पुलिस सप्ताह के दौरान जनता का भरोसा जीतने की कोशिश, लोग कर रहे तारीफ
बच्चों के दिमाग में अक्सर पुलिस को लेकर या तो डर होता है या फिर वे पुलिस के कार्य को लेकर असमंजस में रहते हैं। ऐसे में बच्चे जो देश के भविष्य हैं। उन्हें थाना भ्रमण कराने का असल मकसद उनके डर व भ्रम को दूर करना है।
नई दिल्ली, गौतम कुमार मिश्रा। दिल्ली पुलिस अपने 16 से 22 फरवरी तक चलने वाले स्थापना दिवस सप्ताह के दौरान जनता के भरोसे को जीतने में जुटी है। द्वारका व पश्चिमी जिले में जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित कर पुलिसकर्मी जनता के बीच अधिक-से-अधिक अपनी उपस्थिति जता रहे हैं। क्षेत्र के लोग भी पुलिस सप्ताह के दौरान पुलिसकर्मियों के व्यवहार की तारीफ कर रहे हैं। इनका कहना है कि जनता के बीच अधिक-से-अधिक उपस्थिति दर्ज कराने की पुलिस की कोशिश केवल सात दिनों के दौरान ही नहीं बल्कि पूरे वर्ष होनी चाहिए ताकि परस्पर संवाद हो और संबंध मजबूत बने।
नकारात्मक छवि बदलने की कवायद
बच्चों के दिमाग में अक्सर पुलिस को लेकर या तो डर होता है या फिर वे पुलिस के कार्य को लेकर असमंजस में रहते हैं। ऐसे में बच्चे जो देश के भविष्य हैं उन्हें थाना भ्रमण कराने का असल मकसद उनके डर व भ्रम को दूर करना है। साथ ही उन्हें बताना है कि पुलिस अधिकारी केवल उनकी सुरक्षा के लिए ही नहीं हैं, बल्कि वे उनके अच्छे दोस्त भी हैं। बच्चों को थानों का भ्रमण कराकर उन्हें न सिर्फ पुलिस की कार्यप्रणाली समझा रही है, बल्कि उनके साथ मित्रता से भरा संबंध बना रही है। बच्चों को हथियार, मालखाना व एफआईआर से संबंधित जानकारी भी दी जा रही है। बच्चों के थाना भ्रमण के दौरान उनके सभी सवालों का उन्हें समुचित उत्तर दिया जा रहा है।
बुजुर्गों का जीत रहे भरोसा
पुलिस विभिन्न थानों में क्षेत्र के बुजुर्गों के साथ बैठक का आयोजन कर रही है। इस दौरान उनकी सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं को दूर किया जा रहा है। उनकी हिफाजत के लिए क्या क्या उपाय होना चाहिए, इस बात की जानकारी पुलिस अधिकारी उन्हें दे रहे हैं। उन्हें यह भी कहा जा रहा है कि जरूरत पड़ने पर वे कभी भी पुलिसकर्मी से संपर्क करें। क्षेत्र के पुलिस अधिकारी उनकी सेवा के लिए हमेशा तत्पर हैं।
आत्मसुरक्षा पर जोर
जगह-जगह आत्मसुरक्षा शिविर का आयोजन किया जा रहा है। पुलिस लड़कियों व महिलाओं को उन तकनीकों के बारे में जानकारी व प्रशिक्षण दे रही है जिसका इस्तेमाल आपातकाल में न सिर्फ अपनी हिफाजत के लिए बल्कि मुसीबत में फंसे किसी अन्य लोग के लिए भी किया जा सकता है। प्रशिक्षण के उपरांत पुलिस प्रशिक्षित लड़कियों व महिलाओं को प्रमाण पत्र भी देगी।
बाल सुरक्षा भी प्राथमिकता
पुलिस बच्चों को अच्छा व बुरा स्पर्श के बारे में जानकारी दे रही है। कई बच्चे अनजाने में ही शोषण के शिकार हो जाते हैं। ऐसे में उनका जागरूक रहना बेहद जरूरी है। नारायणा थाना क्षेत्र में पुलिस की महिला अधिकारी बच्चों के बीच जाकर उन्हें आत्मसुरक्षा तकनीक के साथ साथ अच्छे व बुरे स्पर्श के बीच फर्क करने के बारे में बता रही हैं। इसके अलावा उन्हें नशे के दुष्प्रभाव से भी अवगत कराया जा रहा है ताकि वे इस चंगुल में न फंसे।