Move to Jagran APP

नई शिक्षा नीति के तहत एयूडी ने शुरू किया स्नातक में चार वर्षीय बीए हिंदी आनर्स कोर्स

अंबेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली (एयूडी) ने इस ओर तेजी से कदम बढ़ाते हुए स्नातक छात्रों के लिए चार वर्षीय बीए हिंदी आनर्स कोर्स शुरू किया है। कोर्स में 45 सीटें हैं। दाखिले के इच्छुक छात्र इसी सत्र में एक सितंबर तक आवेदन कर सकते हैं।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sat, 14 Aug 2021 07:30 AM (IST)Updated: Sat, 14 Aug 2021 08:53 AM (IST)
नई शिक्षा नीति के तहत एयूडी ने शुरू किया स्नातक में चार वर्षीय बीए हिंदी आनर्स कोर्स
प्रशिक्षण न लेने के इच्छुक छात्रों को तीन साल बाद भी दी जा सकेगी डिग्री

नई दिल्ली [राहुल चौहान]। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत छात्रों को रोजगारपरक शिक्षा देने के लिए सभी विश्वविद्यालय तैयारी में जुटे हैं। वहीं, अंबेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली (एयूडी) ने इस ओर तेजी से कदम बढ़ाते हुए स्नातक छात्रों के लिए चार वर्षीय बीए हिंदी आनर्स कोर्स शुरू किया है। कोर्स में 45 सीटें हैं। दाखिले के इच्छुक छात्र इसी सत्र में एक सितंबर तक आवेदन कर सकते हैं।

loksabha election banner

कोर्स के बारे में जानकारी देते हुए एयूडी में साहित्य अध्ययन पीठ के संकाय अध्यक्ष प्रो सत्यकेतु सांकृत ने बताया कि बीए हिंदी आनर्स कोर्स के तहत छात्रों को तीन साल तक पढा़ई करनी होगी। इसके बाद चौथे वर्ष में उन्हें पत्रकारिता और जनसंचार का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे छात्र जब चार साल बाद डिग्री लेकर निकलें तो उनके पास एक रोजगारपरक प्रशिक्षण का भी अनुभव होगा।

एक वर्ष के दौरान छात्रों को अनुवाद, सृजनात्मक और रचनात्मक लेखन, विज्ञापन और जनसंपर्क आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा। वहीं, छह महीने के लिए उन्हें विभिन्न पत्रकारिता संस्थानों में इंटर्नशिप के लिए भी भेजा जाएगा। प्रो सांकृत ने बताया कि स्नातक में दाखिला लेने वाले कई छात्र हिंदी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में कमजोर होते हैं। इसलिए हमने नई शिक्षा नीति के तहत सबसे पहले कोर्स की शुरूआत हिंदी भाषा आधारित कोर्स से की है।

इस कोर्स के माध्यम से छात्रोें की भाषा को भी समृद्ध किया जाएगा। अगर कोई तीन साल की पढ़ाई पूरी करने के बाद चौथे वर्ष में प्रशिक्षण नहीं लेना चाहता तो उसे तीन वर्षीय डिग्री दे दी जाएगी। उसके आधार पर वह आगे स्नातकोत्तर में दाखिला ले सकेगा। अगर छात्र एक साल का प्रशिक्षण भी पूरा करता है तो उसे चार वर्षीय डिग्री दी जाएगी।

वहीं, विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो नितिन मलिक ने बताया कि अगले साल तक एयूडी में नई शिक्षा नीति के तहत अन्य कई रोजगारपरक कोर्स शुरू किए जाएंगे। जो छात्रों को रोजगार पाने और पैदा करने में मदद मिलेगी। फिलहाल नए कोर्स के लिए विश्वविद्यालय में छह प्रोफेसर उपलब्ध हैं। साथ ही सात और प्रोफेसरों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.