Delhi News: गाजीपुर लैंडफिल साइट पर कई घंटे तक लहराता रहा फटा तिरंगा, वीडियो वायरल होने पर हटाया
Tricolor torn off in Delhi देश की राजधानी दिल्ली से एक शर्मनाक वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें एक फटा हुआ तिरंगा काफी ऊंचाई पर लहरा रहा है। कई घंटे बाद यह तिरंगा हटाया गया।
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। Tricolor torn off in Delhi: दिल्ली-एनसीआर समेत देश भर में 76वां स्वतंत्रता दिवस सोमवार (15 अगस्त) को धूमधाम से मनाया गया। देश के सभी हिस्सों में तिरंगा आन, बान और शान से लहराया गया। वहीं, देश की राजधानी दिल्ली से एक शर्मनाक तस्वीर सामने आई।
कई घंटे तक लहराता रहा फटा तिरंगा
दरअसल, पूर्वी दिल्ली स्थित गाजीपुर लैंडफिल साइट पर कई घंटे तक फटा हुआ तिरंगा लहराता रहा। हैरत की बात यह है कि सुबह से ही यह तिरंगा लहराता रहा, लेकिन अब तक शासन और प्रशासन की ओर से कोई सार्थक कदम नहीं उठाया गया।
वीडियो वायरल होने पर हटाया गया तिरंगा
यह हालत तब है कि देश की स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। वहीं, दोपहर होते-होते लोगों ने इसकी शिकायत की तो तिरंगे को हटा लिया गया। बताया जा रहा है कि कुछ देर में दूसरा तिरंगा लगाया जाएगा।
तिरंगा लगाने के नियम
तिरंगा हर भारतीय को प्रिय होता है और वह इसे दिलो जान से चाहता है और इसके साथ तिरंगे की इज्जत भी करता है। तिरंगा लगाने के नियमों में साफ कहा गया है कि किसी भी स्थिति में कटे-फटे और दागदार झंडे न फहराएं।
कहीं फेंके नहीं जाए तिरंगा
इसके साथ यह भी नियम है कि क्षतिग्रस्त हुए झंडे को सड़कों पर या कचरे में ना फेंकें। ध्वज संहिता का सुझाव है कि क्षतिग्रस्त हुए ध्वज को जलाकर पूरी तरह से व्यक्तिगत रूप से डिस्पोज कर दें। अगर तिरंगा कागज से बना है तो ये सुनिश्चित करें कि इसे जमीन पर नहीं छोड़ा गया हो।
स्वतंत्रता दिवस पर देशभक्ति के जज्बे के साथ हर घर पर लहराया राष्ट्रध्वज
वहीं, सोमवार को दो वर्ष बाद फिर पुरानी दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस पुराने अंदाज में लौट आया। दिलों में देशभक्ति के जज्बे के साथ हर घर पर तिरंगा नजर आया। छतों पर नए कपड़ों और पकवान के साथ हंसते-मुस्कराते परिवार के सदस्यों ओर दोस्तों के जमावड़े के साथ हवाओं में देशभक्ति के गीत घुल रहे थे। इसी तरह आकाश में पतंग छाए हुए थे।
सोमवार को जामा मस्जिद के मटिया महल, तुर्कमान गेट, सीताराम बाजार, हौजकाजी, लालकुआं, फतेहपुरी व बल्लीमारान समेत अन्य इलाकों में देशभक्ति का सुरूर पूरे शबाब पर रहा। कोरोना महामारी के चलते दो वर्ष लोग प्रतिबंधों और डर के साए में स्वतंत्रता दिवस मना रहे थे, लेकिन इस वर्ष ऐसा नहीं था।
कहते हैं कि आजादी का राष्ट्रीय पर्व पुरानी दिल्ली वालों के लिए किसी त्योहार से कम नहीं होता है। वैसी ही खुशियां होती हैं जैसे ईद या दीपावली में होती है। लोग एक-दूसरे को गले मिलकर आजादी के पर्व की बधाई दी और इसकी खुशियों में शामिल हुए। इसी तरह देर रात तक दावतों का दौर चला।
मटिया महल निवासी इर्तजा कुरैशी के मुताबिक इसकी तैयारियां हफ्तों पहले से शुरू हो जाती है। हर आयु वर्ग में उत्साह रहता है। तिरंगा रंग में कपड़े सिलवाने से लेकर झंडा, राष्ट्रध्वज के रंग का साफा, दुपट्टा, चूड़ियां, हेयर बैंड, टोपी व बैज समेत अन्य सामानों की खरीदारी शुरू हो जाती है। इस दिन के लिए विशेष पकवान बनाने की लिस्ट पहले से तैयार हो जाती है।
पतंगों के बिना तो आजादी का जश्न फीका है। हफ्तेभर पहले से ही आकाश में पतंगें नजर आने लग जाती हैं। इस बार सुरक्षा कारणों से दोपहर तक पतंगबाजी पर रोक रही। जैसे ही लालकिले पर आयोजित राष्ट्रीय पर्व समारोह खत्म हुआ, उसके बाद यहां के आकाश पतंगों से भर गए। इसी तरह छतों पर झंडारोहण होने लगे, जिसमें दिल्ली के दूसरे स्थानों से आए दोस्त और रिश्तेदार भी शामिल हुए।
इनपुट: जागरण संवाददाता विनीत त्रिपाठी