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Go Airlines कंपनी में नौकरी देने पर युवाओं को ठगा, आरोपित गिरफ्तार

गो एयरलाइंन कंपनी में अस्थायी पद पर काम कर रहे एक एग्जिक्यूटिव की ओर से एयरलाइन में विभिन्न पदों पर स्थाई नौकरी का झांसा देकर युवाओं से लाखों की ठगी का मामला सामने आया है।

By Pooja SinghEdited By: Published: Sun, 29 Sep 2019 04:00 PM (IST)Updated: Sun, 29 Sep 2019 04:00 PM (IST)
Go Airlines कंपनी में नौकरी देने पर युवाओं को ठगा, आरोपित गिरफ्तार
Go Airlines कंपनी में नौकरी देने पर युवाओं को ठगा, आरोपित गिरफ्तार

नई दिल्ली जेएनएन। गो एयरलाइंन कंपनी में अस्थायी पद पर काम कर रहे एक एग्जिक्यूटिव की ओर से एयरलाइन में विभिन्न पदों पर स्थाई नौकरी का झांसा देकर युवाओं से लाखों की ठगी का मामला सामने आया है। रुपये लेकर आरोपित ने पीड़ितों को कंपनी के फर्जी लेटर हेड पर नियुक्ति पत्र भी दे दिया था। जब पीड़ित नियुक्ति पत्र लेकर कंपनी के कार्यालय में पहुंचे तो ठगी का पर्दाफाश हुआ। बाद में एयरलाइन के अधिकारियों ने खुद इसकी जानकारी पुलिस को दी। शिकायत के बाद एयरपोर्ट थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपित राहुल सिंह को गिरफ्तार कर लिया है।

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आइजीआइ एयरपोर्ट के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 26 जुलाई को गो एयरलाइन की एचआर मैनेजर ने पुलिस में अपनी एक कर्मी के खिलाफ ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया गया था कि गत कुछ दिनों में करीब छह युवकों ने कंपनी के कार्यालय में पहुंच कर यह दावा किया कि एयरलाइन में केबिन अटेंडंडेट व उसके समकक्ष पदों के लिए उनका चयन हो चुका है। उन्होंने कंपनी के लेटर हेड पर जारी नियुक्ति पत्र भी दिखाए। घटना सामने आने पर कंपनी ने इसकी आंतरिक जांच कराई तो पता चला कि इसमें अस्थायी पद पर काम कर रहा एग्जिक्यूटिव राहुल सिंह व कुछ अन्य कर्मचारी शामिल हैं।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि राहुल ने ठगी में अपने दो अन्य साथियों के शामिल होने की बात स्वीकार की है। उन्होंने अब तक कई युवकों से 10 लाख रुपये से अधिक की ठगी की है। युवकों से वह उनकी हैसियत के हिसाब से एक से 6 लाख रुपये तक की मांग करता था। वह युवकों से रुपये अपने बैंक खाते में डलवाता था।

फर्जी सर्टिफिकेट पर खुद भी पाई थी नौकरी

जांच में पता चला कि जुलाई में ही राहुल को कस्टमर एग्जिक्यूटिव पद पर अस्थाई तौर पर रखा गया था। जतांच में उसका बीबीए का सर्टिफिकेट भी फर्जी पाया गया। सर्टिफिकेट के अनुसार 2014 में उसने बीबीए की डिग्री हासिल की थी। पर जिस संस्थान की उसने बीबीए की डिग्री कंपनी को दी थी वह संस्थान ना तो यूजीसी से संबद्ध है और ना ही उसका किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से संबंध है।

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