Delhi Crime News: अजय बरवाला गैंग के 2 शार्प शूटर गिरफ्तार, दिल्ली में किसी की हत्या करने वाले थे
Delhi Crime News पुलिस ने 2 देशी पिस्टल और 5 जिंदा कारतूस भी बरामद किए हैं। इन दोनों शार्प शूटरों के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत कई मामले भी दर्ज थे।
नई दिल्ली, एएनआइ। Delhi Crime News: दिल्ली पुलिस ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए खूखार अजय बरवाला गैंग (Ajay Barwala gang) के 2 शार्प शूटरों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से पुलिस ने 2 देशी पिस्टल और 5 जिंदा कारतूस भी बरामद किए हैं। इन दोनों शार्प शूटरों के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत कई मामले भी दर्ज थे। पुलिस ने जांच के दौरान पाया ये दोनों शार्प शूटर विजय विहार थाना क्षेत्र में किसी की हत्या की साजिश रच रहे थे।
इससे पहले जुलाई, 2017 में 15 साल की उम्र में जरायम की दुनिया में कदम रखने वाले कुख्यात अंतरराज्यीय गैंगस्टर बरवाला दिल्ली निवासी अजय डबास उर्फ अजय बरवाला (38) को दक्षिण-पूर्वी जिला पुलिस ने ओखला सब्जी मंडी के पास से गिरफ्तार कर लिया था। डेढ़ लाख के इनामी बदमाश अजय पर हत्या, लूट, हत्या का प्रयास समेत अन्य धाराओं में 11 मुकदमें दर्ज हैं।
आरोपित अजय बरवाला ने लेन देन के विवाद को लेकर अपने ही साथी केबल ऑपरेटर की 2016 में गोली मारकर हत्या कर दी थी। बहादुरगढ़ में 2006 में हुए डबल मर्डर में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी, लेकिन 2015 में पैरोल पर बाहर आने के बाद से ही वह फरार हो गया था। पुलिस से बचने के लिए अजय न तो मोबाइल फोन का इस्तेमाल करता था और न ही अपने परिवार के संपर्क में था।
10वीं पास अजय डबास ने 15 साल की उम्र में ही अपराध करना शुरू कर दिया और 1997 में उसने लूट की कई वारदात की। जेल में अजय की मुलाकात उस दौर के कुख्यात गैंगस्टर अनिल भक्ते गिरोह के सदस्य देवेंद्र उर्फ कुकी, अजयवीर से हुई। हरियाणा व दिल्ली में अपहरण, हत्या, लूट, हत्या के प्रयास के कई मुकदमे के आरोपी अनिल ने ही मॉडल टाउन में अपहरण के मामले में दो करोड़ की फिरौती मांगी थी।
2002 में हरियाणा पुलिस जब अनिल भक्ते को दिल्ली में एक कोर्ट में पेश करने ला रही थी तब अजय डबास ने पुलिस कस्टडी से उसे कोंडली के पास छुड़ा लिया था।
2006 में उसने अपने साथी देवेंद्र राठी के साथ मिलकर केबल ऑपरेटिंग का काम शुरू किया था। 2009 में उसे स्पेशल सेल ने अवैध हथियार के मामले में गिरफ्तार कर लिया। जमानत पर बाहर आकर उसने अपने साथी अजयबीर के साथ मिलकर बहादुरगढ़ में चार लोगों की हत्या की थी। मामले में उसे व अजयबीर को फांसी की सजा हुई थी। जिसे चंडीगढ़ हाईकोर्ट ने उम्र कैद में बदल दिया था।
2015 में भाई की शादी के लिए पैरोल पर जेल से बाहर आने के बाद से ही अजय फरार था। 2016 में उसने अपने साथी केबल ऑपरेटर देवेंद्र राठी की इसलिए हत्या कर दी थी कि देवेंद्र ने जेल जाने के बाद कारोबार में उसका हिस्सा देना बंद कर दिया था। अजय ने देवेंद्र के जीजा पर भी जानलेवा हमला किया था और बेगमपुर दिल्ली में गन प्वाइंट पर एक हुंडई वर्ना कार लूटी दी थी।