Delhi: डीडीए फ्लैट के फर्जी कागजात पर लोन लेकर बैंकों को चूना लगाने वाले दो गिरफ्तार
डीसीपी मोनिका भारद्वाज ने बताया कि राजेश कुमार ने वर्ष 2016 में शाहबाद डेयरी थाने में ठगी की शिकायत की थी। पीड़ित ने बताया था कि उनका रोहिणी सेक्टर-11 में अपना डीडीए फ्लैट है। अनिल जैन नाम के एक शख्स ने वर्ष 2015 में उक्त फ्लैट किराए पर लिया था।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने डीडीए फ्लैट के फर्जी कागजात पर लोन लेकर बैंकों को चूना लगाने वाले दो ठगों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान सतीश कुमार लोचब उर्फ अनिल जैन और मुकेश जुनेजा के तौर पर हुई है। वारदात के चार वर्ष बाद पुलिस ने बदमाशों को दबोचा। आरोपितों ने रोहिणी स्थित एक डीडीए फ्लैट के फर्जी कागजात पर 66 लाख रुपये का लोन ले फरार थे।
क्राइम ब्रांच की डीसीपी मोनिका भारद्वाज ने बताया कि राजेश कुमार ने वर्ष 2016 में शाहबाद डेयरी थाने में ठगी की शिकायत की थी। पीड़ित ने बताया था कि उनका रोहिणी सेक्टर-11 में अपना डीडीए फ्लैट है। अनिल जैन नाम के एक शख्स ने वर्ष 2015 में उक्त फ्लैट किराए पर लिया था। उसने छह महीने में फ्लैट को खाली भी कर दिया था। आइसीआइसीआइ बैंक की तरफ से कुछ वक्त बाद 66 लाख के लोन का नोटिस उनके पास आया। छानबीन में पता चला कि अनिल जैन ने फ्लैट के मालिकाना हक वाले फर्जी दस्तावेजों के जरिए बैंक से लोन लिया था। जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। इसमें पता चला कि फर्जी तरीके से रोहिणी के कई अन्य फ्लैटों पर भी लोन लिया गया था।
वहीं, पुलिस ने आरोपित की तलाश शुरू की और सोनीपत से शनिवार को सतीश कुमार लोचब उर्फ अनिल जैन को और बाद में उसके सहयोगी को मुकेश कुमार को रोहिणी इलाके से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि वे पहले लोगों के डीडीए फ्लैट किराए पर लेते थे। बाद में फ्लैट का फर्जी दस्तावेज बनवाकर बैंकों से लाखों रुपये का लोन लेकर उसे डकार जाते थे। किस्तें जमा नहीं करने पर जब असली मकान मालिक को नोटिस जाता था, तब उन्हें फर्जीवाड़ा का पता चलता था। आरोपित पहले भी इस प्रकार से कई ठगी कर चुके हैं। पुलिस अन्य मामले की जानकारी जुटा रही है।
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