उमर खालिद व ताहिर निकले दंगे के मास्टरमाइंड
जो दिल्ली में दंगे और विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। ताहिर हुसैन के मकान की छत से ईंट पत्थर कांच की बोतलें जिनमें तेजाब भरे थे और बोतल की गर्दन पर कपड़े के टुकड़ों भरे हुए थे।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : सीएए के विरोध के नाम पर सुनियोजित साजिश के तहत उत्तर-पूर्वी जिले को दंगे की आग में झोंका गया था। ताकि, ट्रंप के दौरे के दौरान पूरी दुनिया में भारत की छवि को धूमिल किया जा सके। इस साजिश के मास्टर माइंड उमर खालिद और आप के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन निकले। उमर खालिद ने ही पिंजरा तोड़ संगठन की छात्राओं को साजिश में शामिल किया। इनका काम समुदाय विशेष की महिलाओं को गुमराह कर ¨हसा करवाने और उन्हें किस तरह पुलिस व अन्य पर हमला करना है। उसके लिए प्रशिक्षित करना था। यही नहीं दंगे से पहले ताहिर ने 1.10 करोड़ रुपये भी बांटे थे। उत्तर-पूर्वी जिले में हुए दंगे के मामले में क्राइम ब्रांच ने मंगलवार को कड़कड़डूमा कोर्ट में दो आरोप-पत्र दाखिल किए। दोनों आरोप-पत्र ड्यूटी मजिस्ट्रेट ऋचा परिहार की अदालत में दाखिल किए गए। अदालत 16 जून को इस पर संज्ञान लेगी। आरोप पत्र के मुताबिक चांदबाग में हुए दंगे से एक दिन पहले 22 फरवरी को उमर खालिद ने पार्षद ताहिर के साथ बैठक की थी। उसी दिन ताहिर खजूरी खास थाने में जमा अपनी लाइसेंसी पिस्टल भी ले आया था। साथ ही बड़ी संख्या में कारतूस का इंतजाम किया गया था, जिसका इस्तेमाल उसने दंगे में किया। दंगे में मारे गए 53 लोगों की हत्या व छह अन्य मामलों की जांच के लिए क्राइम ब्रांच ने तीन एसआइटी गठित की थीं। उन्हीं में दो मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट में आरोप पत्र दायर किए गए हैं। हवलदार दीपक दहिया पर दंगे के दौरान पिस्टल तानने वाले ड्रग तस्कर शाहरुख पठान मामले में क्राइम ब्रांच पहले आरोप-पत्र दायर कर चुकी है।