देहरादून की छात्रा ने मौसी की डांट से उठाया ये कदम, घरवालों ने दिल्ली पुलिस को कहा 'थैंक्स'
मौसी की डांट से नाराज 15 वर्षीय छात्रा देहरादून के टिहरी से भागकर दिल्ली आ गई। वह स्कूल की ड्रेस में दरियागंज स्थित डीसीपी कार्यालय के समीप भटक रही थी।
नई दिल्ली, जेएनएन। मौसी की डांट से नाराज नौवीं की छात्रा देहरादून के टिहरी से भागकर दिल्ली आ गई। वह स्कूल ड्रेस में दरियागंज स्थित डीसीपी कार्यालय के समीप भटक रही थी, तभी पुलिसकर्मियों की उसपर नजर पड़ी। दरियागंज पुलिस ने उससे पूछताछ के बाद उसके परिजनों व टिहरी पुलिस को सूचना दी। छात्रा के पिता दिल्ली आए और किशोरी को अपने साथ ले गए।
'ऑपरेशन मिलाप' के तहत पुलिस द्वारा छात्रा को मिलाए जाने पर परिजनों ने धन्यवाद ज्ञापित किया है। पुलिस अधिकारी के मुताबिक, किशोरी टिहरी में नाना-नानी के घर में रहती है। वह वहां के स्थानीय स्कूल में पढ़ती है। पिता टिहरी में ही अलग रहते हैं और परचून की दुकान चलाते हैं।
मौसी की डांट से नाराज होकर छात्रा 30 जनवरी की रात बस से दिल्ली आ गई थी। बस अड्डे से वह पैदल दरियागंज इलाके में पहुंच गई। 31 जनवरी की सुबह दरियागंज इलाके में इधर-उधर घूम रही थी। हेड कांस्टेबल सोमनाथ और कांस्टेबल हरिओम राणा ने उसे इस तरह स्कूल ड्रेस में घूमते देखा तो पूछताछ की।
वे छात्रा को दरियागंज थाने ले गए। दरियागंज थाना एसएचओ राकेश शर्मा ने मामले को गंभीरता से लिया। यहां महिला कर्मियों ने छात्रा से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह मौसी की डांट से नाराज होकर घर से भागी है। छात्रा के स्कूल बैग में करीब चार सौ रुपये थे।
नोट बुक में एक पेज पर उसके घर का मोबाइल नंबर लिखा मिला। उस पर उसके पिता ने कॉल रिसीव की। मध्य जिला के एडिशनल पुलिस उपायुक्त अमित शर्मा ने बताया कि तफ्तीश में पता चला कि परिजनों ने छात्रा की गुमशुदगी की रिपोर्ट टिहरी थाने में लिखवा रखी थी। छात्रा का मेडिकल कराने के बाद उसे उसके पिता को सौंप दिया गया। बेटी के सुरक्षित मिलने पर वह काफी खुश थे और दिल्ली पुलिस को धन्यवाद देते नहीं थक रहे थे।