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शहतूश शॉल की तस्करी में दिल्ली एयरपोर्ट से दो चीनी महिला गिरफ्तार

लुप्तप्राय जानवर के बाल से बनाई गई इस शॉल का व्यापार प्रतिबंधित है। इसलिए शॉल बरामदगी के बाद महिला तस्करों को गिरफ्तार कर लिया गया।

By Edited By: Published: Fri, 19 Oct 2018 09:15 PM (IST)Updated: Sat, 20 Oct 2018 02:32 PM (IST)
शहतूश शॉल की तस्करी में दिल्ली एयरपोर्ट से दो चीनी महिला गिरफ्तार
शहतूश शॉल की तस्करी में दिल्ली एयरपोर्ट से दो चीनी महिला गिरफ्तार

नई दिल्ली, जेएनएन। आइजीआइ एयरपोर्ट पर कस्टम ने प्रतिबंधित शहतूश शॉल की तस्करी में दो चीनी महिला तस्करों को गिरफ्तार किया है। 41 और 39 वर्षीय महिला तस्करों से 15 शॉल बरामद हुई हैं, जिनकी कीमत 45 लाख रुपये आंकी गई है। अब कस्टम अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि महिलाएं ये शॉल कहां से लेकर आईं।

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आइजीआइ एयरपोर्ट की ज्वाइंट कस्टम कमिश्नर अनुभा सिन्हा ने बताया कि 18 अक्टूबर को दो चीनी मूल की महिलाएं शंघाई जाने के लिए आइजीआइ एयरपोर्ट पर आईं थीं। चाइना इस्टर्न एयरलाइंस की उड़ान संख्या एमयू-564 के लिए उनका टिकट था। जांच के क्रम में शक होने पर कस्टम की इंटेलिजेंस यूनिट ने चेक इन बैगेज की जांच की, जिसमें शहतूश की 15 शॉल बरामद हुईं।

लुप्तप्राय जानवर के बाल से बनाई गई इस शॉल का व्यापार प्रतिबंधित है। इसलिए शॉल बरामदगी के बाद महिला तस्करों को गिरफ्तार कर लिया गया। उनके खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, विदेश व्यापार (विकास और विनियमन) अधिनियम व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।

तिब्बत के लुप्तप्राय मृग के बाल से बनाई जाती है यह शॉल कस्टम अधिकारी ने बताया कि शहतूश की शॉल तिब्बत क्षेत्र में पाए जाने वाले लुप्तप्राय मृग (तिब्बती एंटेलोप) के बालों से बनाई जाती है। मध्यम आकार के जीव तिब्बती एंटेलोप विशेष तौर पर तिब्बत और लद्दाख क्षेत्र में पाए जाते हैं।

इनके बाल काफी नर्म होते हैं और मुलायम व गर्म ऊन के लिए शिकारी बड़े स्तर पर उनका शिकार करते हैं। उनके बालों से शहतूश शॉल बनाई जाती है, जिसकी कीमत लाखों में होती है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसका व्यापार प्रतिबंध है। एक अनुमान के मुताबिक, अंधाधुंध शिकार के कारण इन मृगों की संख्या वर्तमान में सिर्फ 1.50 लाख रह गई है।


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