कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर एम्स ट्रामा सेंटर में तैयार किए जा रहे दो नए आइसीयू वार्ड
एम्स ट्रामा सेंटर में तैयार किए जा रहे दो नए आइसीयू वार्ड। खास बात यह है कि बच्चों को ध्यान में रखकर तैयारियों पर अधिक जोर है। इसलिए 40 अत्याधुनिक वेंटिलेटर खरीदे गए हैं। इनका इस्तेमाल कोरोना से संक्रमित बच्चों के इलाज में हो सकेगा।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर एम्स में भी तैयारियां तेज कर दी गई हैं। इसी क्रम में कोरोना के इलाज के लिए अधिकृत एम्स ट्रामा सेंटर में इलाज की सुविधाएं बढ़ाई जा रही है। इसके तहत दो अतिरिक्त आइसीयू वार्ड तैयार किए जा रहे हैं। इससे ट्रामा सेंटर में आइसीयू बेड बढ़ जाएंगे। खास बात यह है कि इस बार बच्चों को ध्यान में रखकर तैयारियों पर अधिक जोर है। इसलिए 40 अत्याधुनिक वेंटिलेटर खरीदे गए हैं। इनका इस्तेमाल कोरोना से संक्रमित बच्चों के इलाज में हो सकेगा।
दरअसल, तीसरी लहर में बच्चों के अधिक संक्रमित होने की आशंका जताई जाती रही है। हालांकि, एम्स सहित कई संस्थानों के डाक्टर विभिन्न अध्ययनों के माध्यम से तीसरी लहर में बच्चों के अधिक संक्रमित होने की आशंका को गलत बता चुके हैं, लेकिन बच्चों के इलाज की तैयारियां बड़े स्तर पर चल रही हैं। लिहाजा एम्स में भी एक कमेटी गठित की गई है, जिसमें पीडियाट्रिक विभाग के अध्यक्ष को शामिल किया गया है और बच्चों के इलाज की जरूरतों के अनुसार तैयारियां की जा रही हैं। ट्रामा सेंटर के प्रमुख डा. राजेश मल्होत्रा ने कहा कि नर्सों व आइसीयू तकनीशियनों को भी बच्चों की देखभाल के लिए प्रशिक्षण देने का काम शुरू हो गया है। क्योंकि बच्चों की देखभाल के लिए विशेष दक्षता की जरूरत होती है। आक्सीजन आपूर्ति की क्षमता भी बढ़ाकर दोगुनी कर दी गई है।
मौजूदा समय में ट्रामा सेंटर में 265 बेड हैं, जिसमें 71 आइसीयू बेड शामिल हैं। दो नए आइसीयू वार्ड बढ़ने से ट्रामा सेंटर में 28 आइसीयू बेड बढ़ जाएंगे। इससे आइसीयू बेड बढ़कर 99 हो जाएंगे। वहीं कुल बेड बढ़कर 293 हो जाएंगे। बच्चों के इलाज के लिए ब्रोंकोस्कोपी मशीन भी खरीदी जा रही है। कोरोना के कई मरीजों को डायलिसिस करने की जरूरत पड़ती है। इसलिए एक अतिरिक्त डायलिसिस मशीन भी खरीदी जा रही है। इससे चार डायलिसिस मशीन उपलब्ध हो जाएंगी।
ईसीएमओ मशीन खरीदने की तैयारी
ट्रामा सेंटर में कोरोना के इलाज के लिए ईसीएमओ (एक्स्ट्राकारपोरेल मेम्ब्रेन आक्सीजनेशन) मशीन भी लगाने की तैयारी चल रही है। डा. राजेश मल्होत्रा ने कहा कि कोरोना के संक्रमण से कई मरीजों के फेफड़े ज्यादा खराब हो जाते हैं। इस वजह से ईसीएमओ मशीन से आक्सीजन देने की जरूरत पड़ती है। इस वजह से ईसीएमओ मशीन भी खरीदने की प्रक्रिया चल रही है। कुछ निजी अस्पतालों में इसकी सुविधा है। एम्स ट्रामा सेंटर दिल्ली का पहला सरकारी अस्पताल होगा, जहां कोरोना के इलाज के लिए यह सुविधा उपलब्ध होगी। हालांकि, एम्स के मुख्य अस्पताल में यह मशीन उपलब्ध है।
ट्रामा सेंटर में उपलब्ध बेड
आइसीयू- 71
जनरल वार्ड- 148
सेमी प्राइवेट वार्ड- 25
प्राइवेट वार्ड- 22
कुल- 265