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गोल्ड कोस्ट में हरियाणा के दो कुश्ती जजों ने किया देश का नाम रोशन

गोल्ड कोस्ट में कुश्ती रेफरी बने दोनों हरियाणा के रहने वाले हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 16 Apr 2018 03:01 PM (IST)Updated: Mon, 16 Apr 2018 03:04 PM (IST)
गोल्ड कोस्ट में हरियाणा के दो कुश्ती जजों ने किया देश का नाम रोशन
गोल्ड कोस्ट में हरियाणा के दो कुश्ती जजों ने किया देश का नाम रोशन

गुरुग्राम (जेएनएन)। खेलों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी गेम में किसी भारतीय को रेफरी या जज बनने का मौका बहुत ही कम मिला है, मगर इस बार गोल्ड कोस्ट में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में देश के दो रेफरी ने कुश्ती मुकाबलों में रेफरी की भूमिका निभाई। ऐसा पहली बार हुआ है कि भारत के दो कुश्ती रेफरी को मेट-इंचार्ज बनाया गया।

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गोल्ड कोस्ट में कुश्ती रेफरी बने दोनों हरियाणा के रहने वाले हैं। कुश्ती भारतीय कुश्ती संघ के कार्यालय सहायक सचिव विनोद तोमर ने कहा कि भारतीय कुश्ती जगत के दोनों दिग्गजों के कंधों पर गोल्ड कोस्ट में कुश्ती मुकाबलों को शानदार आयोजन जिम्मेदारी थी और दोनों कामयाब रहे।

दोनों ही 1-एस कैटेगरी के रेफरी है और अशोक भनवाला भारत के एक मात्र ऐसे रेफरी हैं, जिनको रियो ओलंपिक 2016 में रेफरी की जिम्मेदारी मिली थी। 

इंडियन एयर फोर्स रेसलिंग ऑफिसर के पद पर कार्यरत अशोक भनवाला जिला सोनीपत के गांव कासंधी के रहने वाले हैं, जबकि दूसरे रेफरी सत्यदेव मलिक जिला रोहतक के गांव मोखरा के रहने वाले हैं।

विनोद ने कहा कि आम लोग इस संबंध में कम ही जानते हैं कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह जिम्मेदारी मिलना इतना आसान नहीं है। इसके लिए दर्जनों लिखित व मौखिक परीक्षा से गुजरने के साथ रेफरी के फैसले की क्वालिटी देखी जाती है।


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