Delhi: सेवा इंटरनेशल की मुहिम, 25 देशों से ला रहे इलाज में इस्तेमाल होने वाले उपकरण
विदेश में बैठे भारतवंशी और वहां के लोग अपने स्तर के साथ वहां की सरकारों से इस संकट की घड़ी में भारत की मदद का आग्रह कर रहे हैं। इसमें सेवा इंटरनेशनल के नेतृत्व में हिंदू स्वयंसेवक संघ समेत अन्य सामाजिक व धार्मिक संगठन भी मदद में जुट गए हैं।
नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। देश में विपदा की घड़ी है। कोरोना महामारी की दूसरी लहर में हर तरह त्राहिमाम है। बेड, आक्सीजन व दवाओं के अभाव में लोग दम तोड़ रहे हैं। इसमें भी तीसरी लहर की आशंका ने देशवासियों को और सहमा दिया है। देश की यह ह्दयविदारक तस्वीर देख विदेश में बैठे भारतवंशी और वहां के लोग भी व्यथित हैं और अपने स्तर के साथ वहां की सरकारों से इस संकट की घड़ी में भारत की मदद का आग्रह कर रहे हैं। इस मुहिम में सेवा इंटरनेशनल के नेतृत्व में हिंदू स्वयंसेवक संघ समेत अन्य सामाजिक व धार्मिक संगठन भी अपने स्तर पर मदद की मुहिम में जुट गए हैं। सेवा इंटरनेशल की यह प्रयास असर दिखाने लगा है। अमेरिका, ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया, कनाडा, केन्या, तंजानिया व सिंगापुर समेत 25 से अधिक देशों के लोग इस मुहिम में साथ आए हैं और भारत को मदद भेजना शुरू किया है। इसमेें ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, वेंटिलेटर, आक्सीमीटर व ऑक्सीजन यूनिट्स जैसे कोरोना बीमारी से लड़ने में सहायक उपकरण शामिल हैं। जिन्हें भारत में भेजा जा रहा है। अब तक दो हजार आक्सीजन कंसंट्रेटर की पहली खेप देश में आ भी गई है। इसे दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड समेत कमोबेश सभी राज्यों में बांट दिया गया है।
बृहस्पतिवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया व जामिया हमदर्द को भी पांच-पांच कंसंट्रेटर दिए गए। यहां आइसोलेशन वार्ड तो शुरू हो गया है, पर आक्सीजन कंसंट्रेटर न होने से मरीजों के इलाज में परेशानी हो रही थी। इस संबंध में सेवा इंटरनेशल के संयोजक श्याम परांडे ने बताया कि पिछले वर्ष कोरोना की पहली लहर में भारतवंशियों ने अपने-अपने देशों में बढ़चढ़ कर सेवा के कार्य किए थे। जिसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खूब सराहा हुई थी।
इस बार मातृभूमि संकट में हैं तो वह काफी व्यथित है और हर प्रकार से मदद को आगे आ रहे हैं। इसके लिए 500 से अधिक भारत वंशियों के सामाजिक संगठन साथ आए हैं। इसमें भाषा, धर्म व क्षेत्र के आधार पर बने संगठन भी शामिल है। इस तरह अब तक तीन हजार वेंटिलेटर, आठ हजार आक्सीजन कंसंट्रेटर व 10 हजार आक्सीमीटर की व्यवस्था की गई है। इनका भारत आना प्रारंभ भी हो गया है। मई के मध्य तक कमोबेश सभी सामान यहां आ जाएंगे। इन सामानों को दिल्ली, मुंबई व हैदराबाद जैसे अलग-अलग अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर उतारा जाएगा। जिससे कि पूरे भारत में वितरण में आसानी हो।
परांडे ने बताया कि भारत में कोरोना के तीसरे लहर की भी आशंका है। इससे निपटने के लिए भी अभी से प्रयास शुरू हो गए हैं। इसके लिए आक्सीजन प्लांट की व्यवस्था में भी सेवा इंटरनेशनल लगा हुआ है। देश में आने पर इन सामानों के वितरण के लिए सेवा इंटरनेशनल ने एक समिति बनाई है, जो हर राज्यो में काम करने वाली संस्थाओं व अस्पतालों की सूची मंगाई है, जिसे मदद की जा सकें।