रोबोट तैयार करने के गुर सिखा रहा है जामिया, जानें क्यों उभरता हुआ क्षेत्र है रोबोटिक्स
जामिया के सेंटर फॉर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप की तरफ से पिछले हफ्ते रोबोट ऑपरेटिंग सिस्टम (आरओएस) के जरिये रोबोट बनाने के लिए दो दिनों की कार्यशाला लगाई गई।
नई दिल्ली (जेएनएन)। जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय अपने छात्रों को रोबोट बनाने के लिए तैयार कर रहा है। इसके लिए विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए लगातार कार्यशाला व सेमिनार आयोजित करने की योजना है। इसी दिशा में जामिया के सेंटर फॉर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप की तरफ से पिछले हफ्ते रोबोट ऑपरेटिंग सिस्टम (आरओएस) के जरिये रोबोट बनाने के लिए दो दिनों की कार्यशाला लगाई गई। ऐसे आयोजनों का मकसद है कि इंजीनियरिंग के छात्रों को रोबोट तैयार करने के गुर सिखाए जाएं।
छात्र भी ले रहे रुचि
विभिन्न कॉलेजों के 50 छात्रों ने इस कार्यशाला में हिस्सा लिया। रोबोटिक्स के क्षेत्र में अपने आइडिया को प्रभावी रूप से इस्तेमाल करने के बारे में इन प्रतिभागियों को जामिया के स्टूडेंट इनोवेटरों ने प्रशिक्षित किया। इनोवेटरों की एक टीम स्वायत्त रोबोट और ड्रोन पर रोबोट ऑपरेटिंग सिस्टम के जरिये काम कर रही है। पिछले एक साल से काम कर रही टीम रोबोटिक्स की राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता ई-यंत्रा रोबोटिक्स प्रतियोगिता-2017 की विजेता भी रह चुकी है। ई-यंत्रा रोबोटिक्स प्रतियोगिता को आइआइटी मुंबई और मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से हर साल आयोजित किया जाता है।
रोबोटिक्स उभरता हुआ क्षेत्र है
जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय से आए उमैर सैफुल्लह ने कहा कि मैं खास तौर पर इस कार्यशाला में शामिल होने आया हूं क्योंकि इस क्षेत्र में विशेषज्ञ बहुत कम हैं। यह एक उभरता हुआ क्षेत्र है और मैं बहुत खुश हूं कि मुझे यह मौका मिला है।
आगे भी होगा कार्यशाला और सेमिनार का आयोजन
सेटर फॉर इंनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप के निदेशक प्रो. जीशान हुसैन खान ने कहा कि रोबोटिक्स के क्षेत्र में आरओएस बहुत ही सम्मानित और ओपन सोर्स टूल के तौर पर काफी ज्यादा इस्तेमाल होने वाला सिस्टम है जिसे स्वायत्त रोबोट में इस्तेमाल किया जाता है। रोबोट सॉफ्टवेयर बनाने के लिए यह एक लचीला फ्रेमवर्क है। उन्होंने कहा कि आरओएस टूल, पुस्तकालयों और कन्वेंशन का संग्रह है जो रोबोटिक्स के क्षेत्र में अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर आसान तरीके से एक मजबूत रोबोटिक्स सिस्टम और व्यवहार बनाने के लिए इस्तेमाल होता है। हम इसे छात्रों तक पहुंचाएंगे। इसके लिए आगे भी कई कार्यशाला और सेमिनार का आयोजन करेंगे।