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ओमिक्रोन वैरिएंट में लोगों की मदद के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने तैयार किए 10 लाख से अधिक "सेवा दूत', ब्लाक स्तर पर संभाला मोर्चा

देश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर एक बार फिर से दबाव बढ़ने लगा है। ऐसे में चिकित्सों व स्वास्थ्यकर्मियों की कंधे से कंधा मिलाकर मदद के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 10 लाख से अधिक सेवा दूत तैयार हैं जो ब्लाक स्तर पर मोर्चा संभालने लगे हैं।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Wed, 12 Jan 2022 05:38 PM (IST)Updated: Wed, 12 Jan 2022 05:38 PM (IST)
ओमिक्रोन वैरिएंट में लोगों की मदद के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने तैयार किए 10 लाख से अधिक "सेवा दूत', ब्लाक स्तर पर संभाला मोर्चा
ब्लाक स्तर पर समाज को जागरूक व संक्रमितों की मदद के लिए लिया है विशेष प्रशिक्षण।

नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। कोरोना लहर एक बार फिर से देश में "चिकित्सा आपातकाल' की स्थिति पैदा करने लगा है। हालांकि, चिकित्सा विशेषज्ञ ओमिक्रोन वैरिएंट को कम घातक बता रहे हैं, लेकिन यह अधिक संक्रामक है। इसलिए यह तेजी से देश के लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। इसके चलते देश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर एक बार फिर से दबाव बढ़ने लगा है। ऐसे में चिकित्सों व स्वास्थ्यकर्मियों की कंधे से कंधा मिलाकर मदद के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 10 लाख से अधिक "सेवा दूत' तैयार हैं, जो ब्लाक स्तर पर मोर्चा संभालने लगे हैं।

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पहले के दो लहरों में संघ के स्वयंसेवकों ने बखूबी मोर्चा संभाले रखा था। पांच लाख से अधिक स्वयंसेवक सेवा कार्य में लगे हुए थे। अकेले प‍िछली लहर में ही करीब 75 लाख परिवारों को राशन किट मुहैया कराया गया था। चार करोड़ से अधिक भोजन के पैकेट बांटे गए थे। इसी तरह 287 शहराें में आइसोलेशन केेंद्र बनाए गए थे। वहीं, कोविड केयर सेंटर में 19 हजार से करीब मरीजों की सेवा की गईं थी।

इन सेवा दूतों को संघ के आनुषांगिक संगठन नेशनल मेडिकोज आर्गनाइजेशन (एनएमओ) द्वारा विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। इन्हें संक्रमित मरीजों को अस्पताल लाने-ले जाने, आक्सीजन लगाने व आइसोलेशन में चिकित्सकीय मदद में दक्ष हैं।

पिछली लहर में आक्सीजन सिलेंडर लगाने और आइसोलेशन में मरीजों की चिकित्सकीय मदद के लिए स्वास्थ्यकर्मियों की कमी बड़ी समस्या बन गई थी। गांवों में पहले से स्वास्थ्य ढांचा नहीं है तो कोरोना ने गांवों में ज्यादा कहर बरपाया। इसे देखते हुए संघ ने देशभर में ऐसे स्वास्थ्य स्वयंसेवकों की फौज खड़ा करने का फैसला लिया, जो अगली लहर में मोर्चे पर डट सकें।

संघ के आनुषांगिक संगठन सेवा भारती के राष्ट्रीय सचिव राम कुमार ने बताया कि इनमें से काफी स्वयंसेवक पहली और दूसरी लहर में देशभर में लाेगों को राशन किट, भोजन, मास्क, सैनिटाइजर, काढ़ा व दवाएं समेत अन्य चीजों की मदद पहुंचाने में जुटे हुए थे। इन्हीं में से इच्छुक युवाओं को चिन्हित कर इन्हें चार-चार घंटे का स्वास्थ्य प्रशिक्षण दिया गया है। अब जबकि संक्रमण फिर तेज है तो इन्हें फिर से अभ्यास के लिए ट्रेनिंग कराई जा रही है और आपात स्थिति के लिए तैयार किया जा रहा है।

ये आवश्यकता पड़ने पर मरीजों की देखभाल के साथ आक्सीजन, इंजेक्शन और अन्य चिकित्सकीय सहायता कर सकते हैं। वैसे, अभी इसकी अधिक आवश्यकता नहीं है तो ये स्वयंसेवक लोगों को टीकाकरण के साथ काेरोना से बचाव को लेकर जागरूक करने में जुटे हुए हैं। भीड़भाड़ स्थानों पर मास्क व सैनिटाइजर के साथ काढ़ा बांटा जा रहा है। राम कुमार ने कहा कि अभी आइसोलेशन सेंटर व आक्सीजन की आवश्यकता नहीं है। जरूरत पड़ने पर इसकी व्यवस्था तैयार रखी गई है। इसी तरह राशन वितरण को लेकर भी संघ परिवार द्वारा तैयारी रखी गई है।

देशभर में भेजे गए एक लाख निरामय किट

सेवा भारती द्वारा मौजूदा लहर को देखते हुए देशभर में बांटने के लिए एक लाख निरामय किट तैयार किए गए हैं जो फ्रंटलाइन वर्कर को दिए जाएंगे। इस किट में सैनिटाइजर, मास्क, पल्स आक्सीमीटर व बुखार की दवाएं है। ऐसे किट दिल्ली पुलिस के सभी पीसीआर वैन को उपलब्ध करा दिए गए हैं।

दो हजार इमरजेंसी हेल्थ वर्कर तैयार

एनएमओ, रेडक्रास, दिल्ली पुलिस व सेवा भारती के संयुक्त प्रयासों से दो हजार इमरजेंसी हेल्थ वर्कर भी तैयार किए गए हैं। इन्हें एक हफ्ते का विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। ये आवश्यकता पड़ने पर अस्पतालों व आइसोलेशन सेंटर में स्वास्थ्य व्यवस्था संभालने में सहयोग कर सकेंगे। वैसे, यह इमरजेंसी हेल्थ वर्कर केवल दिल्ली में ही तैयार किए गए हैं।

दो लहरों में संघ स्वयंसेवकों ने संभाला था मोर्चा

पहले के दो लहरों में संघ के स्वयंसेवकों ने बखूबी मोर्चा संभाले रखा था। पांच लाख से अधिक स्वयंसेवक सेवा कार्य में लगे हुए थे। करीब 75 लाख परिवारों को राशन किट मुहैया कराया गया था। चार करोड़ से अधिक भोजन के पैकेट बांटे गए थे। पिछली लहर में 287 शहराें में आइसोलेशन केेंद्र बनाए गए थे। वहीं, कोविड केयर सेंटर में 19 हजार से करीब मरीजों की सेवा की गईं ।


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