जानिए क्यों हाई कोर्ट ने कहा- दिल्ली के लोगों की जिंदगी आपके लिए मायने नहीं रखती
केंद्रीय रिज क्षेत्र में 1.4 लाख पौधे लगाए जाने के आदेश की नाफरमानी करने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार के वन विभाग को जमकर फटकार लगाई।
नई दिल्ली, जेएनएन। केंद्रीय रिज क्षेत्र में 1.4 लाख पौधे लगाए जाने के हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद यह पौधे नहीं लगाए गए। कोर्ट के इस आदेश की नाफरमानी पर हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार के वन विभाग को जमकर फटकार लगाई है। न्यायमूर्ति नज्मी वजीरी की पीठ ने वन विभाग से कहा, आप पौधे लगाने के आदेश को हल्के में ले रहे हैं, क्योंकि दिल्ली के नागरिकों की जिंदगी आपके लिए मायने नहीं रखती। देखिए शहर में कितनी गर्मी है, पौधारोपण को टालना छोड़िए और इसे तत्काल पूरा करिए।
पीठ ने यह कड़ा रुख तब दिखाया जब दिल्ली सरकार ने पीठ के समक्ष जानकारी दी कि उन्होंने अब तक महज 3500 पौधे लगाए हैं और 2500 पौधे सप्ताह के अंत तक लगा दिए जाएंगे। उन्होंने आगे बताया कि 15 जून तक 30 हजार पौधे लगाने के आदेश दिए गए थे और सप्ताह के अंत तक 6 हजार पौधे लगाने का काम पूरा हो जाएगा।
वन विभाग ने बताया कि 30 मई के आदेश के बाद उन्होंने केंद्रीय रिज क्षेत्र में पौधारोपण के लिए सर्वे किया और 2500 अन्य पॉकेट की भी पहचान की। हालांकि, उन इलाकों में पौधों को पानी मैनुअल तरीके से ही दिया जा सकेगा। उन्होंने इसके साथ ही बाकी बचे पौधों को दक्षिण रिज क्षेत्र में लगाने की अनुमति देने की मांग की। हालांकि, पीठ को विभाग अपनी दलीलों से संतुष्ट नहीं कर सका।
वन विभाग का रुख है कि केंद्रीय रिज के चट्टानी इलाके में शीर्ष मिट्टी की ढीली और पतली परत है, जहां 11 मार्च को अदालत द्वारा आदेश दिए जाने के बाद इतनी बड़ी संख्या में तीन वर्षीय पौधे लगाना मुश्किल होगा। वन विभाग ने पीठ से उसके 11 मार्च और 30 मई को दिए आदेशों को संशोधित कर दक्षिणी रिज क्षेत्र में पौधे लगाने की अनुमति मांगी है।
रिज प्रबंधन बोर्ड की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव दत्ता ने सुझाव दिया कि कुछ पौधारोपण को दूसरे क्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया जाए। सभी पक्षों को सुनने के बाद पीठ ने वन विभाग को केंद्रीय रिज क्षेत्र में 5000 और दक्षिणी रिज क्षेत्र में लगभग 50000 पौधे लगाने का निर्देश दिया।
ऐसे में कुल 1.4 लाख पौधे में से 61 हजार पौधे इस तरह से लगाए जाएंगे। सुनवाई के दौरान वन विभाग ने कहा कि जहां पौधे लगाए गए हैं, वहां की ड्रोन के माध्यम फोटोग्राफी गर्मी के कारण नहीं हो पा रही है। इस पर पीठ ने कहा कि फोटोग्राफी के लिए कई लोग मिल जाएंगे, लेकिन आप ऐसा नहीं कर सकते।
पीठ ने कहा कि एक विवाह समारोह में लोग कई एंगल से ड्रोन के माध्यम से फोटो खींचते मिल जाएंगे, उनमें से ही कुछ लोगों को 10 हजार रुपये का भुगतान करें और वे आपके लिए पूरे रिज को कवर कर देंगे।
क्या था हाई कोर्ट का आदेश
हाई कोर्ट ने 11 मार्च को भारतीय दवा फर्म वेंकटनारायण एक्टिव इन्ग्रिडिएंट प्राइवेट लिमिटेड को केंद्रीय रिज में 1.4 लाख पौधे लगाने के आदेश दिए थे। साथ ही वन विभाग को निर्देश दिया था कि वह इसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करे।
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