नियुक्तियों में ट्रांसजेंडरों की अलग अधिसूचना की मांग, दिल्ली HC ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब
दिल्ली हाईकोर्ट ने शिक्षण पदों सहित सार्वजनिक नियुक्तियों में ट्रांसजेंडरों के लिए अलग-अलग रिक्तियों की अधिसूचना की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से जवाब मांगा। अदालत ने सरकार के गृह मंत्रायल को जवाब दाखिल करने के लिए 6 हफ्तों का वक्त दिया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शिक्षण पदों सहित सार्वजनिक नियुक्तियों में ट्रांसजेंडरों के लिए अलग-अलग रिक्तियों की अधिसूचना की मांग वाली याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा।
अदालत ने केंद्र को दिया 6 हफ्तों का वक्त
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय को एक ट्रांसजेंडरों द्वारा दायर याचिका में एक पक्षकार बनाया है और जवाब दाखिल करने के लिए 6 हफ्तों का वक्त दिया है।
याचिकाकर्ता अदालत के सामने तर्क दिया था कि आवेदन-पत्र में एक अलग श्रेणी के रूप ट्रांसजेंडर का उल्लेख ट्रांसजेंडरों के लिए पर्याप्त अनुपालन नहीं होगा और यह ट्रांसजेंडरों के अधिकारों का संरक्षण अधिनियम, 2019 का उल्लंघन करता है। ट्रांसजेंडरों को अभी भी एक रिक्त में आवेदन करने के लिए पुरुष, महिला या अन्य उम्मीदवारों के रूप में आवेदन करने पर मजबूर किया जा रहा है, क्योंकि रिक्तियों के लिए वह कोई जेडर का उल्लेख नहीं किया गया है।
बता दें, याचिकाकर्ता ने दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) में निकली भर्तियों के लिए आवेदन किया था और साल 2019 से वह सरकारी स्कूलों में रोजगार की तलाश कर रहा है।
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