पर्ची के लिए अस्पताल में 2 घंटे तक दौड़ता रहा पिता, तड़पकर मर गया सवा महीने का बच्चा
बच्चे की मौत के बाद परिजन रोते-बिलखते रहे लेकिन वहां से गुजर रहे चिकित्सकों ने उनकी सुध तक नहीं ली।
गाजियाबाद, जेएनएन। दिल्ली से सटे गाजियाबाद के एमएमजी अस्पताल में सोमवार को एक रुपये की पर्ची बनवाने के लिए गंभीर रूप से बीमार सवा महीने के बच्चे का पिता दो घंटे तक दौड़ता रहा। डॉक्टरों ने बिना पर्ची बनवाए बच्चे का इलाज करने से मना कर दिया। उपचार नहीं मिलने से बच्चे की मौत हो गई।
डासना मसूरी के बसंतगढ़ी गांव निवासी इरशाद अपने सवा महीने के बच्चे को शरीर नीला पड़ने के कारण इलाज के लिए जिला एमएमजी अस्पताल लेकर पहुंचे थे। इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक ने बच्चे को बिना देखे ही अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ की ओपीडी में जाने के लिए बोल दिया। बच्चे को गोद में लेकर जब इरशाद बाल रोग विशेषज्ञ की ओपीडी में पहुंचे तो वहां पर निजी चिकित्सकों की हड़ताल के कारण इलाज के लिए मरीजों की लंबी लाइन लगी हुई थी। उन्होंने बच्चे की हालत गंभीर होने का हवाला देकर ओपीडी में जाने की कोशिश की तो अन्य मरीजों ने उन्हें रोक दिया। आधे घंटे बाद जब उनका नंबर आया तो चिकित्सक ने उन्हें पहले एक रुपये की पर्ची बनवाकर लाने के लिए कह दिया। पर्ची बनवाने के लिए भी मरीजों की लंबी लाइन लगी हुई थी।
किसी तरह आधे घंटे बाद जब वह पर्ची बनवाकर लौटे तो चिकित्सक ने बच्चे की हालत गंभीर होने का हवाला देते हुए उसे दोबारा इमरजेंसी में ही दिखाने के लिए भेज दिया। दोबारा जब वह इमरजेंसी पहुंचे तो चिकित्सक ने उन्हें बच्चे की हालत बेहद गंभीर बताते हुए उसे किसी दूसरे अस्पताल ले जाने के लिए कह दिया, लेकिन लिखित में रेफर नहीं किया।
ऐसे में दंपती खुद ही अपने सवा महीने के बच्चे को लेकर जिला महिला अस्पताल पहुंचा। जहां बाल रोग विशेषज्ञ की ओपीडी में जाने से पहले उसे एक बार फिर पर्ची बनवाने के लिए बोल दिया गया। पिता के पर्ची बनवाकर लौटने तक बच्चे ने मां की गोद में ही दम तोड़ दिया। गोद में बच्चे के दम तोड़ते के बाद मां रुकसाना अस्पताल में ही बेहोश हो गईं।
डॉ. रविंद्र राणा (सीएमएस, एमएमजी अस्पताल) ने कहा कि इस तरह का कोई मामला है तो संबंधित डॉक्टर से पूछताछ की जाएगी। दंपती अगर लिखित में कोई शिकायत देगा, तो कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. एनके गुप्ता (सीएमओ, गाजियाबाद) के मुताबिक, अभी तक इस तरह के किसी मामले की जानकारी नही है। एमएमजी अस्पताल प्रबंधन से पूछताछ की जाएगी।
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