Move to Jagran APP

प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए दिल्ली-एनसीआर के लिए बनाना होगा एक प्लान, जानिए क्या कहते वैज्ञानिक

यह कमेटी प्रदूषण रोकने को लेकर कार्ययोजना बनाएगी। लेकिन यहां यह ध्यान देना होगा कि कार्ययोजना को अमलीजामा पहनाने पर जोर देना होगा। कागजों में योजना नहीं बननी चाहिए बल्कि जमीन पर पालन सुनिश्चित कराया जाना चाहिए। चरणबद्ध तरीके से प्रदूषण के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़नी चाहिए।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 03:23 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 03:23 PM (IST)
प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए दिल्ली-एनसीआर के लिए बनाना होगा एक प्लान, जानिए क्या कहते वैज्ञानिक
यदि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ता है तो एनसीआर प्रभावित होगा ही।

नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। प्रदूषण की समस्या दिन-ब-दिन सुरसा के मुंह की भांति विकराल हो रही है। दिल्ली के हालात किसी से छिपे नहीं हैं। लाकडाउन सरीखे हालात पैदा होने लगे हैं। स्कूल, कालेज बंद करने पड़ रहे हैं। इसलिए जरूरी है कि प्रदूषण रोकने के लिए गंभीर प्रयास हों। प्रदूषण की समस्या को किसी एक राज्य या शहर की समस्या के चश्मे से नहीं देखना चाहिए। यह जितनी विकराल दिल्ली के लिए है, उतनी ही गंभीर एनसीआर के लिए भी। यदि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ता है तो एनसीआर प्रभावित होगा ही।

loksabha election banner

प्रदूषण की समस्या जितनी विकराल दिल्ली के लिए, उतनी ही गंभीर एनसीआर के लिए, प्रभावित होता आसमान

यदि एनसीआर में प्रदूषण होगा तो दिल्ली चाहे जितने जतन करे हालात सुधरने वाले नहीं। सर्दियों में भी किस तरह दिल्ली-एनसीआर प्रदूषण की मार झेल रहा है। लेकिन, यह भी कड़वी सच्चाई है कि प्रदूषण सिर्फ एक-दो महीने की बात नहीं है। मानसून को छोड़ दें तो यहां के वातावरण में प्रदूषक तत्व हमेशा सामान्य से अधिक रहते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए घातक हैं। इसलिए बेहतर यही होगा कि दिल्ली-एनसीआर के लिए एक समग्र प्लान बनाए जाएं।

यदि दिल्ली को प्रदूषण मुक्त करना है तो सिर्फ दिल्ली के स्थानीय प्रदूषण स्रोत को ही कम करने से बात नहीं बनेगी, बल्कि दिल्ली के आसपास 250 किलोमीटर के दायरे में प्रदूषण को कम करना पड़ेगा। तब जाकर दिल्ली और इसके आसपास के शहरों में लोग स्वच्छ हवा में सांस ले पाएंगे। नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरुग्राम आदि में प्रदूषण रोकने के लिए प्रशासन को सख्त होना होगा। इन शहरों में जिला प्रशासन को दो चरणों में अभियान चलाना होगा। पहला, प्रदूषण रोकने के लिए नियमों का पालन सख्ती से कराना होगा। दूसरा, लोगों को जागरूक करना होगा।

लोगों को समझाना होगा कि प्रदूषण किस तरह ना केवल सार्वजनिक स्थल बल्कि अब तो घर की दहलीज के अंदर दम घोंटने पर उतारू हो चुका है। बच्चों, बुजुगोर्ं के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों से अवगत कराना होगा। इसके लिए शैक्षणिक संस्थानों की भी मदद ली जानी चाहिए। प्रदूषण संबंधी शोध को बढ़ावा देना चाहिए ताकि जमीनी हकीकत से वाकिफ कराया जा सके।

योजना को कागजों से बाहर लाने की जरूरत

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक पहल तो की है। सीपीसीबी ने दिल्ली समेत एनसीआर के शहरों को मिलाकर कमेटी गठित की है। यह कमेटी प्रदूषण रोकने को लेकर कार्ययोजना बनाएगी। लेकिन यहां यह ध्यान देना होगा कि कार्ययोजना को अमलीजामा पहनाने पर जोर देना होगा। कागजों में योजना नहीं बननी चाहिए बल्कि जमीन पर पालन सुनिश्चित कराया जाना चाहिए। चरणबद्ध तरीके से प्रदूषण के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़नी चाहिए। इसमें इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि जनता की भागीदारी के बिना सफलता नहीं मिलेगी। इसलिए जन भागीदारी सुनिश्चित होनी चाहिए।

दिल्ली में करें तो एनसीआर में क्यों नहीं

दिल्ली प्रदूषण की मार ज्यादा ङोल रही है, इसलिए यहां सभी क्षेत्रों में कोयले सहित दूषित ईंधन का इस्तेमाल बंद कर दिया गया है। सभी कोयला आधारित बिजली संयंत्रों को बंद कर दिया गया है। पुराने वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाया जा रहा है। डीजल जेनरेटर सेट पर निर्भरता कम करने के लिए बिजली की आपूर्ति में सुधार किया गया है, घरों में ठोस ईंधन का उपयोग काफी कम हो गया है और पार्किंग क्षेत्र प्रबंधन योजनाओं जैसे उपायों को अपनाया गया है। कुछ इसी तरह एनसीआर के शहरों को भी कदम उठाने होंगे। कोशिश होनी चाहिए कि छोटे-बड़े शहरों को एक मंच पर लाया जाए। एक-दूसरे के साथ मिलकर ही समस्या का समाधान खोजा जा सकता है।

(डा. एसके त्यागी, पूर्व अपर निदेशक केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी)


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.