दिल्ली के कई मेट्रो स्टेशन पर देखने को मिली आधा किमी लंबी लाइन, यहां जानिए वजह
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (Central Industrial Security Force) ने मेट्रो स्टेशनों पर जांच के लिए कड़े सुरक्षा उपायों को लागू किया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (Delhi Metro Rail Corporation) की ट्रेनों में सफर करने वाले हजारों यात्रियों को बृहस्पतिवार को कई मेट्रो स्टेशनों पर भारी मुसीबत का सामना करना पड़ा। कड़े सुरक्षा उपायों (stringent security measures) के चलते यात्रियों को मेट्रो स्टशनों पर कई चरणों की जांच से गुजरना पड़ा। इसके चलते स्टेशन पर काफी समय भी लगा। पीक आवर में सुरक्षा जांच के चलते लोगों ने परेशानी तो झेली ही साथ ही अपने दफ्तर या अन्य कार्य स्थलों पर भी देरी से पहुंचे। कई मेट्रो स्टेशन पर तो यात्रियों की आधा किलोमीटर तक की लाइन भी लगी। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यात्रियों के किस कदर परेशानी का सामना करना पड़ा होगा?
यहां पर बता दें कि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (Central Industrial Security Force) ने मेट्रो स्टेशनों पर जांच के लिए कड़े सुरक्षा उपायों को लागू किया है। इसके चलते यात्रियों को कड़ी सुरक्षा जांच के बीच से गुजरना पड़ रहा है।
DMRC के मुताबिक, उन्होंने सीआरपीएफ को सुरक्षा जांच की प्रक्रिया को नयापन देने के लिए कहा था। साथ ही, मेट्रो के यात्रियों से भी गुजारिश की है कि वे इसमें सीआरपीएफ जवानों के साथ सहयोग करें।
सूत्रों के मुताबिक, सीआरपीएफ जवानों की कड़ी सुरक्षा के चलते यात्रियों को लंबी-लंबी लाइन में लगना पड़ रहा है। खासकर पीक आवर में लोगों को ज्यादा परेशान हो रही, क्योंकि उन्हें जल्द से जल्द अपने कार्यस्थल पर पहुंचना होता है।
इन मेट्रो स्टेशनों पर लगी लंबी लाइन
जानकारी के मुताबिक, दिल्ली के अक्षरधाम, जीटीबी नगर, साउथ एक्सटेंशन और डाबड़ी मोड़ मेट्रो स्टेशन पर सुरक्षा जांच के दौरान लंबी-लंबी कतार देखने को मिली। यह भी जानकारी मिली है कि किसी-किसी मेट्रो स्टेशन पर आधा किलोमीटर (500 metres) लंबी लाइन भी देखने के लिए मिली। कुछ यात्रियों की शिकायत है कि इन सुरक्षा प्रक्रिया का पालन करने के चलते उनका सफर 10-15 मिनट लेट हुआ।
यहां पर बता दें कि दिल्ली-एनसीआर की लाइफ लाइन कही जाने वाली दिल्ली मेट्रो में तकरीबन 30 लाख यात्रियों रोजाना सफर करते हैं। खासकर पीक आवर में ब्लूलाइल, येलो लाइन और रेड लाइन में ज्यादा भीड़ देखने को मिलती है। ऐसी स्थिति में सुरक्षा जांच इसी तरह चलती रही तो यात्रियों को सफर के दौरान 15 अतिरिक्त देना पड़ेगा।
वहीं, मेट्रो के आला अधिकारियों की मानें तो यह सुरक्षा जांच यात्रियों के हित में की जा रही है। जल्द ही कुछ ऐसे प्रयास किए जाएंगे, जिससे लोगों को कम से कम परेशानी हो। वहीं, यात्रियों को भी समझना होगा कि सुरक्षा जांच का मकसद किसी को परेशान करना नहीं, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा यात्रा को सुनिश्चित करना है।
गौरतलब है कि दिल्ली मेट्रो स्टेशनों पर सुरक्षा में सेंध लगाना आसान नहीं है।स्टेशनों पर सुरक्षा की कमान संभालने वाले सीआइएसएफ के जवान मेट्रो ट्रेन में प्रवेश से पहले यात्रियों की जांच करते हैं। इतना ही नहीं, इस बात की जांच की जाती है कि कहीं वे कोई संदिग्ध व हानि पहुंचाने वाला सामान तो नहीं लेकर जा रहे हैं। सुरक्षा जांच की कड़ी में यात्रियों के सामान को भी स्कैनर से जांचा जाता है।
प्रशिक्षित जवान तैनात रहते हैं मेट्रो स्टेशन पर
मेट्रो स्टेशनों पर सुरक्षा कैसे की जाए? यात्रियों के साथ उनके सामान की कैसे जांच-परख की जाए? इसके लिए सीआरपीएफ के जवानों को खास तरह का प्रशिक्षण दिया जाता है। सुरक्षा जांच इतनी सख्त होती है कि कोई भी शख्स चाकू या अन्य हथियार लेकर भी मेट्रो स्टेशन में प्रवेश नहीं कर सकती है। जांच के दौरान महिलाओं के पर्स में जाने वाले हेयर पिन और नेल कटर तक को पहचान लेते हैं। कोई भी संदिग्ध वस्तु दिखने पर तुरंत स्कैनर मशीन को बंद कर बैग चेक किया जाता है। यदि बैग मशीन से बाहर निकल भी गया तो आगे खड़े सीआईएसएफ के जवान उस व्यक्ति को तुरंत रोक लेते हैं।
पिछले महीने एक महिला को चाकू के साथ पकड़ा गया था, जब उसका बैग स्कैनर में गया तो आवाज होने पर जांच में उसके पास चाकू निकला था।