हिंदू शरणार्थी बस्ती में दो कन्याओं की हुई शादी, लॉकडाउन नहीं बना रोड़ा
शादी के पश्चात बरातियों और स्थानीय लोगों के भोजन का प्रबंध एनएमओ की तरफ से किया गया। कन्याओं को शादी के जोड़े के अलावा चार-चार जोड़ी अन्य कपड़ों के साथ 2100-2100 रुपये दिए गए।
नई दिल्ली, स्वदेश कुमार। सोनिया विहार और सिग्नेचर ब्रिज के पास हिंदू शरणार्थी बस्ती में दो कन्याओं का विवाह लॉकडाउन के कारण अधर में लटक गया था। तीन माह पहले दोनों सगी बहनों द्रौपदी और लाली की शादी फरीदाबाद के दो सगे भाइयों रूपचंद और दीवान के साथ तय हुई थी। परिवार ने इसके लिए कुछ पैसे भी जोड़े थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण कोई रोजगार नहीं रहा। स्थिति ऐसी हो गई कि कन्याओं के परिवार के पास बरातियों के खाना खिलाने का भी इंतजाम नहीं बचा।
ऐसे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुषांगिक संगठन नेशनल मेडिकोज आर्गेनाइजेश (एनएमओ) के प्रदेश सचिव डॉ. ग्लैडबिन त्यागी और हंिदूू शरणार्थी शिविरों के प्रदेश संयोजक डॉ. अंकुर त्यागी ने इस परिवार की मदद की। इसमें विश्व हंिदूू परिषद (विहिप) के हंिदूू हैरिटेज फाउंडेशन के संयोजक राहुल व पदाधिकारी ज्योति शर्मा ने भी सहयोग किया।
इन लोगों ने कन्याओं के परिवार को पूरी मदद का आश्वासन देकर शादी के लिए तैयार किया। इसके बाद विधायक अजय महावर से संपर्क किया। उन्होंने सीलमपुर के एसडीएम अजय अरोड़ा को पत्र लिखकर बरातियों को आने के लिए अनुमति देने का आग्रह किया।
अजय अरोड़ा ने दोनों दूल्हों के साथ 14 लोगों को आने की अनुमति दी, लेकिन शर्त यह रखी कि एक वाहन में तीन से ज्यादा सवारी नहीं होगी। इसके बाद 18 मई को तय तिथि के मुताबिक यहां बरात पहुंच गई। पूरे विधि-विधान से दोनों कन्याओं का विवाह संपन्न कराया गया। इस दौरान वर-वधू से लेकर पुजारी तक ने मास्क पहना हुआ था। शादी के पश्चात बरातियों और स्थानीय लोगों के भोजन का प्रबंध एनएमओ की तरफ से किया गया। कन्याओं को शादी के जोड़े के अलावा चार-चार जोड़ी अन्य कपड़ों के साथ 2100-2100 रुपये दिए गए।