए स्वच्छ भारत मिशन 2.0 (2021-26) की घोषणा की है। इसके तहत सिंगल यूज प्लास्टिक को खत्म करने से लेकर घर पर ही गीले व सूखे कूड़े को अलग-अलग करने और पुराने भवनों को विध्वंस करने से निकले मलबे का निस्तारण।

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अब सरकार का जोर इस समस्या के समाधान पर होगा। अगर, इन समस्याओं पर काम हुआ तो दिल्ली के कूड़े के पहाड़ों (लैंडफिल साइट) भलस्वा, गाजीपुर और ओखला का खत्म होना तय है। क्योंकि लैंडफिल की ऊंचाई बढ़ने के सबसे बड़े कारक यही हैं। इन कूड़े के पहाड़ों को खत्म करने की जंग ट्रॉमिलिंग मशीनों के उपयोग से शुरु हो चुकी है। संभवत: 2023-24 तक यह कूड़े के पहाड़ जमीन में मिल जाएंगे।

चूंकि केंद्र सरकार भी स्वच्छ भारत मिशन के तहत इसकी ओर ध्यान देगी तो निगमों को फंड की कमी भी नहीं होगी। दरअसल, राजधानी में स्वच्छता का स्तर सुधरने सबसे बड़ी दिक्कत घरों से निकलने वाले कूड़े का वहीं पर निस्तारण नहीं होना है। इसका सबसे बड़ा नुकसान एक ही कचरे में प्लास्टिक से लेकर सब्जी का कचरा कांच आदि मिलकर लैंडफिल पर पहुंचता है। अगर, घर पर ही गीले व सूखे कचरे को अलग-अलग कर दिया जाए तो निगमों की 50 फीसद परेशानी खत्म हो जाएगी।

विध्वंस मलबे के निपटान पर जोर 

केंद्र सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन 2.0 में शहरों में निकलने वाले मलबे का पुन: उपयोग भी करना है। इसके लिए सरकार सीएंडडी वेस्ट प्लांट की क्षमता बढ़ाने पर जोर दे सकती है। मलबे को टाइल और ईंट बनाने से उपयोग होने से इस मलबे का निस्तारण हो सकता है।

शहरों की यह सबसे बड़ी समस्या है। क्योंकि सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट(सीएसई) की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में एक फीसद विध्वंस मलबे का निस्तारण होता है। राजधानी में ही करीब सात हजार टन प्रतिदिन मलबा निकलता है। जबकि इसका 40 फीसद ही मलबे का निस्तारण हो पाता है।

महापौर का बयान 

जय प्रकाश, महापौर, उत्तरी दिल्ली का कहना है कि स्वच्छ भारत मिशन के प्रथम अभियान से निगमों को काम करने की काफी प्रेरणा मिली। देश में पहली ऐसी केंद्र सरकार हैं जो कूड़े से होने वाली समस्या को गंभीरता से ले रही है। इससे न केवल हमें बल्कि देश के सभी 40 से ज्यादा शहरी निकायों को लाभ होगा।

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