पर्यावरण के प्रति जुनून ने संवार दिया वीरान पड़ा पार्क, सैकड़ों लोगों की मेहनत लाई रंग
दीपक बताते है कि पार्क के अंदर पानी की व्यवस्था नहीं है। यहां सुबह शाम सैर करने आ रहे लोग अपने घरों से नियमित रूप से एक बोतल में पानी लेकर आते है।
नई दिल्ली [पुष्पेंद्र कुमार]। सरकारी तंत्र व जनप्रतिनिधियों पर ठीकरा फोड़ने से कुछ खास हासिल होने वाला नहीं है तो क्यों न खुद ही पहल की जाए। कुछ संस्थाएं ऐसी है जो पर्यावरण को बचाए और बनाएं रखने के लिए गंभीरता से प्रयास कर रही है। उन्हीं संस्थाओं में से एक युवा परिवर्तन फाउंडेशन। फाउंडेशन से जुड़े सदस्य सोनिया विहार जीरो पुश्ता में करीब चार वर्ष से पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर रहे हैं।
फाउंडेशन के सदस्य दीपक शर्मा ने बताया कि सोनिया विहार के निवासियों ने अपने क्षेत्र में पार्क की दुर्दशा को देखकर खुद उसकी स्थिति सुधारने का निर्णय लिया है और एकजुट होकर उसमें निरंतर काम कर उसका स्वरूप बदल लिया दिया।
दरअसल, पार्क की बदहाली व आसपास में फैली गंदगी को लेकर सफाई कर्मियों, जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से शिकायत की। लेकिन शिकायतों पर काम होने के बाद भी पार्क की स्थिति ज्यों की त्यों ही रही। इसके बाद यहां के निवासियों के साथ मिलकर देश में स्वच्छता मिशन के प्रहरी बनकर खुद पार्क की तस्वीर बदलने का बीड़ा उठा लिया। उन्होंने बताया कि वैश्विक महामारी में सरकार द्वार लगाए लॉकडाउन के चलते करीब दो महीने से पार्क की देख-रेख नहीं कर पाए। लेकिन अनलॉक-एक में छूट के बाद शारीरिक दूरी का पालन कर पुन: पार्क को संवारे का कार्य शुरू कर दिया है। स्वयं फावड़े व खुरपे चलाकर श्रमदान देकर पार्क में पौधे लगाकर हरियाली लाने का प्रयास किया। इस पहल के लिए यहां के युवाओं से लेकर बड़े बुजुर्गों तक की भागीदारी रहीं, जो अब प्रतिदिन खुद ही इस पार्क में सैर करने के साथ ही साफ- सफाई व बागवानी का कार्य करते है।
उन्होंने कहा कि युवा परिवर्तन फाउंडेशन के सभी सदस्यों के आपसी सहयोग से क्षेत्र में वीरान पड़े पार्क को हरा भरा बना दिया है। क्षेत्र के जिस पार्क में कुछ समय पूर्व तक मलबा भरा रहता था आज वहां फूल, छायादार पेड़ के साथ औषधीय पौधे लगे हुए है। प्रत्येक रविवार पार्क की सफाई कर पौधारोपण किया जाता है। वैश्विक महामारी से बचाव करते हुए आने वाले दिनों में क्षेत्र के अन्य मैदान में पौधारोपण कर पार्क का रूप देने का काम किया जा रहा है साथ ही क्षेत्र की मुख्य सड़कों के बीच डिवाइडर व सड़क किनारे फुटपाथ पर बड़े गमलों में पौधे लगाए जा रहे हैं।
पार्क में लगे पौधों को लोग घरों से लाकर देते है पानी
दीपक बताते है कि पार्क के अंदर पानी की व्यवस्था नहीं है। यहां सुबह शाम सैर करने आ रहे लोग अपने घरों से नियमित रूप से एक बोतल में पानी लेकर आते है। हर कोई आपसी सहयोग से एक-एक पौधे को पानी देते है। पार्क में सैर करने के बाद लोग पौधों की देख रेख व पार्क में साफ-सफाई करने में मदद भी करते है।
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